संत निरंकारी मिशन के सद्गुरू बाबा हरदेवसिंह का सड़क दुर्घटना में निधन ! क्या है संत निरंकारी मिशन ?



आज 13 मई 2016 को संत निरंकारी मिशन के सद्गुरू बाबा हरदेवसिंह जी का कनाडा के मोंट्रियल शहर में एक सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया ! अपने पिता बाबा गुरुवचन सिंह की हत्या के बाद 1980 में वे अपने संगठन के प्रमुख बने थे ! इस समय दुनिया के 27 देशों में संत निरंकारी मिशन की लगभग 100 शाखाएं है !

बाबा हरदेव सिंह जी का जन्म 23 फरवरी 1954 को देल्ही में हुआ | उनकी माँ का नाम कुलवंत कौर थी ! संत निरंकारी कॉलोनी के रोजरी पब्लिक स्कूल में उनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा हुई ! 1963 में उनका दाखिला पटियाला के यादविंद्र पब्लिक स्कूल में कराया गया ! उनकी बाद की पढाई देल्ही यूनिवर्सिटी में हुई ! 1975 में उनका विवाह निरंकारी संत समागम में सविंदर कौर के साथ हुआ ! 

निरंकारी मिशन –

संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में बाबा बूटा सिंह द्वारा की गई ! उनके बाद बाबा अवतार सिंह निरंकारी मिशन के प्रमुख बने ! उनके कार्यकाल में ही 1947 में भारत विभाजन के परिणाम स्वरुप मिशन का कार्यालय पश्चिमी पंजाब से दिल्ही परिवर्तित किया गया ! 

बाबा बूटासिंह ने स्वयं को जीवित गुरू निरूपित किया, जबकि सिक्ख पंथ दसवें गुरू गोविद्सिंह जी के बाद गुरू ग्रन्थ साहब को ही गुरू मानता है ! परिणाम स्वरुप प्रारम्भ से ही निरंकारी मिशन के साथ सिक्ख पन्थ का मतभेद रहा, जो कालान्तर में बढ़ता ही गया और उसकी परिणति 1980 में मिशन के तत्कालीन प्रमुख बाबा गुरूवचन सिंह की ह्त्या में हुई ! अखंड कीर्तनी जथा के रंजीत सिंह ने उनकी ह्त्या की ! 

निरंकारी मिशन के धार्मिक ग्रन्थ अवतार वाणी में ईश्वर के निराकार स्वरुप की महिमा का बखान किया गया है ! पुस्तक के अनुसार धर्म का अर्थ है ईश्वर की अनुभूति ! मानव जीवन का प्रमुख लक्ष्य है वास्तविक स्वामी की दया और करुणा की अनुभूति ! पुस्तक में जीवन के पांच मूलभूत सिद्धांत बताये गए है, जिन पर चलकर व्यक्ति संत के समान जीवन जी सकता है ! प्रारम्भ में इस ग्रन्थ का प्रकाशन गुरुमुखी में हुआ, किन्तु बाद में हिंदी, अंग्रेजी सहित भारत की लगभग हर भाषा में इसका अनुवाद हुआ !

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