ग्वालियर में होते होते बचा डॉ नारंग जैसा हादसा !

मध्य-प्रदेश के ग्वालियर महानगर के गुढ़ा क्षेत्र में कुशवाह परिवार के द्वारा, शराब पी रहे कुछ "धर्म विशेष" लोगों को रोकना भारी पड गया ! कुशवाह परिवार के सदस्यों के द्वारा शराब पी रहे लोग उनके द्वारा टोकने पर उस समय तो वे वहां से चले गए लेकिन कुछ देर बाद ही हथियारों से लेस होकर बड़े हुजूम के साथ लौटे जिसमे कई लोग तलवारों और सरियों से लेस थे ! हैरतअंगेज बात यह है कि इस हुजूम में महिलायें भी शामिल थीं इन लोगों ने घर में घुसकर जैसे ही हमला किया तो कुशवाह परिवार ने भी हमलावरों पर प्रतिघात करना शुरू कर दिया पतले एंट्रेंस के कारण पूरी भीड़ अन्दर नहीं आ सकी फिर भी घर में चालीस से ज्यादा लोग घुस आये थे और इतने ही बाहर खड़े थे !

डॉक्टर नारंग और इस केस में गज़ब की समानता है उसमे भी औरते हमलावरों को प्रेरित कर रहीं थी और इसमें भी, उसमें भी पड़ोसियों ने दरवाजे खिड़कियाँ बंद कर लीं थीं इसमें भी पड़ोसियों ने वही रवैया दिखाया जबकि घायल नरेश कुशवाह बेहद मिलनसार और पड़ोसियों के हर दुःख सुख में काम आने वाला नवयुवक है !

अंतर सिर्फ इतना रहा इसने और इसके भांजे ने हाथ पैर नहीं जोड़े हमलावरों पर उलटा हमला बोला महिलाओं ने भी बराबर साथ दिया !

अगर इन मामा भांजे में से कोई जान से मारा जाता तो तमाम मीडियाई चेनलों पर आज की यह सबसे सनसनी खेज खबर होती लेकिन बहुत कम सम्भावना है कि यह खबर सुर्ख़ियों में स्थान पा सके ! 

हालांकि पुलिस ने खबर मिलते ही बहुत तेज़ी दिखाई जिससे शांतिदूतों की भीड़ भाग गई सुना है कुछ लोगों के ऊपर नामजद एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई है !

विचारणीय प्रश्न यह है कि क्या अब समय पूरी तरह स्वयं की बहादुरी, व्यक्तिगत हथियार पर निर्भर रहने का आ गया है क्या हमें पड़ोसियों से बिलकुल भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए ! इतनी कुव्वत तो निश्चित रूप से हम सभी में होनी चाहिए कि पुलिस के आने तक इनका मुकाबला कर सकें ! अगर ईंट का जवाब पत्थर से दे सकें तो सोने पर सुहागा !

FIR में हमलावरों पर 294 323 506 34 धाराये लगाई गयीं हैं ! अब कानून के जानकार बताएं ये जो धाराएं लगाई गयीं हैं उनमे कितना दम है !

अजीत भोंसले की फेसबुक पोस्ट से साभार
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें