राहुल स्पष्ट करें कि महात्मा गांधी के हत्यारों का संघ से क्या सम्बन्ध था - आरएसएस


कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के सम्मुख कहा है कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए एक संस्था के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को दोषी कभी नहीं ठहराया, लेकिन उससे जुड़े लोग हत्या में शामिल थे ! इया पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री मनमोहन वैद्य ने कहा की श्री गांधी को चाहिए कि वे मामले को घुमाने के स्थान पर यह स्पष्ट करें कि उन्होंने किस सन्दर्भ में हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन का उल्लेख किया ? अगर वे कहते हैं कि गांधी जी की हत्या में आरएसएस शामिल नहीं था, लेकिन जो लोग गांधी जी की हत्या में शामिल थे, वे आरएसएस से सम्बद्ध थे ! तो उन्हें अपने बयान में यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े उन लोगों की आरएसएस में क्या स्थिति थी, उन पर संगठन की क्या जिम्मेदारी थी ! इस प्रकार सीधे तौर पर आरएसएस प्रचार प्रमुख ने हत्यारों की आरएसएस से संबद्धता का प्रमाण माँगा ।

उन्होंने यह भी कहा कि श्री गांधी अब विषय को घुमा रहे है। उन्हें अपने गलत बयान के लिए माफी माँगने की उदारता दिखाना चाहिए और अदालत के सम्मुख स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने जो कुछ कहा था, वह गलत था ।

जब श्री वैद्य से पत्रकारों ने कहा कि राहुल गांधी ने माफी माँगने से मना कर दिया है तो श्री वैद्य ने कहा कि सचाई यह है कि उन्होंने गलती की है, जिसे स्वीकार कर क्षमा माँगने से लोगों की नजर में उनका कद बढेगा ही । कांग्रेस उपाध्यक्ष के पद पर आसीन व्यक्ति को कम से कम इतना उदार तो होना ही चाहिए। 

राहुल के बयान के बाद, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और R.F. नरीमन की बेंच ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता इस जबाब से सहमत हैं तो वह बयान रिकार्ड पर लेकर याचिका का निराकरण करेंगे ।

स्मरणीय है कि भिवंडी के एक स्वयंसेवक राजेश महादेव कुंटे ने याचिका प्रस्तुत कर आरोप लगाया था कि राहुल ने पिछले साल 6 मार्च को सोनाले की एक चुनावी रैली में कहा था कि आरएसएस के लोगों ने गांधीजी की हत्या कर दी। उन्होंने कांग्रेस नेता पर अपने भाषण के माध्यम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का आरोप लगाया।

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