बहुत कम लोग होंगे जो जानते होंगे अटलजी के ये कारनामे !

जैसा की आप सब जानते है, अगर हमें किसी को समकालीन “भारतीय राजनीति का ग्रैंड ओल्ड मैन’ पद से सम्मानित करना हो तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सबकी पसंद होंगे। अटल जी को भारतीय राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ के रूप में भी जाना जाता है। अटल जी के आचरण और व्यक्तित्व ने न केवल समस्त देशवासियों का, बल्कि विपक्षी दलों का भी दिल जीता। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि किसी भारतीय राजनीतिज्ञ को सच्चा आदमी या अच्छा व्यक्ति कहकर सम्बोधित किया गया हो। अटल जी राजनीति को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं,अटल जी के बारे में कुछ ज्ञात और अज्ञात बातें।

इजराइल के प्रधानमन्त्री को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने का ऐतिहासिक काम

अटलजी की पहली सरकार मात्र 13 दिन में गिर जाने के बाद जो उनकी जो दूसरी सरकार बनी वह भी मात्र 13 महीने ही चल पाई और कई पार्टियों के गठबंधन के साथ ! अटलजी ने सोचा कि पता नहीं सरकार कब गिर जाए और उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले ही गणतन्त्र दिवस पर इजरायल के प्रधानमन्त्री एरियल शेरोन को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाने का वह ऐतिहासिक काम किया जो उनके पहले और उनके बाद कोई न कर सका !

अमेरिका, यूरोप सहित किसी देश की परवाह किये बिना परमाणु परीक्षण

नरसिंहारावजी परमाणु परीक्षण करना चाहते थे लेकिन अमेरिका के इशारे पर कांग्रेस ने उनके कान ऐंठ दिए ! अटलजी के प्रधानमन्त्री बनने के बाद रावजी ने अटलजी को इशारों में कहा कि मुझे उम्मीद है कि आप यह काम पूरा करेंगे !अटलजी ने प्रधानमन्त्री बनते ही मिसाइल मैन और आज करोडो लोगों के आदर्श बन चुके कलामजी को बुला कर कहा कि इस काम के लिए कितना समय चाहिए ! कलाम जी ने कहा 2 महीने भी नहीं लगेंगे, बस आपकी मंजूरी चाहिए ! अटलजी ने कहा अभी इसी वक्त से ही मंजूरी है ! कलामजी ने भी अपना वादा पूरा किया और दुश्मनों के रातों की नींद उड़ाने वाले कई सफल परमाणु परीक्षण कर डाले ! अटलजी ने इस काम के लिए अमेरिका, यूरोप सहित किसी देश की परवाह नहीं की उनको सबसे पहले नरसिंहारावजी ने बधाई दी और कहा कि आपने अपना वादा पूरा किया

हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता किन्तु हर आतंकवादी मुसलमान ही क्यों होता है

अटलजी ने प्रधानमन्त्री रहते हुए संसद में वह मशहूर बयान ऑन रिकॉर्ड दिया था जिसे सुना और दोहराया सभी ने है किन्तु यह बहुत कम लोगों को पता होगा कि यह बयान अटलजी का है -‼ हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होता किन्तु हर आतंकवादी मुसलमान ही क्यों होता है‼

क्लिंटन को दो टूक “कल का सूरज नहीं देख आयेगा पकिस्तान”

कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री नवाज शरीफ ने अमेरिका जा कर वहां के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को कहा कि हम हार के कगार पर हैं और हमारे पास भारत पर परमाणु बम गिराने के अलावा कोई चारा नहीं है ! क्लिंटन ने नवाज शरीफ को समझाया कि आप ऐसा बिलकुल न करें लेकिन नवाज शरीफ अपनी बात पर अड़ा रहा और बोला कि आपके अटलजी से रिश्ते हैं आप उन तक मेरा सन्देश दे कर उन्हें समझा दीजिए कि भारत युद्ध से पीछे हट जाए नहीं तो परिणाम भुगते ! क्लिंटन ने जब अटलजी को फोन लगाया आपको पता है उस समय भारत में आधी रात का समय था अटलजी ने क्लिंटन का फोन सुन कर कहा 50 करोड़ भारतियों और आधे भारत को ख़त्म मान चुका हूँ लेकिन सारा का सारा पाकिस्तान कल का सूरज नहीं देखेगा इतना कह कर फोन काट दिया ! अमेरिका के राष्ट्रपति को पहली बार किसी ने ऐसा जवाब दिया था ! बिल क्लिंटन ने अटलजी का जवाब बताते हुए नवाज शरीफ को कहा कि तुरन्त पाकिस्तान जाओ और बिना शर्त युद्ध विराम करो नहीं तो परिणाम तुम्हें भारी पड़ेगा और इतिहास गवाह है कि नवाज शरीफ को ऐसा ही करना पड़ा बस अब आप इस घटना को मौजूदा कश्मीर के हालात से जोड़कर देखें इशारा समझ ही गए होंगे !

अटल जी के दो दुर्लभ चित्र और अद्भुत कथानक -


अंग्रेजी हुकूमत के उस दौर में विक्टोरिया कॉलेज ग्वालियर (वर्तमान में एम एल बी कोलेज) आगरा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता था ।उस जमाने में अंग्रेज ही प्राचार्य हुआ करते थे और छात्र संघ के अध्यक्ष भी ।छात्र संघ का सबसे बड़ा पद उपाध्यक्ष का था जो अटल जी का था । स्व. श्री रामकुमार चतुर्वेदी" चंचल" सांस्क्रतिक सचिव थे ।
हिंदी विभाग में श्री शिवमंगल सिंह "सुमन"और उर्दू विभाग में श्री जाँ निसार अख्तर हुआ करते थे ।सुमन जी के तीनों शिष्य अटल जी ,चंचल जी और वीरेंद्र मिश्र एक साथ मंच पर आसीन भी होते थे !कवि सम्मेलनों के चक्कर में अटल जी और चंचल जी की अटेंडेंस खतरे में थी ।प्रिंसिपल एफ जी पेयर्स से दरख्वास्त की गयी।
उनदिनों आगरा विश्व विद्यालय में "हृषिकेश चतुर्वेदी काव्य प्रतियोगिता "होती थी ,जिसे पिछले दो वर्षों से विक्टोरिया कॉलेज जीत रहा था ।प्राचार्य ने कहा प्रतियोगिता तीसरे साल जीतकर ट्रॉफी विक्टोरिया कॉलेज लाओ ,सारी उपस्थित मिलेगी ।
इस प्रतियोगिता में चंचल जी और अटल जी जब विजयी घोषित हुए तब कॉलेज के प्राचार्य को मंच पर देखकर हतप्रभ रह गये ।प्राचार्य वो भी अंग्रेज़ प्राचार्य अपने शिष्यों को ट्रॉफी जीतते देखने के लिए पहुंचे और अपने विजयी छात्रों को खुद कार ड्राइव कर आगरा से ग्वालियर विक्टोरिया कॉलेज ले कर पहुंचे! 
प्रथम चित्र परिचय - बैठे हुए बायें से प्रथम अटल जी ,बीच में प्राचार्य एफ जी पेयर्स खड़े हुए दाएं से प्रथम श्री रामकुमार चतुर्वेदी चंचल
दूसरे चित्र में - महामना राहुल सांकृत्यायन ,कवि श्री नेपाली जी ,रामविलास शर्मा जी ,सुमन जी ,पीछे पंक्ति में तीसरे नंबर पर स्व. रामकुमार चतुर्वेदी "चंचल" जी और पंक्ति के अंत में शाल ओढ़े अटल जी


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