सहिष्णुता केवल हिन्दुओं की ही बपौती !

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मंत्री आजम खान, अपने देश और हिंदुत्व विरोधी बयानों के कारण सदैव सुर्खुयों में रहते हैं | लेकिन इस बार के बयान ने कुछ ज्यादा ही उन्माद पूर्ण हलचल पैदा कर दी है | कारण सिर्फ इतना भर है कि आजम के बयान का तुर्की बतुर्की जबाब देने कि हिम्मत दिखाई गई और नतीजतन पूरे देश की अल्पसंख्यक जमात विरोध प्रदर्शन करने और शक्ति प्रदर्शन को आमादा हो गई |

हुआ कुछ यूं कि आजम खान ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों के विवाह न करने का कारण यह बताया कि वे लोग समलेंगिक होने के कारण विवाह नहीं करते | इस बयान की प्रतिक्रिया स्वरुप उत्तर प्रदेश हिन्दू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री कमलेश तिवारी ने जो बयान दिया उसमें अकारण मोहम्मद साहब का नाम भी घसीट लिया | यह एक गलती थी, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है |

मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर उत्तर प्रदेश में उग्र प्रदर्शन किये | साम्प्रदायिकता का खुला तांडव हुआ और भयभीत उत्तरप्रदेश सरकार ने कमलेश तिवारी को गिरफ्तार कर उन पर एनएसए (नेशनल सीक्योरिटी एक्ट) लगाकर जेल में डाल दिया | लेकिन हैरत की बात है कि इसके बाद उत्तर प्रदेश में तो बबाल थम गया, किन्तु मध्य प्रदेश में उसकी चिंगारी ने स्थिति विस्फोटक बना दी | पहले इंदौर और भोपाल में तोड़फोड़ और अराजकता का नग्न तांडव हुआ, उसके बाद प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन आयोजित हुए | 

ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस अवसर पर भड़काऊ तकरीरें हुईं | यहाँ तक कहा गया कि जो कोई कमलेश तिवारी का सर काट कर लाएगा उसे एक करोड़ रूपया ईनाम दिया जाएगा | अगर कमलेश तिवारी ने भड़काऊ बयान देकर गलती की तो खुलेआम उनका सर काटने पर ईनाम की घोषणा के भाषण क्या देश की क़ानून व्यवस्था को सरासर चुनौती नहीं हैं ? सवाल उठता है कि देश में क़ानून का राज्य है, अथवा जंगल का कानून ?

ऐसा लगता है कि समाजद्रोही तत्व देश में उपद्रव व अशांति फैलाने का बहाना ढूढ़ रहे हैं | निश्चय ही इसके प्रतिकार हेतु देश व समाज को जागरुक व सजग रहना होगा | ग्यारह दिसंबर को शिवपुरी में भी मुस्लिम समाज की एक बड़ी रैली आयोजित हुई | मस्जिदों से जिस प्रकार इसका ऐलान किया गया उसने आम जनजीवन को चिंतित व बैचैन कर दिया | इससे भी अधिक दुर्भाग्य पूर्ण यह तथ्य है कि कांग्रेस के नेतागण साम्प्रदायिकता की इस धधकती आग पर भी अपनी राजनीति रोटियाँ सेकते दिखाई दिए |

मुस्लिम शक्ति प्रदर्शन के दौरान आम नागरिक तो सशंकित व आतंकित रहा, पूरे जिले का पुलिस फ़ोर्स व सशस्त्र बल किसी भी परिस्थिति से निबटने के लिए इस जिला केंद्र पर उपस्थित था | किन्तु इन सबसे बेपरवाह इकलौता हिन्दू उसमें शामिल था, शिवपुरी नगर पालिका का कांग्रेसी अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह | वह भी सबसे आगे झंडा उठाये हुए |

यहाँ यह उल्लेख करना भी प्रासंगिक होगा कि मोहम्मद साहब पर की गई एक टिप्पणी ने सारे देश को हिला दिया, किन्तु हिन्दू देवी देवताओं का अपमान खुले आम होता रहता है और किसी के कानों पर जून भी नहीं रेंगती | बहुत चीख पुकार मची है कि आजमखान के बयान के जबाब में मोहम्मद साहब को क्यूं घसीट लिया गया | मानो सारे देश में भूचाल आ गया हो | अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नारे लगाने वाले न जाने किस गुफा में खो गए | राजस्थान के एक विश्व विद्यालय में गणेश जी को लेकर की गई बकबास ध्यान हो आई | आप भी पढ़िए -

गणेश जी को मोदक इसलिए प्रिय हैं, क्योंकि उनका आकार स्त्री के स्तनों जैसा होता है ? और गणेश जी न केवल महिलाओं के प्रति आसक्त थे, बल्कि अपनी माँ पर भी बुरी नजर रखते थे | यह अद्भुत जानकारी दी गई मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर में आयोजित एक व्याख्यान में, जिसका विषय था “धार्मिक संवाद समय की आवश्यकता” | और जिन विद्वान् वक्ता का व्याख्यान हुआ, वे थे दिल्ली विश्व विद्यालय के प्रोफ़ेसर अशोक बोहरा |

कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि सहिष्णुता केवल हिन्दू समाज की बपौती है, किसी और समाज से उसकी अपेक्षा रखना महज दिवा स्वप्न है |

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