केरल में हुई ज्योतिरादित्य सिंधिया की गाडी दुर्घटनाग्रस्त, एक की मृत्यु !

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार से टक्कर लगने से बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई। सिंधिया मध्यप्रदेश के गुना लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया के ट्‍वीट के मुताबिक सिंधिया की कार से यह हादसा केरल के पट्‍टानकाड़ू में राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर हुई। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मृत व्यक्ति का नाम ७० वर्षीय शशि उन्नू बताया जा रहा है ! सिंधिया केरल सांसद वेणुगोपाल के बुलावे पर उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए हुए थे !

जिस समय दुर्घटना हुई सिंधिया कोचीन से अलेप्पी जा रहे थे। इसी बीच, गलत साइड से आ रहा एक स्कूटर उनकी कार से टकरा गया। स्कूटर पर दो व्यक्ति सवार थे जिनमे से एक ७० वर्षीय शशि उन्नू को अस्पताल ले जाया गया जहाँ डोक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया ! सांसद सिंधिया सुरक्षित बताये जा रहे है उन्हें कुछ मामूली चोटें आई है ! 

सिंधिया की गाडी के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना आने के बाद स्वयं सिंधिया ने अपने कार्यकर्ताओं को अपने सकुशल होने की सूचना दी ! 

इस दुर्घटना को लेकर एक रोचक फेसबुक पोस्ट -

टीचर : एक्सीडेंट कितने प्रकार के होते हैं ?
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छात्र : एक्सीडेंट दो प्रकार के होते हैं। अच्छा एक्सीडेंट और बुरा एक्सीडेंट एक्सीडेंट।
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टीचर : ज़रा साफ-साफ बताओ।
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छात्र : अच्छे एक्सीडेंट वो होते हैं जो कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों (जैसे कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार का एक्सीडेंट) द्वारा किए जाते हैं। ऐसे एक्सीडेंटों में घायल हुए या मारे गए लोगों से मीडिया को कोई सहानुभूति नहीं होती क्योंकि वेदों में लिखा है कि ये लोग अपने पूर्व जन्मों के पापों के कारण ही धर्मनिरपेक्ष लोगों की गाड़ियों के नीचे आते हैं।
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टीचर : बुरे एक्सीडेंट के बारे मैं बताओ।
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छात्र सांस लेते हुए : मैडम बुरे एक्सीडेंट वे होते हैं जो साम्प्रदायिक ताकतों (हेमा मालिनी) की गाड़ियों द्वारा किए जाते हैं और इन में घायल/मारे जाने वाले लोगों की आगामी 7 पीढियां प्रभावित होती हैं। ऐसे साम्प्रदायिक एक्सीडेंटों का आंखों देखा हाल मीडिया के द्वारा बाल कटवा कर, मोटा चोटा रख कर, माथे पर काला टीका लगा कर, गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर, दोनों हाथ ऊपर की और कर के, दोनों आंखें बंद कर के और एक पैर पर खड़े हो कर अनवरत और अखंड रूप से पूेरे 7 दिनों तक पंचम स्वर में गा गा कर सुनाया जाता है। क्योंकि शास्त्रों में लिखा है कि मीडिया द्वारा ऐसा न करने पर देश में ग़रीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, भूकंप, सूखा और बाढ़ आने की आशंका सदा-सदा के लिए लिए बनी रहती है।
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(टीचर यह जवाब सुन कर कोमा में में चली गई है। AIIMS के emergency ward में कोई बैड खाली हो तो सूचित करने का कष्ट करें)
साभार श्री अनिल कौशिश की वाल से !
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