राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैय्याजी जोशी ने किया मध्यप्रदेश की कृषि मानचित्रावलि का लोकार्पण


नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के माननीय सरकार्यवाह श्री भैय्याजी जोशी ने जून 1, 2016 को सायं 5.00 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, जनपथ, दिल्ली में मध्यप्रदेश की कृषि मानचित्रावलि का लोकार्पण किया। इस अवसर पर भारत के माननीय कृषि मंत्री, श्री राधामोहन सिंह, माननीय सांसद श्री मुरली मनोहर जोशी, भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री श्री दिनेश कुलकर्णी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय उपस्थित थे। मानचित्रावलि के संपादक और समाजनीति समीक्षण केंद्र के निदेशक श्री जे.के. बजाज ने मानचित्रावलि की विषय-वस्तु प्रस्तुत की।

समाजनीति समीक्षण केंद्र एवं मध्यप्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी परिषद् के संयुक्त प्रयास से बनी इस मानचित्रावलि में मध्यप्रदेश की कृषि के समस्त पक्षों का विस्तृत एवं सचित्र वर्णन हुआ है। मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ दशक में कृषि में हुए अभूतपूर्व विकास का प्रामाणिक चित्रण भी इस मानचित्रावलि में हो गया है। कृषि में हुए इस विकास के कारण मध्यप्रदेश के सकल उत्पाद में अब कृषि का भाग देश भर में सबसे अधिक है और कृषि-उत्पादन में वृद्धि में मध्यप्रदेश देश का अग्रणी राज्य बन गया है। मध्यप्रदेश में पिछले डेढ़ दशक में एक नयी हरित क्रांति ही हुई है।

इस कृषि मानचित्रावलि के अतिरिक्त इस समारोह में दतिया एवं टीकमगढ़ जिलों की संसाधन मानचित्रावलियों का लोकार्पण भी किया गया।

मध्यप्रदेश की कृषि मानचित्रावलि

इस मानचित्रावलि में निम्न विषयों का संयोजन किया गया है –

मानचित्र
भूगोल, जिसमें भू-आकृति, नदियों एवं जलाशयों, मृदा और जलवायु से संबंधित मानचित्र आये हैं।

जनसांख्यिकी, इसमें जिलानुसार कुल जनसंख्या, ग्रामीण एवं नागरिक जनसंख्या, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या एवं स्त्री-पुरुष अनुपात आदि के 1901 से अब तक के मानचित्र आये हैं।

भू-उपयोग, इसमें जिलानुसार शुद्ध बोये गये क्षेत्र, फसलों के अंतर्गत सकल क्षेत्र, द्विफसलीय क्षेत्र, कृषि-सघनता एवं वनक्षेत्र आदि के 1971-81 एवं 2005-10 के मानचित्रों का समावेश हुआ है।

सिंचाई, इसमें जिलानुसार शुद्ध सिंचित क्षेत्र एवं विभिन्न स्रोतों से सिंचित क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

पशुधन, इसमें जिलानुसार पशुओं की कुल जनसंख्या, प्रति व्यक्ति पशुधन और विभिन्न पशुओं की जनसंख्या आदि संबंधी 1982 एवं 2007 के मानचित्र आये हैं। 1966 से 2007 के मध्य इन सब आयामों में हुई वृद्धि के स्तंभचित्र भी यहाँ दिये गये हैं।

विभिन्न फसलों के अंतर्गत क्षेत्र, इसमें अनाजों, दालों एवं तिलहनों के 1976-81 एवं 2004-09 के जिलानुसार क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

विभिन्न अनाजों के अंतर्गत क्षेत्र, इसमें विभिन्न अनाजों के अंतर्गत 1976-81 एवं 2004-09 के जिलानुसार क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

विभिन्न दलहनों के अंतर्गत क्षेत्र, इसमें विभिन्न दलहनों के अंतर्गत 1976-81 एवं 2004-09 के जिलानुसार क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

विभिन्न तिलहनों के अंतर्गत क्षेत्र, इसमें विभिन्न तिलहनों के अंतर्गत 1976-81 एवं 2004-09 के जिलानुसार क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

अन्य फसलों के अंतर्गत क्षेत्र, इसमें कपास, गन्ना, शाक-भाजी, चारा आदि अन्य फसलों के अंतर्गत 1976-81 एवं 2004-09 के जिलानुसार क्षेत्र के मानचित्र आये हैं।

प्रतिव्यक्ति उत्पादन, इसमें खाद्यान्न, दलहन, तिलहन आदि की विभिन्न फसलों के जिलानुसार 1976-81 एवं 2004-09 के प्रतिव्यक्ति उत्पादन के मानचित्र आये हैं।

कृषि विकास की दीर्घकालीन प्रवृत्तियाँ

ऊपर उल्लिखित मानचित्रों के अतिरिक्त इम मानचित्रावलि में कृषि के विभिन्न आयामों में 1964 से 2012 के मध्य हुए परिवर्तनों की राज्यस्तरीय एवं समस्त जिलों की पृथक्-पृथक् प्रवृत्ति-रेखायें भी दी गयी हैं। 

सांख्यिकी तालिकाएँ

इस खण्ड में मानचित्रवलि में दिये गये सब मानचित्रों एवं प्रवृत्तिरेखाओं से संबद्ध समस्त राज्य एवं जिलास्तरीय आंकड़े तालिकाबद्ध किये गये हैं। 

छायाचित्र

यह मानचित्रवलि कृषि के विभिन्न आयामों के प्रदेश के विभिन्न जिलों से लिये गये अनेक छविचित्रों से सज्जित है।

इस सब सामग्री के कारण यह मानचित्रावलि मध्यप्रदेश की कृषि के विस्तृत एवं सचित्र कोष सी बन पायी है। इसमें दी गयी प्रदेश एवं जिलास्तरीय दीर्घकालीन प्रवृत्तिरेखाओं में पिछले एक-डेढ दशक में कृषि के सब आयामों में हुए तीव्र एवं अद्भुत विकास का प्रामाणिक एवं सुग्राह्य चित्र भी प्रस्तुत है।

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