शिवपुरी- आतंकी बंदर ने फिर घायल किया एक मासूम को, बचाव के लिए सिर्फ एक पिंजरा और कुछ अप्रशिक्षित वन्यकर्मी

शिवपुरी। नगर में बीते कुछ दिनों से बंदरों ने कोहराम मचाया हुआ है। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता है, जब बंदर किसी को घायल न करें। वरना हर रोज कहीं न कहीं से यह खबर आती रहती है कि फलां जगह बंदर ने किसी बच्चे को काटा, तो कहीं कोई महिला उसके अचानक हमले से बच नहीं पाई और वह घायल हो गई। इन बंदरों में से कुछ बंदर इतने खतरनाक हो गए हैं कि वे हर रोज लोगों पर हमले कर रहे हैं। ताजा मामला नगर की पाॅश काॅलोनी, महल काॅलोनी का है। जहां आज सुबह रेडिएंट कालेज के संचालक शाहिद खान के बेटे शान पर एक बंदर ने अचानक हमला किया और उसके गाल पर काट लिया। घाव काफी गहरा निकला और उस बच्चे के गाल पर सात टांके आए। बच्चे के पिता का कहना है कि ‘‘बेटा, घर के लाॅन में नाश्ता कर रहा था कि अचानक बंदर ने उस पर हमला कर दिया, जब तक उसे बचाने के लिए दौड़ते वह अपना काम कर रफूचक्कर हो गया था। अस्पताल में डेªसिंग कराने पहुंचे तो डाॅक्टर ने उन्हें सलाह दी कि रैबीज के इंजेक्शन भी लगवाने पड़ेंगे।’’ 

अस्पताल में कार्यरत एक नर्स का कहना है कि ‘‘यहां हर रोज दो से तीन मामले इस तरह के आ रहे हैं।’’ जब इस मामले में वन महकमे के जिम्मेदार अधिकारी संजय मालवीय से बात की गई, तो उनका कहना था कि ‘‘शहर में एक साथ कई जगह बंदरों का आतंक बरपा हुआ है। महकमे के पास न तो इन बंदरों को पकड़ने के लिए पर्याप्त पिंजरे हैं और न ही प्रशिक्षित स्टाफ। एक पिंजरे के सहारे हम कहां-कहां बंदरों को पकड़ें ? हाल-फिलहाल ये पिंजरा फिजिकल रोड पर रखा हुआ है, इस पिंजरे को महल काॅलोनी में रखेंगे, तब तक दूसरे इलाके से अप्रिय खबर आ जाएगी।’’ अप्रिय खबरें आ भी रही हैं, लेकिन वन महकमा मासूम बच्चों को बंदरों के आतंक से निजात नहीं दिला पा रहा है। नगर प्रशासन तब जागेगा, जब कोई बड़ी घटना हो जाए। 

कहने को वन्य प्राणियों से आम लोगों को बचाने की जिम्मेदारी नेशनल पार्क प्रबंधन की भी है, लेकिन शहरी क्षेत्र में वे अपनी जिम्मेदारी वन महकमे के सिर पर डालकर अपने इस काम से बरी हो जाते हैं। जब नेशनल पार्क की रेस्क्यू टीम के एक संबंधित सदस्य से इस बारे में बात की गई, तो उसका कहना था कि यह अधिकार क्षेत्र वन महकमे का है। लिहाजा वे ही इस पर कोई कार्यवाही कर सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें