आश्रम की संचालिका को धारा 167 के तहत फिर से रिमांड पर ले पुलिस - धैर्यवर्धन शर्मा

शिवपुरी। पटेल नगर में संचालित माधव बाल आश्रम में बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले का खुलासा होने पर अब सत्ता पक्ष भी आरोपियों के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करने के लिए मुखर होता दिखाई दे रहा है । भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य धैर्यवधन शर्मा द्वारा मामले में निष्पक्षता व बिना किसी राजनीति दबाव के आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने के संबध में एडीशनल एसपी कमल मोर्य से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली.

उन्होने मामले में निष्पक्षता बरतते हुये दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने की मांग की और कहा कि बालआश्रम के नाम पर बच्चियों के साथ यौन शोषण करने वाले आरोपियों को कठोर सजा मिले व बच्चियों के साथ न्याय हो ।

धैर्यवर्धन शर्मा द्वारा सी.आर.पी.सी. की धारा 167 के तहत अनाथ आश्रम की संचालिका शैला अग्रवाल को फिर से पुलिस रिमांड पर लेने के लिये पुलिस को एक बार पुन: माननीय न्यायालय से निवेदन करने के संबध में पुलिस मांग की गई ।

धारा 167 में प्रावधान है कि यदि पुलिस को ऐसा लगे कि पूछताछ पूरी नहीं हो सकी है तथ्यों की पडताल के लिये कोई नवीन आधार पुलिस के पास है तो वह पन्द्रह दिवस की अवधि में कई बार पुलिस रिमांड मांग सकती है । यह प्रावधान स्वीकृति और अस्वीकृति दोनों ही स्थितियों में लागू होता है । 

भाजपा के वरिष्ठ नेता धैर्यवर्धन ने कहा कि आश्रम की संचालिका पूरे मामले में पागल भाई को केस में मुख्य आरोपी के तहत शामिल कर केस को कमजोर करने की कोशिश कर सकती है तथा वह इसी आधार पर प्रकरण में आगे की कार्यवाही करने की मानसिकता बना चुकी है जिससे वह और उनके पिता इस मामले से बरी हो सके क्योंकि वह स्वयं वकील है तथा मामले में किस प्रकार से उन्हें बचना है वह सभी पहलुओं से वाकिफ है । आश्रम में चार साल पहले आश्रम की बच्ची द्वारा की गई आत्महत्या के मामले को भी पुलिस द्वारा पुन: जांच में शामिल करना चाहिए तथा बच्ची द्वारा आत्महत्या के समय आश्रम में रह रही बालिकाओं को तलाश कर मामले की गहराई तक जाना चाहिए ताकि आश्रम में चल रही कारगुजारियों के संबध में पुलिस और जानकारी मिल सके जो पुलिस को केस की मजबूती के एक और मजबूत पहलू साबित हो सकता है। संचालिका के पिता के समर्पण करने बाद न्यायालय द्वारा उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर पुलिस को सौंपा गया है । पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर मामले और भी नया कोई खुलासा हो सकता है । 

वही मामले की गंभीरता को देखते हुये धैर्यवर्धन शर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस ने मामले में लापरवाही या हीलाहवाली बरती और इसका लाभ यदि आरोपियों को मिलता है तो पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर मामले को मध्यप्रदेश शासन व भाजपा के मंत्रियों तक ले जाया जायेगा । इस मामले में किसी भी प्रकार का समझौता या लाभ आरोपियों को नहीं मिलना चाहिए । बच्चियों के साथ किया गया कृत्य सामाजिक अभिशाप है इस मामले में राजनीति नहीं होना चाहिए और पुलिस को दोषियों को जेल की सीखचों के पीछे पहुचाकर बच्चियों के साथ न्याय कर एक मिशाल पेश करना चाहिए |

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