भोपाल - चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य के लिए बेहतर व्यवस्थाओं पर ध्यान दें - संभागायुक्त श्री सिंह

भोपाल| 25 जून 2016 - चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य के लिए बेहतर व्यवस्थाओं पर ध्यान दें। उपचार करने के साथ अस्पतालों में स्वास्थ्य के अनुकूल स्वस्थ पर्यावरण रखना भी जिम्मेदारी होना चाहिए। भोपाल संभागायुक्त श्री एस.बी.सिंह ने आज कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित संभाग स्तरीय कायाकल्प-2 के उन्मुखीकरण कार्यक्रम में चिकित्सकों और पैरामेडीकल के स्टाफ से यह बात कही। कार्यक्रम में संचालक हास्पिटल डॉ. के.के.ठस्सू, संयुक्त आयुक्त विकास श्री एम.एल.त्यागी, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य श्री राकेश मुंशी, संयुक्त संचालक भोपाल संभाग डॉ. श्रीमती किरण शेजवार, स्टेट क्वालिटी एंश्योरेंस आफीसर डॉ. पकंज शुक्ला, भोपाल-नर्मदापुरम संभाग के सभी जिला और सागर एवं दमोह जिले के सीएमएचओ, सिविल सर्जन, आरएमओ, पैथोलॉजिस्ट, ओटी इंचार्ज नर्स, मौजूद थे। 

संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जून 2015 में कायाकल्प अभियान की शुरूआत हुई। पहले चरण में प्रदेश के 51 जिला चिकित्सालयों में यह अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत मूल्यांकन में उत्कृष्ट चिकित्सालयों को पुरूस्कृत भी किया गया। इस अभियान की अगली कड़ी में इस वर्ष से प्रदेश के सभी सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक अभियान का विस्तार किया जा रहा है। इसमें चिकित्सकों और पैरामेडीकल स्टाफ को कायाकल्प गाईड लाईन के अनुरूप कार्य करना है। कायाकल्प गाईड लाईन में बिल्डिंग का रख रखाव, साफ सफाई, अपशिष्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण, सहयोगी सेवायें, जनसमुदाय एवं स्वास्थ्य संस्था में स्वच्छता को बढ़ावा देने के प्रयास किये जाना शामिल है। 

डॉ. ठस्सू ने बताया कि कायाकल्प अभियान को प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में लागू करने में, मुख्य चुनौती है कायाकल्प गाईड लाईन के अनुरूप जिम्मेदारी निभाना और इन व्यवस्थाओं को करन में नगर निगम, विद्युत, पीएचई आदि विभागों से सहयोग प्राप्त करना। संयुक्त संचालक भोपाल संभाग डॉ. श्रीमती शेजवार ने कहा कि अगले चरण में जिले के सभी चिकित्सालयों के चिकित्सकों और पैरामेडिकल के स्टाफ को भी अभियान की बारीकियों से अवगत कराया जायेगा ताकि स्वस्थ स्वास्थ्य परीक्षण और बेहतर स्वास्थ्य सेवायें देने में हम सफल हों। 

स्टेट क्वालिटी एश्योरेंस डॉ. शुक्ला ने बताया कि अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों का आब्जेक्टिव मूल्यांकन किया जाता है। हर कार्य के लिए मूल्यांकन के नंबर तय हैं और इसी आधार पर उत्कृष्ट संस्थाओं को पुरूस्कृत भी किया जाता है। एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा कायाकल्प अभियान की गाईड लाईन के सभी बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
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