उसने कहा "साहब माँ को गाली मत दो" और पुलिस पिटाई में मारा गया |



शिवपुरी जिले के कोलारस कस्बे में घटी उक्त अमानवीय घटना स्तब्ध कर देने वाली है | जाट और कुशवाह समाज के लोगों के बीच हुई मारपीट की सामान्य घटना के बाद दोनों पक्षों की शिकायत पर कोलारस पुलिस ने दोनों पक्षों पर प्रकरण कायम कर गिरफ्तारियां कीं | लेदेकर सामान्य धाराओं में प्रकरण दर्ज होने की सौदेवाजी चल ही रही थी, कि तभी गिरफ्तार किये गए एक आरोपी बलराज जाट की माँ और भाई वहां आ पहुंचे |

स्वाभाविक ही सौदेवाजी में विघ्न पड़ता देख पुलिस के तेवर कड़े हो गए और पुलिस वालों ने गाली गलौज शुरू कर दी | बलराज जाट का भाई बलराम, जो केवल अपने भाई की गिरफ्तारी का कारण जानने आया था, पुलिस से केवल यह गुजारिश करने की हिमाकत कर बैठा कि "साहब मेरी माँ को तो गाली मत दो" | बस उस बेचारे की शामत आ गई |

उसे मारमार कर अधमरा कर दिया गया | जब वह बेहोश हो गया, तब कहा गया कि इसे घर ले जाओ | परिवार बाले उसे घर क्या ले जाते, अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया |

पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही, उन्होंने आनन फानन में कहानी गढ़ ली, कि रास्ते में कुशवाह समाज के लोगों ने एक बार फिर मारपीट की, जिसके कारण बलराम की मौत हुई |

सच है आखिर पुलिस पर हत्या का प्रकरण कैसे दर्ज हो सकता है ? अब अज्ञात कुशवाहों की खोज की जायेगी, और कमाई का एक और रास्ता खुलेगा |

यह सम्पूर्ण घटनाचक्र एक अन्य कारण से भी अत्याधिक दुःखदाई | क्योंकि यह इस बात का भी संकेत देता है कि जाति पंथ में बंटे हम लोग किस प्रकार प्रकारांतर से आदिम कालीन कबीलाई युग में पहुंचते जा रहे हैं | 

राजू कुशवाह नामक एक नौजवान जाट बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने जाट मोहल्ले में जाया करता था | स्वाभाविक ही ट्यूशन पढ़ाकर गुजर बसर करने वाला कोई धन्ना सेठ तो होने से रहा | उसके जहीन होने में भी क्या शक हो सकता है ?

किसी कारण से कुछ जाट नौजवानों से उसका पंगा हो गया, और जाट नौजवानों ने उसे ट्यूशन पढ़ाकर लौटते समय रास्ते में पीट डाला | पिटाकुटा राजू जब अपने मोहल्ले में पहुंचा तो कुशवाहों का भी खून गर्म हो गया | 

हमारे समाज के लडके को पीटा, जाटों की इतनी हिम्मत ? लाठी लुहांगी से लैस होकर वे भी जा पहुचे जाट मोहल्ले में | और फिर शुरू हो गई एक दूसरे की ठुकाई पिटाई | दोनों पक्षों के ही लोगों को चोटें आईं |

विवाद में घायल दोनों पक्ष के लोग किस्मत के मारे जा पहुंचे पुलिस स्टेशन | पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी और 151 की सामान्य धारा में प्रकरण पंजीबद्ध करने के नाम पर दोनों ही पक्षों से 25 - 25 हजार की मांग भी सामने रख दी | बताया जाता है कि फूलसिंह जाट से पांच हजार ले भी लिए | कि तभी मामले में नाटकीय मोड़ आ गया और उपरोक्त गंभीर घटना क्रम घट गया |

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