फ्रांस ने शुरू की पेरिस हमले के निर्मम बदले की कार्यवाही | इस्लामी स्टेट पर हवाई हमले |


पेरिस पर हुए हमले के बाद जहाँ एक ओर विश्व के नेता अभी इस्लामी स्टेट के खिलाफ संघर्ष के लिए एकजुटता की बात ही कर रहे थे, कि तभी फ्रेंच लड़ाकू विमानों ने इस्लामी स्टेट ऑफ़ ईराक तथा लेवंत (आई एस आई एल) समूह के गढ़ रक्का पर भीषण बमबारी भी शुरू कर दी | 
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पेरिस हमलों के बाद आई एस आई एल के खिलाफ अपने पहले हवाई हमले में 10 लड़ाकू बमवर्षक सहित 12 लड़ाकू विमानों ने रविवार की रात को ठिकानों पर 20 बम गिराये गए ।

जिसे पहला लक्ष्य बनकर नष्ट किया गया, वह था डेश [आई एस आई एल] द्वारा उपयोग में लाया जा रहा एक प्रमुख जिहादी भर्ती केंद्र और हथियारों और लड़ाई के सामान का भण्डार । दूसरा लक्ष्य एक आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को बनाया गया ।

मंत्रालय ने बताया कि विमानों ने जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात से उड़ान भरी तथा हमला अमेरिकी सेना के साथ मिलकर किया गया ।

आई एस आई एल विरोधी ग्रुप ने ट्विटर पर लिखा है कि एक स्टेडियम, एक संग्रहालय, क्लीनिक, एक अस्पताल, एक मुर्गी फार्म और एक स्थानीय सरकारी इमारत पर भी हमले हुए । हवाई हमले के बाद रक्का में पानी और बिजली की आपूर्ति रुक गई | ग्रुप के अनुसार कम से कम 30 हवाई हमले हुए, किन्तु किसी नागरिक के हताहत होने की सूचना नहीं है ।

इससे पहले रविवार को दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जी -20) के नेताओं ने आई एस आई एल के खिलाफ नए सिरे से लड़ाई का निर्णय लिया । मेजबान देश तुर्की के राष्ट्रपति, रिसेप तईप एरडोगन, ने पेरिस में शुक्रवार को हुए हमले की कटु निंदा करते हुए कहा कि अब समय आ गया है, जब आई एस आई एल के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता दी जाए ।

स्मरणीय है कि पेरिस के हमलों में कम से कम 129 लोग मारे गए, तथा 350 से अधिक घायल हुए | आई एस आई एल ने गुरुवार को बेरूत, लेबनान में हुए एक बम विस्फोट की भी जिम्मेदारी ली है, जिसमें कम से कम 43 लोग मारे गए थे ।

एरडोगन ने कहा कि "आज सारी दुनिया आतंकी गतिविधियों का सामना कर रही है । आतंकवाद को किसी भी धर्म, किसी भी जाति, या किसी भी राष्ट्र को नहीं पहचानता है," ।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पेरिस हमलों के मद्देनजर फ्रांस को अमरीकी समर्थन की बात कही । उन्होंने कहा कि हम इस अपराध को अंजाम देने वालों को सजा दिलाने के लिए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए फ्रांस के साथ एकजुट होकर खड़े हैं ] उन्होंने यह भी वायदा किया कि आई एस आई एल को समाप्त करने का अमेरिका हर संभव प्रयत्न करेगा ।

शिखर सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के स्थान पर विदेश मंत्री लॉरेंट फेबियस ने फ्रांस का प्रतिनिधित्व किया ।

एक ओर तो दुनिया भर के नेता पेरिस हमलों के गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए एकजुट हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर समाचार पत्र गार्जियन ने आई एस आई एल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को कानून सम्मत रखने की वकालत की है | समाचार पत्र ने बिना संसद या कांग्रेस की मंजूरी के हवाई हमलों की आलोचना की है ।

गार्जियन जैसे समाचार पत्र स्पष्ट ही आतंकियों के सबसे बड़े पैरोकार हैं | अभी पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भी अनीस कपूर का लेख छापकर गार्जियन ने भारत विरोधी शक्तियों की पीठ थपथपाई थी |

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