शिवपुरी में प्रशासन द्वारा साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की व्यूह रचना !

विगत दिनों शुरूआत की आजम खान ने और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारकों के बारे में अभद्र टिपण्णी की | जिसके जवाब में हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी द्वारा हजरत पैगम्बर के बारे में आपत्तिजनक टिपण्णी की गयी | आरएसएस के प्रचारकों पर अभद्र टिपण्णी करने पर न तो आजम खान पर कोई मुक़दमा दर्ज हुआ और न ही हिन्दू संगठनों के द्वारा कोई प्रतिक्रिया दी गई, परन्तु कमलेश तिवारी पर केस दर्ज हुआ व जेल भेज दिया गया | इसके बाद भी देश भर में मुस्लिम समुदाय के द्वारा एक जुट होकर विरोध प्रदर्शन किया गया ! विरोध प्रदर्शन तक तो ठीक है परन्तु मालदा जैसी घटना और आज बिहार के पूर्णिया जैसी घटना निश्चित तौर पर आज हमारे देश में धर्म के नाम पर देश को अस्थिर करने की साजिश प्रतीत हो रही है !

यह तो देश की एक प्रमुख घटना जिसे इस देश का हर व्यक्ति जानता है, परन्तु हमारे ही देश के कई हिस्सों में देश का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कार्य स्वयं प्रशासन द्वारा किया जा रहा है ! ऐसी ही एक घटना मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में घटित हुई ! बात 6 जनवरी की रात्री की है ! रात्री के लगभग 9 बजे वन विभाग के द्वारा प्रसिद्ध बांकड़े हनुमान जी के पास स्थित ठाकुर बाबा के मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया ! इस बात की जानकारी लगते ही शहर के कुछ हिन्दू संगठन मौका स्थल पर पहुँच गए ! प्रशासन ने भी एफ़आईआर दर्ज करने की बात कह कर रात्री में मामले को रफा दफा कर दिया ! परन्तु सुबह पुलिस ने यह कहकर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया कि “वन विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की गुंजाइश नहीं है, क्यूंकि यह विभागीय मामला है ! वन विभाग ने कोई कार्यवाही की होगी तो वह नियमानुसार ही की होगी !”

बात केवल यहीं तक सीमित नहीं है ! शिवपुरी में माधव नेशनल पार्क में बना करीब डेढ़ सौ साल से भी अधिक प्राचीन बलारी माता के मंदिर पर भी भक्त जनों का आना जाना नेशनल पार्क अधिकारियों ने रोक दिया है ! वन विभाग पहले ही यहाँ बसे गाँव को खाली करा चुका है ! केवल मंदिर पर ही अभी तक आने जाने की छूट थी लेकिन अब उसे भी आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है !

अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सब कार्यवाही केवल हिन्दुओं की आस्था पर चोट करने हेतु की जा रही है ? अन्य समुदाय के अवैध निर्माण पर कार्यवाही करते समय प्रशासन अपनी आँखों पर पट्टी बांधे क्यूं बैठ जाता है ? आखिर रिमोट किसके हाथ में है ? मामला बेहद संवेदनशील तब हो जाता है जब ऐसी घटना मध्यप्रदेश की धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री के गृह क्षेत्र में घटित हो रही हो !

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