नरेन्द्र सिंह तोमर केन्द्रीय कृषि मंत्री !

ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र पूर्व में कम्यूनिस्ट नेता कामरेड मोतीलाल शर्मा का प्रभाव क्षेत्र रहा तो बाद में यहाँ कांग्रेस के दिग्गज नेता श्री धर्मवीर शर्मा की अहम भूमिका रही | यूं आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के श्री जगदीश गुप्त जीते, किन्तु ढाई साल बाद 1980 में पुनः कांग्रेस के मास्टर तारासिंह वियोगी ने जीत का परचम फहरा दिया | भाजपा ने इसके बाद रणनैतिक कौशल का परिचय देते हुए श्री धर्मवीर शर्मा को अपना प्रत्यासी बनाकर लगातार 1985 और 1990 के चुनाव में जीत तो हासिल कर ली, किन्तु संगठन का ढांचा खड़ा नहीं हो सका | परिणाम स्वरुप 1993 में पुनः यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई | 

1998 में भाजपा प्रत्यासी के रूप में श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस चुनौती पूर्ण क्षेत्र से पहली बार विधान सभा में प्रवेश किया | उसके बाद तो नरेंद्र सिंह जी ने पीछे मुडकर नहीं देखा | लगातार सफलता के सोपान चढ़ते नरेंद्र सिंह तोमर अपनी संगठनात्मक क्षमता से लोकप्रियता के जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, उसके पीछे का उनका संघर्ष भी कम नहीं है | 

12 जून 1957 को उनका जन्म मुरैना जिले में पोरसा विकासखंड के तहत आने वाले छोटे से गाँव ओरेठी में हुआ | सब लाड से मुन्ना बुलाते तो आगे चलकर भी मुन्ना भैया का नाम लोगों की जवान पर चढ़ा रहा | 1977 में युवा मोर्चा के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन प्रारम्भ करने वाले नरेंद्र सिंह जी को वह दिन आज भी स्मरण होगा, जब पहली बार संगठन कार्य के लिए सरदार आंग्रे साहब ने उन्हें साईकिल प्रदान की | एक ही साईकिल पर कभी दो तो कभी तीन कार्यकर्ता सम्पूर्ण ग्वालियर, लश्कर, मुरार में भाग दौड़ करते |

वर्तमान में भले ही नरेन्द्र जी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में भारत सरकार के केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री बने हैं, किन्तु उनके व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया है, और ना ही वे अपना संघर्ष भूले हैं | अपनों के लिए वे बैसे ही शालीन, मृदुल और अपनत्व से भरे हुए हैं तो कार्य क्षेत्र में अपनी कर्मठता का लोहा मनवा रहे हैं | युवावस्था के जुझारू तेवर भी यथावत हैं | ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें सतत राष्ट्रसेवा की सामर्थ्य प्राप्त रहे |

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