सायवर जिहाद - फिल्मी सी लगने वाली एक सत्यकथा


ऊपर आप जो फोटो देख रहे हैं, वह एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर सलमान मोहिउद्दीन का है, जिसे इसी वर्ष 16 जनवरी 2015 को हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था | उसने पूछताछ में बताया कि हैदराबाद में उसके पास कोई काम धंधा नहीं था, अतः उसका अधिकाँश समय इंटरनेट पर 'दौला न्यूज़ रूम' समूह के सदस्यों के साथ चेटिंग में ही बीतता था । उसका दृढ मत था कि मैं पश्चिमी ताकतें मुसलमानों की संपत्ति लूट रहे हैं और मुसलमानों को पूरी दुनिया में दयनीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है | इसका समाधान एक ही है और वह है दुनिया में इस्लामी राज्य स्थापित कर शरीयत कानून लागू किया जाये ।

साइबराबाद पुलिस के अनुसार दो बच्चों का पिता 32 वर्षीय मोहिउद्दीन हवाई जहाज से दुबई जा रहा था, जहाँ से तुर्की होते हुए उसकी सीरिया जाकर आतंकी संगठन में शामिल होने की योजना थी | 

आंध्र प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के एक सेवानिवृत्त मुख्य इंजीनियर के बेटे मोहिउद्दीन ने विकाराबाद में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के अनवर-उल-उलूम कॉलेज से बी.टेक किया था। 2007 में उसकी शादी हुई, और स्नातक की उपाधि प्राप्त करने से पहले वह एक बेटी और एक बेटे का पिता बन गया ।

2010 में, मोहिउद्दीन दो वर्ष के लिए ह्यूस्टन में टेक्सास विश्वविद्यालय से परिवहन योजना और प्रबंधन विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए रवाना हुआ | बाद में उसने दो वर्ष तक टेक्सास की एक तेल कंपनी बेकर ह्यूजेस में डेस्कटॉप इंजीनियर के रूप में काम किया । उसने फिंडले, ओहियो की मेराथोन पेट्रोलियम में भी कम किया |

टेक्सास में ही 2011 में उसकी एक एक ब्रिटिश नागरिकता वाली महिला निकी यूसुफ से हुई जिसने ईसाई धर्म छोडकर इस्लाम स्वीकार किया था | उसने मोहिउद्दीन को बताया कि वह अपने डॉक्टर पति से तलाक लेकर किसी मुस्लिम से शादी करना चाहती है | मोहिउद्दीन ने निकी यूसुफ उर्फ आयशा के समक्ष विवाह का प्रस्ताव रखा, जो उसने स्वीकार भी कर लिया | दोनों ने मिलकर तुर्की से अवैध रूप से सीमा पार करने और आईएसआईएस के पक्ष में लड़ने के लिए आईएसआईएस में शामिल होने का फैसला किया। किन्तु 2014 में उसे वीजा की अवधि ख़त्म होने के कारण अमेरिका से हैदराबाद लौटना पड़ा | और उनकी योजना अधूरी रह गई |

गिरफ्तारी के बाद मोहिउद्दीन ने यह पूरी कहानी जांचकर्ता अधिकारियों को सुनाई, फिर शुरू हुई निकी यूसुफ़ की तलाश | अंततः उसे दुबई में पाया गया, जहाँ वह असफा जबीन के नाम से रह रही थी | उसकी माँ भारतीय मूल की महिला थी | हालांकि उसने इस बात से इनकार किया कि उसने मोहिउद्दीन के साथ सीरिया जाने की कोई योजना बनाई थी ।

बहरहाल संयुक्त अरब अमीरात ने असफा जबीन को सितंबर में निर्वासित कर दिया और भारत आने पर उसे हैदराबाद में गिरफ्तार कर लिया गया | पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह निकी यूसुफ के नाम से मोहिउद्दीन से मिली थी, उसने यह भी माना कि वह अपने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पति से तलाक लेकर किसी मुस्लिम से शादी करना चाहती है, क्योंकि वह उसे परेशान करता है | लेकिन उसका पति तलाक के लिए सहमत नहीं था।

इस पूरे प्रकरण में जो सबसे अहम और विचारणीय मुद्दा है वह यह कि उच्च शिक्षित मुस्लिम नौजवानों में बढ़ता आतंकी संगठनों के प्रति अपनत्व पूर्ण रुझान | मोहिउद्दीन तो एक उदाहरण भर है, जिसने स्वीकार किया कि वह सीरिया जाकर इस्लामी राज्य की स्थापना में सहयोग करना चाहता था | इतना ही नहीं तो बाद में भारत के खिलाफ भी युद्ध छेड़ने के लिए वापस आने का उसका इरादा था। 

प्रस्तुत हैं मोहिउद्दीन के बयानों के कुछ अंश जो आज इन्डियन एक्सप्रेस में प्रकाशित हुए हैं –

"मैं धार्मिक हूँ और जून 2014 में जब अबू बक्र अल बगदादी (आईएस प्रमुख) ने स्वयं को खलीफा घोषित किया, मैंने आईएसआईएस के मीडिया सेंटर अल हयात द्वारा जारी कि गईं सब पोस्ट देखीं और उनपर विचार किया | मैं आईएसआईएस की ओर आकर्षित हुआ, क्योंकि मैंने अमरीका में रहते हुए उनका मुसलमानों के प्रति भेदभाव देखा था | मैंने खलीफा और आईएसआईएस के बारे में और अधिक जानकारी ली और नेट ब्राउजिंग द्वारा आईएसआईएस पर और अधिक शोध किया " ।

2012 में मैंने अपना पहला जिहाद समर्थक फेसबुक समूह, 'Revalations and Hadith' (हदीस और उसके रहस्योद्घाटन) शुरू किया । उसके बाद अगस्त 2014 के मध्य में दूसरा ग्रुप 'दौला इस्लामिया' बनाया।

दौला इस्लामिया पर युवाओं को आकर्षित करने के इरादे से आईएसआईएस की अद्यतन गतिविधियाँ और अन्य प्रासंगिक जानकारी पोस्ट की जाती थीं । किन्तु यह पेज बाद में फेसबुक द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया ।

मैंने नवंबर 2014 में दो नए जिहादी समर्थक फेसबुक समूह बनाए - 'मध्यमार्गी बनाम उदारवादी' (Moderators vs Liberals) और 'दौला न्यूज़ रूम' । मैं दौला न्यूज़ रूम पर अधिक सक्रिय रहकर आईएसआईएस की पोस्ट डालता था तथा लोगों से अधिक से अधिक संख्या में आईएसआईएस में शामिल होने के लिए आग्रह करता था ।

इन सभी ग्रुपों में जबीन एडमिनिस्ट्रेटर थी, हालांकि उसका नाम जोसेफ प्रदर्शित किया गया था | जबकि मोहिउद्दीन हदीस और उसके रहस्य (Revelations and Hadith) नामक ग्रुप की एडमिनिस्ट्रेटर थी और वह कुरआन और हदीस पर चर्चा करती थी | 

दौला न्यूज़ रूम के एडमिनिस्ट्रेटर में एक केरल मूल का दुबई वासी, एक अफगान, दिल्ली और बेंगलूर के दो युवक और मुंबई की एक नव युवती शामिल थी। जबीन भी दिल्ली की साना अहमद के नाम से एडमिनिस्ट्रेटर थी।

जिस समय मोहिउद्दीन को गिरफ्तार किया गया, उस समय उदारवादी बनाम मध्यस्थ के फोलोअर की संख्या 2,500 और दौला न्यूज़ रूम के 188 फोलोअर थे |

मोहिउद्दीन सीरिया / मिस्र, इराक के अबू अल बारा, इराक के हसन अब्दुल गनी, और इराक के अबू मुहम्मद अबू मुहाजिर के साथ चैट करता था । इस चेटिंग के दौरान ही उसने इस्लामी स्टेट के सेनानी बनने का निर्णय लिया | 

अब्दुल्ला जिहादी और अबू मुहाजिर ने उसे तुर्की आने का निमंत्रण दिया, उसे दो स्काइप आईडी भी दी गईं तथा मोहिउद्दीन ने अपनी स्काइप आईडी, 'Sa1mann' उनसे साझा की । उसने दुबई उसके बाद तुर्की से सीरिया जाने की योजना बनाई किन्तु उसके पहले ही हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया । अमेरिकी से प्राप्त खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस मोहिउद्दीन की ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी कर रही थी ।

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