कांग्रेस की फजीहत



नेशनल हेराल्ड केस में 26 जून 2014 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोरा, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को समन जारी कर पेश होने के आदेश जारी किए थे। बाद में अपील करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने समन पर रोक लगा दी थी। किन्तु अब दिल्‍ली हाईकोर्ट ने न केवल उनकी अपील खारिज कर दी, वरन अपने निर्णय में यह भी कहा कि एसोसिएटड जर्नल्‍स, यंग इंडिया और कांग्रेस पार्टी तीनों के प्रमुख एक ही हैं, अतः यह स्पष्टतः गबन व विश्वासघात का मामला है | न्यायालय के इतने स्पष्ट निष्कर्ष के बाद भी आज अपनी अंतिम कोशिश करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे। अगर वहां से भी उनको राहत न मिली तो आज ही दोनों नेताओं को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होना होगा । 

इस मामले में सोनिया, राहुल समेत कुल 6 लोग आरोपी हैं। सभी पर धोखाधड़ी का आरोप है। अगर सोनिया-राहुल की पेशी होती है तो शीतकालीन सत्र में सरकार के ख़िलाफ़ हमलावर कांग्रेस को गहरा झटका लग सकता है। कांग्रेस के इन आला नेताओं पर बीजेपी नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने अंग्रेजी दैनिक नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक हासिल करने के मामले में धोखाधड़ी और 2000 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया था |

क्या है यह पूरा घोटाला ?

वर्ष 2008 में नेशनल हेराल्‍ड को बंद करने के बाद उसका मालिकाना हक एसोसिएटड जर्नल्‍स को दे दिया गया था। हेराल्‍ड को चलाने वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल्स ने कांग्रेस पार्टी से बिना ब्याज के 90 करोड़ का कर्ज लिया। कांग्रेस ने कर्ज तो दिया और उसकी वजह बताई कि कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचाना। यहां सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कर्ज देने के बाद भी अखबार क्‍यों नहीं शुरु हुआ। इसके बाद 26 अप्रैल 2012 को नेशनल हेराल्‍ड का मालिकाना हक यंग इंडिया को दे दिया गया। बता दें कि यंग इंडिया कंपनी में 76 प्रतिशत शेयर सोनिया और राहुल गांधी के हैं। यंग इंडिया ने हेराल्ड की 1600 करोड़ की परिसंपत्तियां महज 50 लाख में हासिल कीं। अब भाजपा के नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का आरोप है कि गांधी परिवार ने हेराल्‍ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग किया है। जिसके बाद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी इस विवाद को लेकर 2012 में कोर्ट पहुंच गए।


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