(मानवीय संवेदना के कुशल चितेरे अटल जी की नज़रों में कोई विरोधी नही ! जिन नेहरूजी ने आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कुचलने में कोई कसार...
(मानवीय संवेदना के कुशल चितेरे अटल जी की नज़रों में कोई विरोधी नही ! जिन नेहरूजी ने आजीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को कुचलने में कोई कसार नहीं छोड़ी, उनके अवसान पर संघ के आदर्श स्वयंसेवक अटलजी द्वारा दिया गया श्रद्धांजलि भाषण राजनीति में सहिष्णुता की अनुपम गाथा है !
जिसने सीखा नही विखंडन, केवल जोड़ बढाई शक्ति,
गांवों को सडकों से जोड़ा, नदी जोड़ने की थी वृत्ति !
संघ शक्ति के प्रवल पुरोधा, सबके मन में है अनुरक्ति,
अटल सत्य है नेता जन के, मूर्तिमंत हैं भारत भक्ती !!
अन्धकार के घटाटोप में, जिसने अनथक दीप जलाया
राजनीति की कीचड़ में भी, जिसने सुरभित कमल खिलाया !
आज उन्ही की प्रेरक छवि से, भ्रष्ट तंत्र से युद्ध करें
जन्म दिवस की पावनता को, आओ मिल अभिवृद्ध करें !!जन नायक अटल जी के जन्म दिवस २५ दिसंबर पर उनके कुछ अनुपम संस्मरण !)
जिसने सीखा नही विखंडन, केवल जोड़ बढाई शक्ति,
गांवों को सडकों से जोड़ा, नदी जोड़ने की थी वृत्ति !
संघ शक्ति के प्रवल पुरोधा, सबके मन में है अनुरक्ति,
अटल सत्य है नेता जन के, मूर्तिमंत हैं भारत भक्ती !!
अन्धकार के घटाटोप में, जिसने अनथक दीप जलाया
राजनीति की कीचड़ में भी, जिसने सुरभित कमल खिलाया !
आज उन्ही की प्रेरक छवि से, भ्रष्ट तंत्र से युद्ध करें
जन्म दिवस की पावनता को, आओ मिल अभिवृद्ध करें !!जन नायक अटल जी के जन्म दिवस २५ दिसंबर पर उनके कुछ अनुपम संस्मरण !)
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