एक मुस्लिम देश “उज्बेकिस्तान” जहाँ के मुसलमान आज भी आराधना करते है भगवान कृष्ण की !



इस बात के कई सबूत पेश किये जा चुके हैं कि कभी सम्पूर्ण विश्व में एक ही धर्म था ! वह धर्म सनातन था और लोग इसी के अनुसार जीवनयापन करते थे ! आज हम आपके सामने एक ऐसे मुस्लिम देश की बात करने वाले हैं जहाँ आज भी कृष्ण भगवान की पूजा हो रही है ! इतना ही नहीं यहां के लोगों के मन में श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा भाव है !

इस मुस्लिम देश का इतिहास लगभग उतना ही पुराना है जितना कि सनातन धर्म पुराना है ! हम बात कर रहे हैं मध्य एशिया की प्राचीन सभ्यता वाला देश है उज्बेकिस्तान ! इस देश का इतिहास आप उठाकर अगर पढ़ना शुरू करेंगे तो आपको काफी कुछ सनातन से निकला हुआ प्रतीत होगा ! इस देश का खिवा शहर आज भी अपने अंदर हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति को समेटे हुए है खिवा शहर के लोग कृष्ण को आज भी मानते हैं और आदर के साथ पूजते भी है !

इस शहर के लोगों को कृष्ण भगवान के जीवन से जुड़ी हुई, हर कहानी और घटना का ज्ञान है ! आश्चर्य की बात यह है कि इन लोगों को महाभारत में कृष्ण की भूमिका का भी ज्ञान है ! बेशक आने वाली पीढ़िया इस ज्ञान से वंचित रह जायेंगी क्योकि अब कुछ कट्टरपंथी लोग इस बात से जलने लगे हैं ! किन्तु वर्तमान तक तो यहाँ के लोग कृष्ण को पूजनीय मान रहे हैं ! ना जाने क्यों यहाँ के कुछ लोग इस बात से जलते हैं ?

खिवा शहर वाले कृष्ण भगवान की पूजा आज भी करते हैं ! यह कट्टरपंथियों के लिए नफरत की चीज है ! हाँ अब यह देखने में जरूर आ रहा है कि यहाँ कृष्ण कि मूर्ति रखने से लोग अब डरने लगे हैं ! इसके पीछे का कारण शायद बताये जाने की आवश्यकता नहीं है लेकिन सबसे बड़ी बात यह कि इन लोगों के दिलों में कृष्ण भगवान के लिए काफी प्रेम है !

खिवा शहर का इतिहास

खिवा शहर का इतिहास कुछ 1400 वर्ष पुराना बताया जाता है ! यहाँ के घर इस तरह से बनाये गये हैं जो भारतीय समुदाय से काफी मेल खाते हैं ! आपसी प्रेम-प्यार बना रहे इसलिए एक घर का दरवाजा, दूसरे घर के आँगन में निकलता है ! यहाँ पर पेड़-पौधों की पूजा करने का भी रिवाज है ! वैसे यहाँ बहुत बड़ी संख्या में पेड़ तो नहीं है लेकिन जितने पेड़-पौधे हैं, उनको सनातन की तरह से पूजते हैं !

क्यों यहाँ है कृष्ण पूजनीय

उज्बेकिस्तान के खिवा शहर के लोग अगर भगवान कृष्ण को पूजनीय मान रहे हैं तो इसके पीछे कहीं ना कहीं कोई इतिहास जरूर जुड़ा हुआ रहा होगा ! बेशक ईरानी लोग यह बोलते हैं कि उन्होंने सबसे पहले इस शहर को खोजा था, किन्तु इसमें पूर्ण सत्य नजर नहीं आता है क्योकि अगर यहाँ के लोग कृष्ण के जीवन से प्रभावित हैं तो जरूर यहाँ कृष्ण से जुड़ा कोई इतिहास रहा होगा !

उज्बेकिस्तान के खिवा शहर में कृष्ण भक्ति जानने के बाद यह सिद्ध हो जाता है कि भारत के बाहर भी सनातन धर्म था और आज भी है ! कहा यह भी जाता ही कि उज्बेकिस्तान के लोग कृष्ण का उतना आदर करते हैं जितना हम भारतीय भीं नहीं करते हैं !

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