रामिथ की नृशंस हत्या - केरल में मार्क्सवादी-जेहादी घातक गठबंधन – जे नंदकुमार, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
0
टिप्पणियाँ
12 अक्टूबर 2016 को सर्वप्रिय संघ
स्वयंसेवक रामिथ की नृशंस हत्या संघ परिवार के लिए किसी बज्राघात से कम नहीं है !
केरल का कन्नूर जिला लम्बे समय से मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की हिंसक
गतिविधियों का केंद्र रहा है, और संघ स्वयंसेवक सदा उनके निशाने पर रहते आये है !
कन्नूर जिले के ही पिनारयी में अपने घर के पास ही सीपीएम के गुंडों ने 26 वर्षीय
युवा रामिथ की उस समय ह्त्या कर दी, जब वह अपनी भतीजी के लिए दवा खरीदने जा रहा था
! रामिथ पर लोहे की छड़, खंजर और तलवार से हमला किया गया ! हमलावर पेशेवर और
प्रशिक्षित हत्यारे थे ! उन्हें अस्पताल ले जाया गया, किन्तु वहां उन्हें मृत
घोषित कर दिया गया । स्मरणीय है कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन, पिनारयी के ही
बासिन्दे हैं ।
रामिथ की हत्या सुविचारित थी, और ऐसा प्रतीत होता
है कि उन्हें मारने की योजना काफी पहले बना ली गई
थी। चुनाव के तुरंत बाद 19-मई-2016 को उसके घर पर हमला किया गया था और उनकी मां
को धमकी दी गई थी कि उनके बेटे को मार डाला जाएगा । इससे पहले, दो
अवसरों पर उसे धमकी दी गई थी कि वह आरएसएस से अपने सम्बन्ध समाप्त कर ले, अन्यथा
उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे । कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के दबाब में रामिथ के
पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया । यहाँ तक कि दुकानदारों को भी रामिथ के
परिवार को कोई सामान न देने का फरमान जारी किया गया । यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मीडिया
का एक वर्ग इस पूर्व नियोजित जघन्य हत्याकांड को बदले की कार्यवाही के रूप में
प्रचारित कर रहा है ।
रामिथ के पिता
श्री उथमान भी संघ के वरिष्ठ और समर्पित कार्यकर्ता थे ! स्मरणीय है कि मत्तानूर के
पास स्थित चावास्सेरी किसी समय सीपीएम का गढ़ माना जाता था, किन्तु उन्होंने उस क्षेत्र
में राष्ट्रवादी संगठनों का प्रभाव बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निवाही थी ।
उन्होंने आख़िरी सांस तक माकपा के अत्याचारों का विरोध किया और संघ की गतिविधियों को
मजबूत आधार दिया !
उनकी लोकप्रियता ने सीपीएम नेतृत्व के
मन में प्रतिशोध की आग भड़का दी क्योंकि बड़ी तादाद में सीपीएम के लोग संघ की ओर आकर्षित
होने लगे । वे पेशे से एक बस ड्राइवर थे । 22 मई,
2002 को जब वे इरिटी जा रहे थे, उनकी बस को
बम फेंक कर रोका गया और दिनदहाड़े उनकी ह्त्या कर दी गई । उन्हें चालक की सीट पर से
खींचकर तलवारों से काट दिया गया और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। रामिथ के ही
समान उथमान को भी सीपीएम के जिला नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर धमकी दी थी कि उन्हें
जिन्दा नहीं छोड़ा जाएगा, मार डाला जाएगा । यह कोई ढाका छुपा तथ्य नहीं है कि उथमान
की ह्त्या में कुछ मुसलमान भी शामिल थे ।
अगले ही दिन, 23 मई
2002 को जब उनके परिजन अंतिम
संस्कार के बाद एक जीप में वापस आ रहे थे, तब उन पर भी बम फेंका गया ! एक बुजुर्ग
महिला अम्मू अम्मा को वाहन से बाहर घसीटा गया और उनके सीने पर बम विस्फोट किया गया
! वह हाथ जोड़कर अपने जीवन की भीख माँगती रही, किन्तु हत्यारों को उन पर दया नहीं
आई । जीप के चालक शिहाब और अम्मू अम्मा दोनों इतने गंभीर घायल हो गए कि दोनों ने
उसी दिन दम तोड़ दिया ।
जिस प्रकार श्री उथमान की हत्या में
जिहादी मानसिकता की भूमिका सामने आई थी, उसी प्रकार रामिथ की हत्या में भी जिन हमलावरों
के नाम सामने आये हैं, उनसे यह तथ्य स्पष्ट हो रहा है कि अब केरल में जेहादी
तत्वों और सीपीएम का अपवित्र गठबंधन बन चुका है । जिहादी पृष्ठभूमि के खतरनाक शातिर
आपराधी रहीम की भूमिका रामिथ की ह्त्या में सामने आई है । इससे पहले भी रहीम ने
रामिथ को धमकाया था ! रहीम और उसके छोटे भाई ने 19-05-2016 को कई घरों पर
किए गए हमलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मार्क्सवादी-जेहादी गठबंधन का यह घातक
कॉकटेल अब बिल्कुल साफ सामने है जिससे समाज को सजग रहने की आवश्यकता है ।
रामिथ को सादर साश्रु श्रद्धांजलि |
Tags :
समाचार समीक्षा
एक टिप्पणी भेजें