सावधान ! अलकायदा आ पहुंचा भारत में !!


अल-कायदा के प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 150 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर प्रदेश के सम्भल निवासी सनाउल हक़ को अल कायदा की दक्षिण एशियाई शाखा का प्रमुख (अमीर) नियुक्त किया है | दुनिया में उसे मौलाना आसिम उमर के नाम से जाना जाता है | भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा की गतिविधियाँ संचालित करने के लिए यह नियुक्ति पिछले वर्ष की गई ।

यह जानकारी अभी हाल ही पकडे गए सम्भल निवासी मोहम्मद आसिफ और कटक के मौलवी अब्दुल रहमान से पूछताछ के बाद सामने आई है | हक़ को भारत में "AQIS भर्ती नेटवर्क" की स्थापना का काम भी सोंपा गया था।

रहमान को विगत दिवस दिल्ली पुलिस और भुवनेश्वर-कटक आयुक्तालय पुलिस की स्पेशल सेल की एक संयुक्त टीम ने 37, जगतपुर पुलिस थाने के तहत पश्चिम काछा गाँव के उसके आवास से गिरफ्तार किया था। वह देवबंद से अरबी और इस्लामी अध्ययन में पीएचडी है तथा कटक जिले के टांगी क्षेत्र में एक मदरसे का संचालन भी करता है | 

भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त राजेंद्र प्रसाद शर्मा के अनुसार दिल्ली पुलिस को टेलीफोन कॉल रिकॉर्ड की निगरानी से अल-कायदा समूह के साथ रहमान की लिंक का पता चला । उसके बाद भुवनेश्वर आई टीम ने पश्चिम काछा गांव में रहमान के निवास पर छापा मारा। रहमान के मोबाइल फोन, और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया।

तीन बच्चों के पिता रहमान को कटक की स्थानीय अदालत में पेश किया गया व दिल्ली पुलिस की टीम ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया । शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, रहमान कथित तौर पर AQIS के लिए सदस्यों की भर्ती में लगा हुआ था । उसने पिछले दिनों पाकिस्तान, दुबई, लंदन और सऊदी अरब की यात्रा भी की थी ।

भारत में उसकी गतिविधियाँ ज्यादातर कर्नाटक, झारखंड और उत्तर प्रदेश में थीं । पिछले सप्ताह उसे भड़काऊ भाषण देने के आरोप में झारखंड पुलिस द्वारा हिरासत में भी लिया गया था। 

इसी प्रकार 14 दिसंबर को दिल्ली में आसिफ को गिरफ्तार किया गया । दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त अरविंद दीप ने मीडिया को जानकारी दी कि आसिफ और हक़ का बचपन साथ साथ बीता था | इन दोनों ने 2012 में ईरान के माध्यम से पाकिस्तान की यात्रा की | इन दोनों के साथ उत्तर प्रदेश के ही दो और लोग भी थे, जिनकी पहचान फिलहाल पुलिस द्वारा गुप्त रखी गई है | ये लोग ट्रेन से पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में स्थित मीरनशाह के एक जिहादी शिविर में पहुंचे तथा वहां प्रशिक्षण प्राप्त किया । वहाँ से उन्हें और अधिक भारतीय नागरिकों की भर्ती करने के लिए अक्टूबर 2014 में घर भेजा गया | 

आतंक के मार्ग पर सनाउल हक़ की यात्रा -

इस खुलासे के बाद कि आतंकी ने देवबंद के मशहूर दार-उल-उलूम में पढ़ाई की तथा वहां से 1991 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, देवबंद मदरसा के एक प्रवक्ता मौलाना अशरफ उस्मानी ने कहा कि हक वहाँ छात्र रहा अथवा नहीं इसकी न तो वे पुष्टि कर सकते और नाही इनकार | क्योंकि धार्मिक शिक्षा पूरी करने से पहले पढाई छोड़ देने वाले कई छात्रों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है ।

जिहादी आंदोलन से परिचित पाकिस्तानी स्रोतों के अनुसार हक ने देवबंद से पाकिस्तान पहुंचकर वहां जामिया उलूम-ए-इस्लामिया-कराची के एक मदरसे में पढ़ाई शुरू की | यह वही मदरसा है जहाँ से जैश-ए-मोहम्मद के नेता मौलाना मसूद अजहर, हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी के प्रमुख रहे कारी सैफुल्ला अख्तर तथा हरकत-उल-मुजाहिदीन के नेता फजल-उर-रहमान खलील सहित अनेक जिहादी नेताओं का उत्पादन हुआ है ।

सूत्रों के अनुसार तालिबान के नजदीकी मौलवी निजामुद्दीन शमजई, हक़ को साथ लेकर अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात में मुल्ला मोहम्मद उमर के पास भी गया, जहाँ उन्हें "राजकीय अतिथि" के रूप में सम्मान दिया गया ।

1990 के दशक में, कराची में अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद, हक ने कुछ समय पेशावर में दार-उल-उलूम हक्कानिया मदरसा में अध्यापन कार्य भी किया | माना जाता है कि वहीं उसका सम्बन्ध फजल-उर-रहमान खलील के हरकत-उल-मुजाहिदीन से हुआ और उसके बाद वह हरकत- उल-मुजाहिदीन के पाक अधिकृत कश्मीर स्थित प्रशिक्षण शिविरों में पहुंचा ।

9/11 की घटनाओं के बाद हक 2004-2006 में हरूनाबाद स्थित हरकत-उल-मुजाहिदीन के कराची कार्यालय में रहा ।

अल-कायदा से हक़ का जुड़ाव 2007 की गर्मियों में शुरू हुआ, जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में मौलाना अब्दुल रशीद गाजी द्वारा संचालित मदरसे जामिया उलूम-ए-इस्लामिया पर कार्यवाही का आदेश दिया | उसके बाद उसका संपर्क मुहम्मद इलियास कश्मीरी से हुआ जो अल-कायदा का बेहद करीबी और शीर्ष जिहादी था । 

2013 में हक ने पहली बार भारत के मुसलमानों को संबोधित अपने लिखित सन्देश में वैश्विक जेहाद का आह्वान किया । जिसमें कहा गया था कि "तुम्हारी गुलामी और हिन्दुओं के द्वारा की जा रही सामूहिक हत्याएं देखकर मस्जिद के सामने स्थित लाल किला खून के आँसू रोता है" ।

इन गिरफ्तारियों और पूछताछ के बाद हुए खुलासे से एक बात तो साफ़ है कि देश में अन्दर ही अन्दर उथल पुथल चल रही है | भारत का एक व्यक्ति अलकायदा का तथाकथित अमीर नियुक्त हुआ है तथा वह इस समूचे उपमहाद्वीप में आतंक का कहर बरपाने का ख़्वाब देख रहा है, यह स्थिति जितनी प्रशासन को सजग करने वाली है, उतनी ही सम्पूर्ण देशवासियों को जागरुक रहने का सन्देश दे रही है |

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