मध्यप्रदेश रोजगार निर्माण बोर्ड का पुनर्गठन


राज्य शासन ने मध्यप्रदेश रोजगार निर्माण बोर्ड का पुनर्गठन किया है। मुख्यमंत्री बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। बोर्ड में वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

सदस्यों में चार विभाग सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, पंचायत और ग्रामीण विकास तथा कुटीर एवं ग्रामोद्योग के प्रभारी मंत्री को शामिल किया गया है। राज्य शासन द्वारा मनोनीत चार सदस्य के अलावा बोर्ड की कार्य-परिषद के अध्यक्ष और मुख्य सचिव को भी बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। बोर्ड में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, आदिम-जाति कल्याण, अनुसूचित-जाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण, पंचायत और ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा वन के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्रमुख सचिव वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार बोर्ड में सदस्य सचिव होंगे।

राज्य शासन द्वारा बोर्ड की एक कार्य-परिषद का गठन किया जायेगा। कार्य-परिषद में शासकीय/अशासकीय सदस्यों एवं अध्यक्ष का मनोनयन किया जायेगा। कार्य-परिषद एवं उसके अध्यक्ष के अधिकारों का प्रत्यायोजन भी किया जायेगा। बोर्ड के संचालन के लिये वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के तहत अलग मद में समुचित बजट प्रावधान करवाया जायेगा। आवश्यकतानुसार विभिन्न विभाग से कर्मचारी-अधिकारियों की सेवाएँ प्रतिनियुक्ति पर ली जा सकेंगी। बोर्ड द्वारा आवश्यकतानुसार निजी विशेषज्ञ संस्थाओं से सर्वे कार्य, परियोजना प्रतिवेदन तैयार करवाना और परामर्श प्राप्त करने संबंधी काम करवाये जा सकेंगे।

बोर्ड के उद्देश्यों में राज्य के जन-शक्ति संसाधनों एवं रोजगार की संभावनाओं का निर्धारण करते हुए जन-शक्ति तथा रोजगार से संबंधित आँकड़ों का संग्रहण एवं विश्लेषण, जन-शक्ति एवं रोजगार आवश्यकताओं पर संव्यवहार करने वाले विभागों के काम का समन्वय, मध्यप्रदेश के समग्र मानव संसाधन विकास को प्राप्त करने के लिये रोजगार आधारित आर्थिक विकास का प्रादर्श विकसित करना, प्रदेश में रोजगार/स्व-रोजगार के अवसर सृजित करने वाली सभी योजना का परस्पर समन्वय स्थापित करना, प्रदेश में उन्नत तकनीकी ज्ञान को फैलाने तथा उसके रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिये टेक्नालॉजी ट्रांसफर केन्द्रों की स्थापना करना, स्व-रोजगार में कार्यरत संगठित क्षेत्र के उद्यमियों के उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देना तथा इस कार्य में सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये वातावरण का निर्माण, असंगठित क्षेत्र के उद्यमियों के लिये पूँजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिये संसाधनों का निर्माण एवं व्यावसायिक बैंकों के माध्यम से आसान तरीकों से ऋण उपलब्ध करवाना, मध्यप्रदेश व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद के साथ समन्वय स्थापित करना और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम तथा भारत सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के लिये वार्षिक कार्य-योजना तैयार करना शामिल है।

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