यह कैसी असहिष्णु सरकार जो मेक इन इंडिया की शुरूआत करारी पराजय के बाद भी बिहार से कर रही है ?

Embedded image permalink

लोग असहिष्णु कहें तो कहते रहें | हकीकत यह है कि मोदी सरकार बिना किसी पक्षपात के, बिना किसी राजनैतिक पूर्वाग्रह के देश के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत है | इसका ताजा उदाहरण है, कल अर्थात 30 नवम्बर को बिहार के मधेपुरा और मढौरा में लोकोमोटिव मेन्यूफेक्चरिंग फैक्ट्रियों की स्थापना के लिए दुनिया की दिग्गज कंपनियों अलस्टम और जीई ट्रांसपोर्ट के साथ रेलवे मंत्रालय द्वारा किया गया चालीस हजार करोड़ का करार |

स्मरणीय है कि एक दशक पहले जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब यह योजना प्रारम्भ हुई थी | इस बार कई बार फेक्टरियों का टेंडर जारी किया गया और केंसिल किया गया | पर किसी ने इसे कांग्रेस की असहिष्णुता नहीं बताया | बल्कि उलटे उनके साथ चुनावी गठबंधन किया गया |

जीई के प्रतिनिधि के रूप में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा, अलस्टम की ओर से फ्रांस के राजदूत फ्रैन्किस रिचियर ने रेलवे अधिकारियों के साथ इस करार पर हस्ताक्षर किये | इस अवसर पर बिहार सरकार के प्रतिनिधि के रूप में शरद यादव भी उपस्थित थे | संभवतः लालू और नीतीश  वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मंच साझा करते तो असहिष्णु करार दिए जा सकते थे |

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह मेक इन इंडिया के लिए मील का पत्थर है, क्योंकि दुनिया की दिग्गज कंपनियों ने देश के अन्दर इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कदम बढाया है | इससे रेलवे के आधुनिकी करण में मदद मिलेगी, बिहार की इकोनोमी के ग्रोथ को रफ़्तार मिलेगी और देश में भी ग्रोथ के लिए अनुकूल ईकोसिस्टम बनेगा | रेल मंत्री सुरेश प्रभू ने कहा कि अलस्टम और जीई ट्रांसपोर्ट के साथ आने से देश में अन्य सामानों और सहायक सामग्रियों की मेन्यूफेक्चरिंग के लिए अनुकूल माहौल बनेगा |

जीई ट्रांसपोर्ट रेलवे के साथ जॉइंट वेंचर के रूप में 1000 विशिष्ट डीजल लोकोमोटिव्स तथा अलस्टम 800 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स का उत्पादन करेगा | दोनों कम्पनियां उत्पादन और रखरखाव पर लगभग चालीस हजार करोड़ रूपया इन्वेस्ट करेंगी |

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें