राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रोज़ा इफ़्तार 2 जुलाई को !


हिन्दू धर्म का कोई भी आयोजन हो, उसके समापन के अवसर पर उपस्थित जन समवेत स्वर में जयकार के साथ बोलते हैं - धर्म (अच्छाई और नेकी) की जय हो, अधर्म (बुराई और बदी) का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो तथा विश्व का कल्याण हो ! इन्हीं पुनीत स्वर लहरियों व विचार को मुस्लिम बंधुओं में भी फ़ैलाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने 2 जुलाई को विश्व स्तर पर “अंतर्राष्ट्रीय रोज़ा इफ़्तार” कार्यक्रम आयोजित करने का निश्चय किया है ! जिसमें मुस्लिम देशों सहित लगभग 61 देशों के प्रतिनिधियों को हिंदुस्तान की विश्व बंधुत्व की भावना से अवगत कराया जाएगा !

पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी, नई दिल्ली में शनिवार 2 जुलाई, सायं 6 बजे आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मार्गदर्शक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार जी स्वागत भाषण देंगे ! 

देश में सामाजिक सौहार्द बढ़े, इसके लिए रमज़ान के पवित्र माह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राष्ट्रीय स्तर पर भी रोज़ा इफ़्तार के कार्यक्रम कर रहा है, जिसमें न केवल मुस्लिम जन को अपितु अन्य पंथों का अनुसरण करने वाले भाईयों को भी बुलाया जा रहा है, साथ ही इन कार्यक्रमों में समाज के दरिद्रजनों को भी सम्मिलित किया गया है। 

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा रमजान माह के दौरान भारत में 9332 मौहल्लों में, रोजा इफ़्तार के कार्यक्रम आयोजित होने की संभावना है ! इफ़्तार के दौरान राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा सभी बंधुओं को समाज हित में जागरूक रहने की बातें बताई जा रही हैं, जिनमें – जहन के साथ-साथ जहान की सफाई (पाकीजगी), घर के बाहर गमले में रिहान (तुलसी) तथा मौहल्ले में दरख़्त लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ! 

इसके अलावा देश प्रेम का जज्बा और मजबूत करने के उद्देश्य से, रा.मु.मंच इफ़्तार मिलन में पूरे 30 दिन, भारत के किसी नबी या इस्लामी विद्वान के देश प्रेम से जुड़े प्रेरक प्रसंगों से सभी बंधुओं को अवगत करा रहा है ! 

भारतीयों के बीच किसी भी कारणवश आई परायेपन की भावना को मिटाने के लिए रोजा इफ़्तार में रा.मु.मंच द्वारा गैर मुस्लिमों को भी बुलाकर सामाजिक सद्भावना दृढ़ करने का कार्य किया जा रहा है ! इसके साथ ही मौहल्ले में सर्वाधिक गरीब, दीन-हीन और अंत में खड़े मुसलमान से मिलकर उसे रोजा तथा इफ़्तार में सहायता और हीन भावना से निकालकर समाज में समान स्तर पर लाने की कोशिश की जा रही है !

राष्ट्रीय मुस्लिम मंच समाज के प्रबुद्ध व अग्रणी जनों के मनमुटाव दूर करने के लिए उन्हें भी रोज़ा इफ़्तार में आमंत्रित कर रहा है, जिससे कि उनके साथ का लाभ सभी को मिले ! इसके लिए उन्हें इफ़्तार में उपरोक्त भाव का स्मरण करवाया जा रहा है ! 

स्मरणीय है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संगठन संयोजक, उर्दू अखबार पैगाम मादरे वतन' के चीफ एडिटर, गिरीश जुयाल हैं ! तथा उक्त कार्यक्रम के लिए बनाई गई स्वागत समिति के संयोजक भारत रावत हैं ! इस कार्यक्रम के संयोजक सैयद यासीर जीलानी (अधिवक्ता) को बनाया गया है ! इनके अतिरिक्त आमंत्रण पत्र पर उलेमा ए इकराम के संयोजक मौलाना सुहैब कासमी का भी नाम है !

स्वाभाविक ही इस आयोजन से तथाकथित सेक्यूलर ब्रिगेड के पेट में गुडगुडाहट होने लगी ! अगर भारत के राष्ट्रवादी हिन्दू और मुसलमान साथ साथ आ गए तो उनकी वोट बैंक पॉलिटिक्स को तो पलीता ही लग जाएगा ! अतः उन्होंने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच को आरएसएस बताकर भ्रम फैलाना शुरू कर दिया ! इसका जबाब देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक की ओर से एक ट्वीट श्रंखला में कहा गया है कि –

"मीडिया द्वारा कहा जा रहा है कि आरएसएस द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है, यह बात तथ्यात्मक रूप से गलत है । आरएसएस द्वारा इस प्रकार का कोई आयोजन नहीं किया जाता है," ।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आगे कहा कि इफ्तार पार्टी का आयोजन करने वाला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम), एक स्वतंत्र मुस्लिम संगठन है जिसका घोषित उद्देश्य राष्ट्रीय मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना है।

वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी इंद्रेश जी एम आर एम के राष्ट्रीय जागरूकता कार्यक्रमों का समर्थन करने तथा एमआरएम के साथ आरएसएस के विचारों को साझा करने के लिए उनके संपर्क में रहते हैं । वे एमआरएम के कोई औपचारिक पदाधिकारी भी नहीं हैं ।

इस बीच पंपोर हमले में आठ सीआरपीएफ जवानों के शहीद हो जाने के बाद एमआरएम ने अपनी इफ्तार पार्टी में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित के आमंत्रण को रद्द कर दिया है ! इसका मूल कारण अब्दुल बासित द्वारा की गई 'असंवेदनशील' टिप्पणी को माना जा रहा है।

एमआरएम का गठन हिंदुओं और मुसलमानों के बीच खाई पाटने और दोनों समुदायों को एक साथ लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से 2002 में किया गया था।

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