क्या सच में आतंक का कोई धरम नहीं होता..? - प्रशांत पोल


बुरहान वानी आठ जुलाई को कश्मीर के त्राल में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में मारा गया. बुरहान वानी एक जाना पहचाना आतंकी था. हिजबुल मुजाहिदीन जैसे दहशतगर्द संगठन का ‘पोस्टर बॉय’ था. अनेकों बार उसने भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले किये थे. कुछ सैनिकों को भी मारा था. भारत सरकार ने उसे पकड़ने पर दस लाख रुपये का इनाम रखा था..!

बुरहान वानी ऐय्याश था. अनेक लड़कियों से, स्त्रियों से उसके संबंध थे. इनमे कुछ विवाहित महिलाएं भी थी. अपने ही साथियों की बहनों पर उसकी नजर रहती थी, इसलिए उसका अपने ही साथियों से कई बार झगडा भी हुआ था. उसने ‘इस्तेमाल की हुई’ एक महिला ने ही उसके आने की खबर सुरक्षा बलों को दी थी.

‘ऐसे’ बुरहान वानी के मरने के बाद से पूरे कश्मीर घाटी में आतंक हैं. चार दिनों में सुरक्षा बलों के साथ पाच सौ से ज्यादा मुठभेडे हो चुकी हैं. चार सौ लोग घायल हैं, जिन में सौ से ज्यादा पुलिस तथा सुरक्षा बलों के जवान हैं. बत्तीस मौते अभी तक हो चुकी हैं. पवित्र अमरनाथ यात्रा तीन दिन बंद रही हैं. हजारो पर्यटकों को और अमरनाथ यात्रियों को कश्मीर घाटी में जगह-जगह पर रोका गया, उनकी बसों और गाड़ियों की तोड़फोड़ की गयी, उनका सामान फेंका गया और उनसे अभद्रता भी की गयी. और ‘ऐसे’ बुरहान वानी की शवयात्रा में बीस हजार से ज्यादा स्थानिक मुसलमान जुटने का समाचार हैं..!

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देश में इस समय एक और समाचार सुर्खियाँ बटोर रहा हैं. ‘पीस टी वी’ पर ‘इस्लामी प्रवचन’ करने वाला जाकिर नायक इस समय चर्चा में हैं. बुध्दिवाद का चोला डालकर, सूट-टाई पहनकर, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले जाकिर नायक पर बंगला देश की सरकार ने आरोप लगाएं हैं. ईद के मौके पर बंगला देश की राजधानी ढाका के कैफ़े में गैर मुस्लिमों को बंधक बनाकर चुन चुन कर मारने वाले मुस्लिम आतंकियों ने इस जाकिर नायक से ही प्रेरणा पायी थी.

सन २०१० में मुंबई में जाकिर नायक ने कहा था की, “मैं सारे मुस्लिमों से कहता हूँ की हर मुसलमान को आतंकी होना चाहिए. आतंकी मतलब ऐसा आदमी, जो भय फैलाए.” ढाका हमले के आतंकी रोहन इम्तियाज ने जाकिर नायक के इसी बयान को फेसबुक पर लिखकर मुसलमानों से आतंकवादी बनने की अपील की थी...! इसी जाकिर नायक ने खूंखार आतंकी ओसामा बिन लादेन के समर्थन में कहा था की, “अगर ओसामा ने इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई की तो सही किया..!” जाकिर नायक की पीस टी वी में जब भी भारत का नक्शा दिखाया जाता हैं, उसमे कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता हैं..!

शांति और अमन के आवरण में विद्वेष और आतंक का चेहरा लिए घुमने वाले इस जाकिर नायक के समर्थन में अनेक मुसलिम संगठन और संस्थाएं सामने आ रही हैं. एम् आई एम् के ओवेसी ने तो खुले तौर पर कहा हैं की ‘जाकिर नायक पर मिडिया ट्रायल नहीं चलेगा. उसने कुछ भी गलत नहीं कहा हैं.’

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इसी बीच पिछले सप्ताह एक अत्यधिक चिंतनीय समाचार पश्चिम बंगाल से मिला हैं. हावड़ा के पास, बर्दवान जिले में मंगलकोट ब्लॉक में एक विद्यालय हैं – ‘बांकापासी एस एम् हाईस्कूल’. यह हिन्दु बहुल इलाके में हैं. यहाँ ७०% बच्चे हिन्दू हैं. ३०% मुस्लिम बच्चे आस-पड़ोस के डूरमुट, मुरुलिया जैसे गाँवों से आते हैं.

२४ जून को इस विद्यालय के मुस्लिम छात्र, यकायक, अपनी चलती कक्षाएं छोडकर शाला के मैदान में पहुच गए तथा नमाज पढने लगे. शाला प्रबंधन ने सोचा, रमजान का महीना हैं, इसलिए इन मुस्लिम विद्यार्थियों ने ऐसा सोचा होगा. इसलिए इस घटना को तुल नहीं दिया गया.

लेकिन दुसरे दिन, २५ जुलाई को, शाला में जब तीसरा पीरियड चल रहा था, तब शाला के सभी मुस्लिम बच्चे प्राचार्य कक्ष के सामने खड़े हो गए, तथा नारे लगाने लगे, “नारा-इ-तकबीर.. अल्ला हूँ अकबर..!” तथा मांग करने लगे की ‘हमें तुरंत बड़ा सा अलग कमरा चाहिए, जिसमे हर रोज नमाज पढ़ सकेंगे.’ उनकी एक मांग और भी थी – शाला में सरस्वती पूजन बंद किया जाए. प्राचार्य को उनके कमरे में कुछ देर तक बंधक बना के रखा गया.

इसकी प्रतिक्रिया हुई. दुसरे दिन हिन्दू विद्यार्थी इकठ्ठे हुए और उन्होंने ‘हरिनाम संकीर्तन’ के लिए अलग से कमरे की मांग की. इस संघर्ष को देखते हुए, शाला प्रबंधन ने दोनों मांगों को खारिज किया.

यह अचानक हुई घटना नहीं हैं. सिद्दीकुल्लाह चौधरी नामक, ममता बेनर्जी के विश्वासपात्र विधायक एवं मुस्लिम नेता ने इस समय ‘मिशन मुस्लिम बंगला’ नाम का अभियान छेड़ रखा हैं. पश्चिम बंगाल की हर एक संस्था में, विद्यालय / महाविद्यालयों में, सरकारी दफ्तरों में पूर्णतः मुस्लिम रीतिरिवाज का चलन बने ऐसी इनकी महत्वाकांक्षी योजना हैं..!

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पिछले दो - तीन सप्ताह में घटित यह तीन घटनाएं..! तीनों में मुस्लिम आक्रामकता साफ़ झलक रही हैं. सिर्फ आक्रामकता ही नहीं, तो देश के प्रति विद्वेष का भाव भी प्रकट होता दिख रहा हैं. लेकिन इस मुस्लिम आक्रामकता के विरोध के स्वर किसी मीडिया में या किसी मुस्लिम नेता के मुख से दिखते हैं, आप को..?

मैं खोज रहा हूँ, बरखा दत्त को, मियां शाहरुख को, शबाना दीदी को, राजदीप सरदेसाई को, आमिर खान को, सलमान खान को, उन तमाम अवार्ड वापिस करने वाले सेक्युलारिस्टो को..
क्या किसी देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के ऊपर किसी धर्म की जेहादी आक्रामकता स्वीकार की जायेगी..?

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