काजल की कोठरी और "आप" पार्टी - हरिहर शर्मा



आजके राजनैतिक परिद्रश्य में मुझे 7 सितम्बर 2013 की एक पोस्ट स्मरण आ रही है, जो मैंने तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी को आधार बनाकर लिखी थी –

रक्षामंत्री ए के अंटोनी की धर्म पत्नी की शान, 
एलिजाबेथ बनीं पिकासो जैसी चित्रकार महान,
आठ पेंटिंग की कीमत मिले अट्ठाईस करोड़,
भैया मेरे तो पेट में उठने लगे मरोड़ |
सैंया है कोतवाल, एअरपोर्ट अथोरटी ने खरीदी,
कितना चोखा धंधा, फिटकरी लगी न हल्दी |
काश कोई हमारी भी कद्र करे,
ये तुकबंदियों खरीद हमारी जेब भरे ||हा हा हा

स्मरणीय हैकि एंटोनी जी को आमतौर पर बेहद ईमानदार राजनेता माना जाता रहा था ! किन्तु चूंकि मेरे मित्रों में अधिकाँश समविचारी लोग ही हैं, मेरी इस पोस्ट पर अधिकाँश प्रतिक्रिया एंटोनी विरोधी ही आईं ! लेकिन एक बंधू की राय कुछ अलग थी ! श्री राजीव पिल्लई ने लिखा कि एंटोनी की पत्नी एलिजाबेथ एक स्कूल में अध्यापिका थीं, और जब उनके पति केरल के मुख्य मंत्री थे, वे तब भी अध्यापिका ही रहीं ! जहाँ तक पेंटिंग का सवाल है, यह तो चापलूस अधिकारियों की कारगुजारी हो सकती है ! ये तो होते ही ऐसे हैं, अगर शिवराज जी की पत्नी भी दो चार आड़ी तिरछी लाईनें खींच दें तो कोई अचम्भा नहीं कि परशुराम जी भी उसे खरीदकर राजकीय संग्रहालय में रखवा देंगे!!!

श्री पिल्लई ने एंटोनी जी की शान में और भी कसीदे पढ़े ! उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री की कार कभी उनकी पत्नी को लेने उनके स्कूल नहीं गई और न ही उनकी पत्नी ने उनकी अनुपस्थिति में कार का इस्तेमाल किया !

इसके बाद मैंने भी एंटोनी जी के विषय में जानकारी जुटाई ! 28 दिसंबर 1940 को जन्मे श्री एंटोनी के सर से मात्र 19 वर्ष की आयु में पिता का साया उठ गया था ! उसके बाद उन्होंने छोटी मोटी नौकरियाँ करते हुए, अपना अध्ययन स्वयं कमाकर पूर्ण किया ! 

मुझे लगता हैकि आज देश में सबसे बड़ा संकट आस्था का संकट है ! और दुर्भाग्य से बुरे लोगों की बजाय अच्छे लोग चरित्र हनन की राजनीति के शिकार ज्यादा होते हैं ! बुरे की बुराई को तो लोग सहज सामान्य मान लेते हैं, लेकिन अगर कोई अच्छा माना जाने वाला व्यक्ति, थोडा भी अवसर दे दे तो उस पर सब टूट पड़ते हैं ! भाजपा के साथ तो यह सदा से होता आया है  !

राजनीति की राह सचमुच बड़ी रपटीली होती है ! जब दिल्ली में आप पार्टी की सरकार बनी, तब फेसबुक पर मेरी सहज प्रतिक्रिया थी, कि यह काठ की हांडी साबित होगी ! मैंने अपने अनुमान का आधार भी लिखा था – 
जब वर्षों तक “नमस्ते सदा बत्सले” गाने वाले, प्रतिदिन संघस्थान पर राष्ट्रभक्ति व समाजसेवा का पाठ पढ़ने वाले संघ स्वयंसेवक राजनीति की काली कोठरी में जाकर पाक साफ़ नहीं रह पाते, तो भला ये आधुनिकता के रंग में रंगे नव राजनेता परिवर्तन की बयार कहाँ से बहायेंगे ?

मेरा पूर्वानुमान सही साबित हो रहा है ! जिनकी प्रेरणा से आप पार्टी बनी, वे अन्ना हजारे आज केजरीवाल जी से सबसे ज्यादा मायूस हैं ! एक से बढ़कर एक बेहया, अहंकारी, दुश्चरित्र और स्वार्थी लोग आप पार्टी के सर्वेसर्वा बन बैठे हैं ! दिल्ली के छः में से तीन मंत्रियों का विभिन्न आरोपों में हटाया जाना यही सिद्ध करता है !

आज तो हद ही हो गई जब पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की फिरोजपुर जिले की पूर्व कन्वीनर और स्टेट कमेटी मेंबर अमनदीप कौर ने पार्टी पर आरोप लगाया है कि उनके खुद के समेत पार्टी की 52 महिला नेता और कार्यकर्ताओं के साथ AAP नेताओं ने यौन शोषण किया है। अमनदीप कौर का कहना है कि इस बात की शिकायत उन्होंने पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिखकर भी की थी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब राज्य महिला आयोग ने पंजाब पुलिस के डीजीपी को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा पंजाब में टिकटों के बंटवारे को लेकर महिलाओं के सेक्शुअल हरैसमेंट व अन्य प्रकार से परेशान किए जाने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन परमजीत कौर लांडरां ने मामले में संज्ञान लेते हुए अखबारों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लगातार आ रही खबरों के आधार पर इसे अत्यंत गंभीर मामला माना है। 

वहीं केजरीवाल द्वारा नियुक्त की गई दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने पंजाब महिला आयोग के विपरीत जाते हुए मामले पर राजनीतिक बयान दिया है। मालीवाल का कहना है कि महेश शर्मा को स्कर्ट वाले कॉमेंट के लिए आज तक क्यों नहीं तलब किया गया? और आजम खान बुलंदशहर के मामले में क्यों नहीं तलब किये गए ?
अब अंत में केवल एक बात -

आखिर एंटोनी और आप पार्टी की तुलना क्या ? मैंने दोनों उल्लेख एक साथ क्यों किये ?

ईमानदार एंटोनी भी राजनीति की रपटीली राह पर आखिर फिसल ही गए, ईमानदार केजरीवाल भी अपने साथियों के कारण बदनामी का बदनुमा दाग लिए विदाई की कगार पर हैं ! 

पाठक महानुभावों से निवेदन है कि यदि भारत की राजनैतिक व्यवस्था को ठीक करने का कोई तरीका समझ में आये तो अवश्य साझा करें ! अनास्था के इस दौर को कैसे बदला जाए ?

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