राजनीति के खेल निराले |

असम में कांग्रेस की एक विधायक है रूमी नाथ |

रूमी के राजनैतिक जीवन का प्रारम्भ भाजपा से हुआ | रूमी ने 2004 में बारखोला सीट से बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था | लेकिन 2010 में राज्‍यसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के मकसद से क्रॉस-वोटिंग करने के आरोप वे पार्टी से निकाल दी गई थीं | 2011 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने उन्हें पुरष्कृत करते हुए टिकट दिया और वे दोबारा विधानसभा पहुंचीं |

रूमी जुलाई 2012 में उस वक्‍त चर्चा में आईं जब उन्‍होंने अपने पहले पति डॉ. राकेश कुमार सिंह को तलाक दिए बिना और अपनी दो साल की दुधमुंही बच्ची को छोड़कर समाज कल्याण विभाग में लोअर डिविजन असिस्टेंट के पद पर तैनात जैकी से शादी कर ली | 35 साल की रूमी और 31 साल के जाकिर 22 मई को सिलचर से गायब हो गए थे | उसके बाद दोनों 4 जून 2012 को गुवाहाटी स्थित रूमी के सरकारी आवास में ही नजर आए |

विवाहित रूमी नाथ का जैकी जाकिर से परिचय सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से हुआ | शीघ्र ही यह परिचय इतना प्रगाढ़ हो गया कि रूमी नाथ ने जुलाई 2012 में इस्लाम कबूल कर जाकिर से निकाह कर लिया |

लेकिन शीघ्र ही रूमीनाथ को जाकिर की असलियत समझ में आने लगी | 8 अप्रैल 2014 को जाकिर कारचोरी के आरोप में गिरफ्तार हुआ | करीमगंज जिले में बदरपुर स्थित उसके आवास से उसकी गिरफ्तारी हुई | पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि कार चोरों के मुखिया अनिल चौहान को रूमी की सिफारिस पर असम विधानसभा के कार पास जारी किये गए | इसके बाद पुलिस ने रूमी से पूछताछ की और असम कांग्रेस के अध्यक्ष अंजन दत्ता ने कुख्यात कार चोर से सम्बन्ध के लिए रूमी को कारण बताओ नोटिस जारी किया |

बस यहाँ से ही जाकिर और रूमी का मनमुटाव बढ़ता गया | और अंततः दोनों अलग रहने लगे | किन्तु मामले में नाटकीय मोड़ तब आया जब रूमी ने जाकिर पर मारपीट का आरोप लगाया तथा 18 अक्टूबर को पुनः हिन्दू धर्म स्वीकार किया | 

आसाम में अब यह बहस छिड़ गई है कि यह एक लव जिहाद प्रताड़ित की घर वापसी है, अथवा येन केन प्रकारेण राजनीति में बने रहने की कोशिश ? 

क्या भाजपा या कांग्रेस अब दुबारा रूमी पर दांव लगायेंगे ?


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