सऊदी अरब और नशे का कारोबार !


विकी गोस्वामी और ममता कुलकर्णी आजकल ड्रग तस्करी के आरोप के चलते सुर्ख़ियों में हैं ! जहाँ विकी ने अपनी जिंदगी गुजरात में गैर-कानूनी शराब बेचने से शुरु की थी। बहीं ममता कुलकर्णी 80 के दशक की जानी मानी अभिनेत्री थीं ! विकी गोस्वामी बाद में मुंबई आया और दाउद का संरक्षण प्राप्त कर वहां नशीली दवाएं बेचने लगा। जब 1993 के बम विस्फोटो के बाद दाउद व छोटा राजन में मतभेद हो गया तो वह छोटा राजन के साथ चला गया। फिर दबाव बढ़ने पर वह जांबिया चला गया। उसने वहां अपना धंधा जमाया फिर दक्षिण अफ्रीका चला गया।

कहते है उसने इतना पैसा कमाया कि आज उसके दुनिया के तमाम बड़े शहरों में होटल हैं। अपना निजी विमान हैं। वह 1997 से दुबई आने जाने लगा। वहीं वह ममता कुलकर्णी के संपर्क में आया। किन्तु तभी दाउद के लोगों की मुखबरी पर उसे दुबई में ड्रग्स की तस्करी में गिरफ्तार कर लिया गया। 

किन्तु महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि 2012 में मुसलमान बनने के बाद उसे रिहा कर दिया गया ! विकी गोस्वामी युसुफ अहमद और ममता कुलकर्णी आयशा बेगम बन गए। उसके बाद तो उनका नशीला धंधा न केवल बदस्तूर बल्कि और भी धड़ल्ले से जारी रहा। अमेरिकी ड्रग इनफोर्समेंट एजेंसी की सूचना पर उसे 2014 में केन्या की मोंबासा में गिरफ्तार किया गया और इन दिनों जमानत पर हैं।

मालूम हो कि दुनिया में भारत सबसे ज्यादा नशीली दवाओं का सप्लायर है जबकि उसकी सबसे ज्यादा खपत अफ्रीका में होती है। भारत में भी ड्रग तस्करी के एक मामले में विकी गोस्वामी को केन्या से भारत लाने के प्रयत्न चल रहे हैं !

इस समाचार को पढ़कर क्या ऐसा नहीं लगता कि सौउदी अरब न केवल धर्मान्तरण करवाता है, बल्कि नशे के कारोबार को भी बढ़ावा देता है ? अन्यथा नशे के कारोबारीयों को मुसलमान बनने के बाद छोड़ने का क्या औचित्य ?

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