बिखर गया जनता परिवार



आज समाजवादी पार्टी (सपा) ने स्पष्ट घोषणा कर दी कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले अपनी दम पर लडेगी | इसके साथ ही समाजवादी पार्टी तथाकथित भव्य गठबंधन से बाहर हो गई है ।

सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने लखनऊ में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया है कि जनता दल (यू), राजद और कांग्रेस गठबंधन ने सीटों के बंटवारे को लेकर अपने अन्य सहयोगियों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया | उन्होंने कहा कि अब हम अन्य दलों से बात करेंगे क्योंकि हमें जो पांच सीटों की पेशकश की गई, वह कतई मान्य किये जाने योग्य नहीं है । बिहार इकाई के शीर्ष नेता और कार्यकर्ता इस पेशकश से अत्यंत दुखी हैं ।

राम गोपाल यादव ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के आवास पर हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में विशेष आमंत्रित बिहार इकाई के अध्यक्ष की मौजूदगी में कहा कि "पार्टी के सम्मान की रक्षा के लिए हमें बिहार चुनाव अकेले ही लड़ना होगा | इतने अपमान के बाद भी गठबंधन में बने रहना तो समाजवादी पार्टी द्वारा स्वयं के मौत के वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा होगा ।" 

उनसे गठबंधन के भविष्य पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि कहाँ का जनता परिवार ? वास्तव में तो वह कभी अस्तित्व में ही नहीं आया | कभी बना ही नहीं |

स्मरणीय है कि अक्टूबर में मुलायम सिंह की पहल पर ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपने मतभेद भूलकर एक मंच पर आये थे | समाजवादी पार्टी की इस घोषणा से भाजपा के विरोध हेतु बने तथा कथित जनता परिवार का कुनबा एक बार फिर बिखरना शुरू हो गया ।

इसके पूर्व पिछले महीने केवल तीन सीटें आवंटित किए जाने के बाद शरद पवार की राकांपा भी उक्त गठबंधन से बाहर जा चुकी है । 

इस सम्पूर्ण घटना चक्र का रोचक पहलू तह भी है कि 27 अगस्त को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से तथा 2 सितम्बर बुधवार को रामगोपाल यादव की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात हो चुकी है | बैसे भी बिहार में सपा के पास खोने को है ही क्या ? इस बहाने अगर .........???

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