बेचारे विपक्षी मोदी जी के विदेश प्रवास से झल्लाएं नहीं तो क्या करें ?



अगले माह 12 नवम्बर से प्रारम्भ होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिदिवसीय ब्रिटेन यात्रा की कुछ ख़ास बातें –

भारतीय मूल के लोगों के लोगो द्वारा स्वागत |
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ दोपहर का भोजन |
ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ चर्चा |

ऊपर से देखने में ये तीनों बातें बहुत साधारण दिखाई देती हैं | नरेंद्र मोदी के पहले भी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जाते रहे हैं और लगभग यही सब होता भी रहा है | फिर मोदी जी की यात्रा में ऐसी क्या ख़ास बात है, जो विपक्षियों के सीने पर सांप लोटने लगते हैं ?

खास बात है, हर कार्यक्रम में अन्तर्निहित गर्मजोशी, जो मोदी जी के कद को हर यात्रा के बाद एक नई बुलंदी पर पहुचाती जा रही है | 

अब देखिये भारतीय मूल के लोग जब मोदी मोदी के नारों के बीच उनका जबरदस्त स्वागत करेंगे, तब उनके साथ उनके ब्रिटिश समकक्ष भी होंगे | वेम्बली स्टेडियम ओलम्पिक स्टाइल में नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है | कार्यक्रम के 15 दिन पूर्व ही उसमें उपस्थिति हेतु की जा रही पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं | कल रात से टिकिट विक्रय किया जाना बंद कर दिया गया है |

यूरोप भारत फोरम (EIF) के एक प्रवक्ता ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर भूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली है। ब्रिटेन भर से लोगों ने स्थान आरक्षित करने हेतु आवेदन किया है | दो वर्ष आयु के बच्चों से लेकर 92 वर्षीय बुजुर्ग दो महान राष्ट्रों के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनने वाले हैं |,इस गौरवशाली आयोजन में 60,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है ।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन उनके हर कार्यक्रम में उनके साथ रहेंगे | नरेंद्र मोदी और कैमरन के सम्बन्ध पहले से ही पर्याप्त घनिष्ठ बन चुके हैं, इस दौरे के बाद उनमें और गर्माहट आयेगी | जैसा कि इस यात्रा में केन्द्रीय भूमिका निभा रहीं, ब्रिटेन की भारतीय समुदाय की केम्पेन और रोजगार मंत्री प्रीति पटेल ने कहा भी कि यह यात्रा दोनों नेताओं की अपराजेय संयुक्त शक्ति प्रदर्शित करेगी | 

अब मोदी अगर भारत ह्रदय सम्राट के साथ विश्व मान्य भी होते जा रहे हैं, तो स्वाभाविक ही विपक्ष को झल्लाहट होनी लाजिमी है |

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की राजकीय यात्रा की धूमधाम और समारोह के तुरंत बाद होने वाली मोदी जी की इस यात्रा को ब्रिटिश कुछ ज्यादा ही संजीदगी से ले रहे हैं | वे दोनों देशों के बीच संबंध, की गर्मी को उजागर करने के लिए उत्सुक है।

इसी गर्मजोशी का प्रतीक है 13 नवंबर की दोपहर को महारानी के साथ बकिंघम पैलेस में होने वाला मोदी जी का दोपहर का भोजन | यह कहने को तो महज लंच है किन्तु सोने का पानी चढी शाही सवारी में महारानी और नरेंद्र मोदी को दोनों देशों की बढ़ती नजदीकी के रूप में देखा जायेगा | 

स्मरणीय है कि इस वर्ष के प्रारम्भ में ब्रिटेन के संसद स्क्वायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण होना है | ब्रिटेन में अपने आगमन के तत्काल बाद मोदी डाउनिंग स्ट्रीट जायेंगे जहाँ ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरून के साथ बैठक प्रस्तावित है । उम्मीद है कि वहां दोनों नेताओं के बीच इस प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम पर विचार विमर्श होगा । उसके बाद मोदी ब्रिटिश संसद में अध्यक्ष द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय मूल के और अन्य सांसदों के साथ बातचीत करेंगे ।

12 नवंबर को वेस्ट मिडलैंड्स में टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) कारखाने के दौरे का भी कार्यक्रम है | अगर समय बचा तो वे गिल्डहॉल में एक भोज पर लंदन के लॉर्ड मेयर के अतिथि होंगे | 

14 नवंबर को मोदी उत्तर लंदन में नए अम्बेडकर स्मारक तथा 12 वीं सदी के महान दार्शनिक बसवेश्वर की नई प्रतिमा का अनावरण करेंगे | उसके बाद जी -20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अंकारा के लिए रवाना हो जायेंगे ।

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