क्या उत्तर प्रदेश में लगने वाली है विधायकों की मंडी ?

उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। आंकडों को देखें तो 229 विधायकों के बल पर सपा राज्यसभा के छह उम्मीदवार जितवाने में सक्षम है। राज्यसभा में सातवें उम्मीदवार को जितवाने के लिए सपा को बभी 9 अतिरिक्त मतों की आवश्यकता होगी, जिसके लिए सरगर्मियां शुरू हो गई हैं।

सपा के घोषित प्रत्यासियों में कांग्रेस छोड़कर सपा में आये वरिष्ठ कुर्मी नेता बेनी प्रसाद वर्मा तथा मुलायम सिंह के मित्र अमर सिंह के नाम शामिल हैं ! भाजपा ने सारे पूर्वानुमानों को धता बताते हुए शिवप्रताप शुक्ला को अपना उम्मीदवार घोषित किया है !

बसपा के पास 80 विधायक हैं, जिनकी दम पर उसके दो उम्मीदवार आसानी से जीत सकते हैं ! आज कि परिस्थिति में उसके अतिरिक्त छः वोट संभवतः कांग्रेस प्रत्यासी कपिल सिब्बल को जाने की महज औपचारिक घोषणा भर होना वाकी है ! कांग्रेस को जीत के लिए मात्र इतने ही वोटों की जरूरत है !

कांग्रेस के पास विधानसभा में 29, भाजपा के पास 42 और बसपा-सपा के पास 80 और 229 विधायक हैं। रालोद के भी 9 विधायक हैं ! उड़ीसा के अरबपति व्यापारी की पत्नी, गुजरात मूल की प्रीति महापात्रा के निर्दलीय मैदान में आ जाने के बाद राज्यसभा चुनाव में तय उम्मीदवारों की जीत के लिए सभी पार्टियों के बीच क्रास वोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि सपा और बसपा के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और वो मौका देखकर क्रॉस वोटिंग भी कर सकते हैं।

सपा विधायक रामपाल यादव तथा बसपा विधायक बाला प्रसाद अवस्थी ने तो श्रीमती महापात्रा के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर भी कर दिए हैं ! रामपाल यादव का कहना है कि कई सपा विधायक श्रीमती प्रीति महापात्रा को वोट करने वाले हैं ! कुछ ऐसा ही दावा बसपा विधायक अवस्थी ने भी किया है !

ध्यान देने योग्य बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2006 में दिए गए निर्णय के अनुसार राज्य सभा चुनावों में 10वीं अनुसूची और दलबदल विरोधी क़ानून के प्रावधान लागू नहीं होते जिस वजह से राजनीतिक दल विधायकों पर कानूनी व्हिप नहीं जारी कर सकते। इसी वजह से कुछ माह पूर्व मार्च 2016 में असम में भाजपा और बोडो पीपुल्स फ्रंट के विधायक की क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस ने राज्यसभा की दोनों सीट जीत ली थी। अर्थात पार्टी के अधिकृत प्रत्यासी के खिलाफ वोट करने के बाद भी किसी विधायक की सदस्यता नहीं जाती ! इसीलिए इन चुनावों में विधायकों की खरीद फरोख्त भरपूर हो सकती है ! इंसानों की खुलेआम मंडी लगने का यह नजारा भारतीय राजनीति का रोचक नजारा होगा और हम सब इसे भरपूर दिलचस्पी से देखेंगे भी !

भाजपा विधायक राधामोहन अग्रवाल ने साफगोई से कहा भी है कि यूपी में बीजेपी के पास 44 की स्ट्रेंथ है और हमारे कैंडिडेट शिवकुमार शुक्ल के जीत के लिए 34 वोट चाहिए. प्रीति ने हमसे संपर्क किया और कहा कि हमें अतिरिक्त वोट दे दीजिये. सपा-बसपा और कांग्रेस के गठजोड़ के खिलाफ वे संघर्ष करेंगी. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें अतिरिक्त 10 वोट देने का फैसला किया है. अब प्रीति हॉर्स ट्रेडिंग करें या कुछ और उससे बीजेपी का कोई लेना देना नहीं.

फिलहाल तो प्रीति महापात्रा के समर्थन में भाजपा के 9, दो निर्दलीय, दो अपना दल, एक पीस पार्टी तथा सपा बसपा के एक एक विधायक को मिलाकर कुल 16 ही नजर आ रहे हैं !

सारा देश 11 जून को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव के दौरान लगाने वाली इंसानों की इस मंडी की ओर टुकुर टुकुर देख रहा है, कि देखें कौन हारता है – तथाकथित निर्दलीय प्रीति, कांग्रेस के कपिल या सपा का कोई घोषित प्रत्यासी ? 

इसके बाद भी अगर कोई स्वप्नजीवी मित्र यह सोचते हैं कि भारत राष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त होगा तो उनसे मुझे सहज सहानुभूति है ! इस स्थिति के लिए कोई एकदोषी नहीं है, राज्यसभा को बाधित करने वाली कांग्रेस शायद सबसे अधिक, और भाजपा का तो कहना ही क्या ?

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