हमें 56 इंच का सीना नहीं, एक औसत हिन्दू दिल चाहिए महामहिम मोदी जी !



श्रीनगर में गोपाद्री पहाडी हुआ करती थी, जिस पर आद्य शंकराचार्य ने वर्षों तक तपस्या की थी ! अतः लोग इसे शंकराचार्य पहाडी कहने लगे थे ! सरकारी दस्तावेजों में भी इसका नाम शंकाराचार्य पहाडी ही अंकित था ! लेकिन अब इस पहाडी का नाम सुलेमान टापू रख दिया गया है ! भारत सरकार के ASI ने भी यहाँ का बोर्ड बदल दिया है और नए बोर्ड पर अंकित है – “टापू ए सुलेमान” !

श्रीनगर में ही स्थित हरि पर्वत का नाम बदलकर “कोह महारन” कर दिया गया है !

कश्मीर घाटी के अनंत नाग को कौन नहीं जानता, किन्तु अब स्थानीय लोग इसे इस्लामाबाद कहने लगे हैं ! उन्होंने अपनी दूकान के साईनबोर्ड पर इस्लामाबाद लिखना शुरू कर दिया है ! नाम बदलने का आन्दोलन प्रारम्भ हो चुका है और जाहिर सी बात है, उन्हें आश्वासन भी मिल चुका है !

अनंतनाग जिले में ही एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है – उमानागरी ! इसका नाम तो बदल भी दिया गया है ! यह अब शेखपुरा हो चुकी है !

श्रीनगर नाम भी हजम नहीं हो रहा है, अतः इसका नाम “शहर ए ख़ास” करने पर विचार किया जा रहा है !

घाटी में बहने वाली किशनगंगा नदी को अब “दरिया-ए-नीलम” कहा जाने लगा है !

लेकिन खबरदार जो दिल्ली की अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप मार्ग करने का विचार भी किया तो ! हमें 56 इंच का सीना नहीं, एक औसत हिन्दू दिल चाहिए महामहिम मोदी जी ! 

इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, इस अंधेर के खिलाफ जागो भारत जागो ! 

वर्ना कहीं ऐसा न हो कि माता वैष्णोदेवी जाने के लिए पासपोर्ट वीसा लेना पड़े और वहां भी बदले हुए नाम वाले किसी स्थान पर मत्था टेकना पड़े ! 

आज का ताजा समाचार है कि अब यूपी चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा भी चर्चा से बाहर रहेगा ! ताला खुला राजीव गांधी के समय, बाबरी विध्वंश हुआ नरसिम्हाराव जी के जमाने में ! आपके राज में क्या रामकाज हुआ श्रीमान मोदी जी ?

आखिर फायदा क्या हुआ, जम्मू कश्मीर और केंद्र दोनों स्थानों पर भाजपा नियंत्रण का ? 

मोदी जी आप मानते हैं कि आम हिंदुत्वनिष्ठ, सेक्यूलर दलों की तुलना में आपके और आपकी भाजपा के साथ रहने को विवश है, और आपकी धारणा गलत भी नहीं है ! किन्तु सत्ता के सिंहासन पर पहुँचने के बाद, क्या आपको आत्मचिंतन भी नहीं करना चाहिए ? यह आलेख केवल आप तक आत्मचिंतन का सुझाव पहुंचाने की खातिर ! 

प्रजातंत्र को सबसे कम बुरी शासन व्यवस्था माना जाता है ! हम आपको सबसे कम बुरे प्रधानमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि सबसे आदर्श महानायक के रूप में इतिहास में अंकित देखना चाहते हैं !

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