दिल की ब्लोकेज के लिए पीपल का पत्ता राम बाण ईलाज

हमारी जिंदगी के पहिये दिल की धड़कन पर सवार है, लेकिन हाइपर टेंशन और आज के खानपीन के चलते हमारे दिल को लगातार नुकसान हो रहा है। दिल की गति को धीमा कर रही है ब्लॉकेज। ब्लॉकेज नाम से आम आदमी के पसीने छूटने लगते है, क्योकि इसका ईलाज करने के चक्कर में जीवन की पूरी जमा पूंजी का सत्यानाश हो जाता है। लेकिन इन ब्लॉकेज का सफल ईलाज मिलता है आयुर्वेद में।

कई लोगो की परेशानी है उनके रक्त-शिराओ में ब्लोकेज है सबसे पहले जान ले कि अदरक का सेवन जादा करे क्युकि अदरक आपके खून को पतला रखता है और पीपल आपको ब्लाकेज से बचाता है.
यदि किसी व्यक्ति को ब्लॉकेज की समस्या है या ह्रदय आघात हो चुका है वह इस विधि का प्रयोग अवश्य करे।

इस विधि को प्रयोग करने का तरीका :

पीपल के 15 पत्ते जो कि पूर्ण रूप से विकसित हो (कोंपले नहीं होनी चाहिए) लेने चाहिए साथ ही पत्ते की डंठल और नोकीला सिरा कैंची द्धारा काट दिया जाना चाहिए। पत्ते के बचे हुए बीच के भाग को पानी से स्वच्छ कर ले, फिर एक गिलास पानी के साथ धीमी आंच पर पकने दे। जब पानी उबलकर एक तिहाई (गिलास में तीसरा हिस्सा) बच जाय तो ठंडा होने के लिए रख दे। ठंडा हो जाने के बाद साफ़ कपडे से इस काढ़े को छान ले और उसको ठन्डे स्थान पर रख दे। इस काढ़े की तीन खुराक बना ले और सुबह 6.30 बजे, 10.30 बजे और दोपहर में 01.30 बजे इसका सेवन करें। इस प्रक्रिया को लगभग दो हफ्ते तक किया जाय या अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेकर समय बढ़ाया या घटाया जा सकता है।

स्वस्थ व्यक्ति इसका सेवन सिर्फ एक बार सुबह 6.30 बजे एक ही बार करें।

खुराक लेने से पहले हल्का से नाश्ता जरुर ले पेट बिलकुल खाली नहीं होना चाहिए।

परहेज़ :

जब काढ़े का प्रयोग किया जा रहा हो उस समय में तली चीजें, चावल आदि का प्रयोग बिलकुल नहीं करें।

अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी, दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने, किशमिश, मुनक्का, गुग्गुल, दही और दही से बने पेय पदार्थ आदि का सेवन किया जा सकता है।

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