ममता बैनर्जी जैसे राजनेताओं का एक ही धर्म - वोटपरस्ती और कुर्सी लोलुपता


इसी वर्ष पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं | वहां की राजनैतिक बिसात को 13 मई 2014 को indian express में प्रकाशित हुआ यह समाचार स्पष्ट करता है | 

प्रकाशित समाचार के अनुसार तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस व बामपंथियों ने घनघोर साम्प्रदायिक मुस्लिम मौलवियों और धार्मिक नेताओं के किस तरह चरण चुम्बन किये, यह साफ़ दिखाई देता है | कलकत्ता की में सबसे प्रभावशाली मस्जिदों में से एक टीपू सुल्तान मस्जिद के कुख्यात इमाम नुरुर रहमान बरकाती ने एक बयान जारी कर कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उसे फोन किया और मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में तृणमूल कांग्रेस को वोट दिलाने का आग्रह किया । साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि मुस्लिम वोट अन्य दलों में न बंटे |

बरकाती के अनुसार उसे देर रात ममता बनर्जी, उसके भतीजे अभिषेक बनर्जी और उसके सांसद सुदीप बंदोपाध्याय सहित सत्तारूढ़ पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने फोन किये । उन्होंने अनुरोध किया कि मैं यह सुनिश्चित करूं कि अल्पसंख्यक मतदाता सत्तारूढ़ पार्टी से दूर नहीं हों ।

उसके बाद बरकाती ने अभिषेक बनर्जी के चुनाव क्षेत्र डायमंड हार्बर में जाकर मुस्लिमों की बैठक ली व तृणमूल को वोट देने का आग्रह किया | स्मरणीय है कि डायमंड हार्बर में 40 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है | इसी प्रकार सुदीप बंदोपाध्याय के चुनाव क्षेत्र उत्तरी कोलकाता में भी बरकाती ने बैठक ली, जहाँ भी अल्पसंख्यकों का अच्छा ख़ासा प्रतिशत है । मौलाना बरकाती के अनुसार चूंकि वह पूरे प्रदेश में नहीं जा सकता था, इसलिये उसने 55 लोगों की एक टीम बनाई, जो ग्रामीण क्षेत्रों सहित सब जगह जाकर मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का प्रयत्न करे । बाद में मौलाना कि ओर से मुस्लिम मतदाताओं के लिए एक अपील भी समाचार पत्रों में जारी की गई ।

मुर्शिदाबाद, नादिया, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर आदि जिलों में मुस्लिम मतदाताओं का एक बड़ा प्रतिशत है । मौलाना बरकाती ने कहा कि उसे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अलावा सीपीएम और कांग्रेस आदि दलों के राजनेताओं से भी फोन कॉल प्राप्त हुए । इन लोगों में वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस, माकपा के सुजान चक्रवर्ती, तृणमूल कांग्रेस के शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय, फरहाद हकीम, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य सबने उसे फोन कर समर्थन का आग्रह किया ।

लेकिन इस सबका परिणाम यह हुआ कि प्रांत में भाजपा जो शून्य हुआ करती थी वह 17 प्रतिशत वोट पा गई | इस रुझान से स्वाभाविक ही तथाकथित सेक्यूलर दलों के कान खड़े हो गए | यही कारण है कि कल भारत सेवाश्रम संघ के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी सम्मिलित भी हुईं और हिंदूधर्म की प्रशंसा में एक शानदार भाषण भी दिया | 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल 30 जनवरी को कलकत्ता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में भारत सेवाश्रम संघ के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। स्मरणीय है कि इस संगठन को गत वर्ष 2015 में समाज सेवा के लिए बंग विभूषण से सम्मानित किया गया था।

भारत सेवाश्रम संघ की स्थापना प्रणवानंद महाराज द्वारा 1917 में माघी पूर्णिमा के दिन फरीदपुर में की गई थी जो अब बांग्लादेश में है । आज यह संस्था भारत की सबसे बड़ी समाज सेवी संगठनों में से एक है।

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि एकमात्र हिन्दू धर्म ही ऐसा धर्म है जिसे "सार्वभौमिक धर्म" कहा जा सके | यह सबके साथ समान व्यवहार सिखाता है और इसमें असहिष्णुता के लिए कोई स्थान नहीं है । भारत की संस्कृति जाति, पंथ और धर्म की विविधता में एकता की शिक्षा देती है ।

अब पाठक वृन्द ही इन राजनेताओं के कथनी और करनी के अंतर पर विचार करें | वोटपरस्ती और कुर्सी लोलुपता ही इनका धर्म है | ये न हिन्दू हैं और नाही मुसलमान या ईसाई या अन्य कोई धर्मावलम्बी |

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