पत्नी व बच्चों की हिरासत के बाद पेटलावद काण्ड आरोपी राजेन्द्र कासवा गिरफ्तार |


भोपाल। 12 सितंबर 2015 की सुबह मध्य प्रदेश में झाबुआ जिले के पेटलावद कसबे में हुए विस्फोट में लगभग 105 लोग मारे गए थे | पुलिस रिपोर्ट के अनुसार दो विस्फोट हुए । शुरू में पहला विस्फोट भीड़ भरे रेस्तरां में हुआ, जबकि दूसरा विस्फोट दूसरी मंजिल के बंद कमरे में रखी जिलेटिन की छड़ों में हुआ । इन विस्फोटों से पूरी इमारत ढह गई और लगभग 105 लोगों की जान गई |

इन विस्फोटों के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार व्यक्ति है राजेन्द्र कासवा, जिसके विषय में कहा जाता है कि वह पिछले तीन दशकों से विस्फोटकों की तस्करी में लिप्त था | इस तथ्य के बाबजूद कि वह पुलिस निगरानी वाला अपराधी था, उसने पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीसो) से लाइसेंस हासिल कर लिया था ।

पुलिस और पीईएसओ अधिकारी अब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं | खुफिया विभाग के सूत्रों के अनुसार कासवा को तीन चार साल पहले भी विस्फोटकों के अवैध संग्रहण के मामले में झाबुआ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसका परिवार 80 के दशक से ही विस्फोटकों के अवैध परिवहन में लिप्त था।

उसके खिलाफ पहला मामला 1981 में झाबुआ के रायपुरिया पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। लेकिन अब उस गिरफ्तारी का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, क्योंकि थाने का 20 से अधिक वर्षों पुराना रिकॉर्ड कानूनी तौर पर नष्ट कर दिया जाता है ।

स्थानीय निवासियों के अनुसार गोडाउन के आसपास अक्सर संदिग्ध गतिविधियाँ देखी जाती थीं | अक्सर रात को 2-3 बजे ट्रकों से सामान उतारा चढ़ाया जाता था | अक्सर राजस्थान में पंजीकृत ट्रक वहां आते थे ।

कासवा पेटलावद की महावीर जैन कॉलोनी में अपने परिवार के साथ निवासरत था । आज का ताजा समाचार यह है कि दुर्घटना के चार दिन बाद उसे महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है | इसके पूर्व मंगलवार दिनांक 15 सितम्बर की रात को इंदौर के पास मानपुर से उसकी पत्नी प्रमिला, बेटे शुभम और बेटी सोनिया को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था | उसके भाई फूलचंद और नरेंद्र भी हिरासत में लिये गये। हालांकि अभी पुलिस गिरफ्तारी को न तो स्वीकार कर रही है और न ही गिरफ्तारी को नकार रही हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगले दो तीन दिन बाद उसे विस्फोटक अधिनियम की धाराओं और धारा 304 के अंतर्गत गिरफ्तार दर्शाया जायेगा । इस बीच पुलिस ने कासवा को विस्फोटक सप्लाई करने वाले धर्मेंद्र राठौड़ को भी गिरफ्तार कर लिया है। राठौर को धार जिले के बदनावर से गिरफ्तार किया गया । उसके पास गाँव छोटी रहेंडी में विस्फोटकों के भंडारण के लिए लाईसेंस व गोदाम है ।

आम तौर पर राजेन्द्र कासवा जैसे दो नंबर का काम करने वाले लोग राजनैतिक सरपरस्ती हासिल कर ही लेते हैं | जब वह व्यक्ति विगत तीन दशकों से विस्फोटकों का धंधा कर रहा था, तो स्वाभाविक ही उसके राजनैतिक संपर्क होंगे ही | जब जिसकी सरकार, उसके हम ताबेदार | कांग्रेस राज में सांसद के बेटे के दोस्त तो भाजपा सरकार में भाजपा कार्यकर्ता | इसलिए वह कांग्रेसी था या भाजपाई इसकी चर्चा फिजूल है | लेकिन राजनीति को क्या कहें कांग्रेसी उसे भाजपाई बताने पर तुले हुए हैं तो भाजपाई उसे कांग्रेसियों का नजदीकी बताने पर आमादा | 

अच्छा यह है कि संवेदनशील मुख्यमंत्री ने उसे केवल अपराधी और गुनहगार माना है | 105 लोगों का हत्यारा मानकर ही प्रशासन ने उसके साथ व्यवहार किया है | अपराधी के साथ कठोरता और पीड़ितों के साथ पूर्ण संवेदना, यही अच्छे प्रशासन का लक्षण है | जिसका इस प्रकरण में पूरा पूरा ध्यान रखा गया | कौन मुख्यमंत्री इतना साहस करेगा कि गुस्से भरी भीड़ के बीच सड़क पर जाकर अकेला बैठ जाए ? इसके लिए जो आत्मबल लगता है, वह शिवराज जी में है |

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