बैंक कर्मियों के जज्बे को सलाम


देश के सामने जब-जब चुनौतियां आई हैं तब-तब देश के नागरिकों ने एकजुटता से उसका मुकाबला किया है ! जब देश काला धन से परेशान है ! उस समय हमारे देश के मुखिया ने फैसला लिया कि हमें एक लड़ाई लड़नी है ! यह एक ऐसी लड़ाई है जिसमें हर देशवासी को अपना हर संभव योगदान देना चाहिए ! कालेधन के विरुद्ध इस लड़ाई में बैंक कर्मी अपनी भूमिका का निर्वाहन ठीक उसी प्रकार से कर रहे है जैसे सीमा पर सैनिक करते है ! कोई बैंक कर्मी बीमार होते हुए भी सैलाइन की 18 बोतल चढ़ने के बावजूद अपने काम पर लौट रहा है तो कहीं कोई महिला बैंक कर्मी सात माह की प्यारी बेटी को लेकर बैंक में कार्य कर रहीं है यहीं नहीं गर्ववती होते हुए भी महिला बैंक कर्मी छुट्टी के दिन भी कार्य कर तो सेवानिवृत बैंक कर्मचारी भी इस लड़ाई में एक सैनिक की भांति अपनी भूमिका का निर्वाहन पूर्ण निष्ठा के साथ कर रहे है !

बीमार होते हुए भी काम पर लौटे अररिया पंजाब नेशनल बैंक शाखा में कार्यरत ब्रजेश 

जहाँ अधिकांशतः मुश्किल दौर में काम करने से लोग बचते नजर आते है और हल्का सा बुखार आ जाने पर चिकित्सीय अवकाश का बहाना ढूंढते है वहीँ अररिया की पंजाब नेशनल बैंक शाखा में कार्यरत ब्रजेश कुमार पासवान जो कई दिनों से बीमार थे और उन्हें लगातार सैलाइन की बोतलें चढ़ रही थी, जैसे ही उन्हें प्रधानमन्त्री के द्वारा कालेधन के विरुद्ध लड़ाई के बारे में जानकारी मिली वैसे ही उनका मन अपनी शाखा में पहुंचने के लिए मचलने लगा और जरूरतमंद ग्राहकों की सेवा भावना के कारण वे कमजोरी के बावजूद काम पर लौट आए ! ब्रांच में आने के बाद उन्हें किसी मेले जैसे नज़ारे का अनुभव हुआ ! 

ब्रजेश कुमार शाखा प्रबंधक सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर परेशान लोगों की मदद हेतु जुट गए और काम जल्दी जल्दी होने लगा, बैंक परिसर में भीड़ भी नियंत्रित हो गयी ! ब्रजेश के इस जज्बे की सब मुक्त कंठ से सराहना कर रहे हैं ! 

सात माह की मासूम के साथ बैंक आती है खगड़िया इलाहाबाद बैंक की कर्मचारी कंचन 

खगड़िया इलाहाबाद बैंक की कर्मचारी कंचन प्रभा रोज अपनी सात माह की प्यारी बेटी पंखुड़ी को लेकर बैंक आती है ! भीड़ से जूझती है और अपने फर्ज को निभाती है ! इलाहाबाद बैंक में काम करनेवाली कंचन कहती हैं कि जब देश काला धन से परेशान है ! उस समय हमारे देश के मुखिया ने फैसला लिया कि हमें एक लड़ाई लड़नी है ! यह एक ऐसी लड़ाई है जिसमें बैंक कर्मियों को महती भूमिका निभानी है, इसलिए मैं तैयार हूं ! देश और समाज की सेवा के लिए ! कंचन बताती हैं कि सबुह 8 बजे से हीं बैंक आने की तैयारी में लग जाती हैं ! बच्चे को साथ लाती है ! बैंक में दूध और सारे इंतजाम वो साथ लाती हैं ताकि बच्चे को किसी तरह की परेशानी नहीं हो ! बीच-बीच में वह जब भी ब्रेक होता है वह बच्चे को कुछ खिला देती हैं !

दिनभर तो जमा और निकासी में बीत रहा है ! शाम बैंक बंद होने के बाद कागजी काम निबटाया जाता है इसलिए उन्हें घर पहुँचते पहुँचते रात्री के 9 बज ही जाते है ! ऐसे में वह बैंक में हीं वॉकर रखती हैं ताकि बच्चे को सोने में कोई परेशानी नहीं हो ! वो कहती हैं कि बैंक के ग्राहक हीं हैं जो बैंक को सफल बनाते हैं, इसलिए उन्हें संतुष्ट करने के साथ-साथ राष्ट्र के नवनिर्माण में बैंककर्मी जो आज अपनी भूमिका निभा रहे हैं वह इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा !

कंचन के पति प्रभात कुमार मुंगेर कोर्ट में एपीओ है उन्हें भी अपनी पत्नी की कर्मठता पर गर्व है ! हालांकि तीन दिनों पहले पंखुड़ी बीमार हुई थी पर कंचन प्रभा ने तब भी छुट्टी नहीं ली ! कहती हैं सारी थकान बच्ची की मुस्कान को देखकर मिट जाती है ! कंचन को इस चुनौती से निबटने में बैंक के कर्मचारी भी सहयोग करते हैं ! बैंक के लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति है कि छुट्टी का नामोनिशान नहीं है ! हमें मिलकर अपना फर्ज निभाना है ! इसलिए सभी कंचन प्रभा के जज्बे को सलाम करते हैं और उन्हें सहयोग करते हैं ! बैंक के शाखा प्रबंधक सुमन कुमार सिन्हा कहते हैं कि कंचन जैसे कर्मचारी इलाबाद बैंक की शान हैं ! हमलोग हर संभव मदद दे रहे हैं ! यह वह समय है जब हर बैंक कर्मी को अपना सर्वश्रेष्ठ देना है ! कंचन स्वत: आगे आ रही हैं ! यह बैंक के दूसरे कर्मचारियों के लिए प्रेरणादायी बात है !

नयी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की प्रीमियम ब्रांच की उपप्रबंधक नेहा मिश्रा ने गर्भवती होने के बावजूद नहीं लिया अवकाश 

नयी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की प्रीमियम ब्रांच की उपप्रबंधक नेहा मिश्रा ने गर्भवती होने के बावजूद अवकाश नहीं लिया है ! लोगों को असुविधा नहीं हो और बैंक के अन्य सहयोगियों पर काम का दबाव नहीं पड़े इस वजह से नेहा छुट्टी नहीं ले रही हैं, जबकि डॉक्टर ने उन्हें इसी महीने डिलीवरी की डेट दी है ! नेहा ने बताया कि इस ब्रांच में स्टॉफ की कितनी कमी है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि शाखा प्रबंधक घोषणा के बाद लोगों को कैश बांट रहे हैं, जिससे पैसे बदलवाने आ रहे लोगों को दिक्कत नहीं हो ! यहां पर अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग पुराने नोट बदल सकें ! उन्होंने बताया कि आज तक अपने सेवाकाल में वह कैश काउंटर पर नहीं बैठी थीं, लेकिन जब से यह घोषणा हुई है वह चेक के माध्यम से पैसे निकालने वाले लोगों को कैश बांट रही हैं ! 

लोगों की मदद करने के लिए आगे आए बैंक के पूर्व कर्मी 

भारतीय स्टेट बैंक की इसी ब्रांच में 65 वर्षीय बुजुर्ग पूरनचंद वत्स भी मिले, जो बैंक से सेवानिवृत्त हैं ! उन्होंने बताया कि वह इस बैंक की शाखा के पास में ही रहते हैं ! जब उन्हें पता चला कि यहां कर्मचारियों की कमी है तो वह शाखा प्रबंधक मुरली मनोहर मेहता से मिले और उन्होंने मदद करने की बात कही ! पूरनचंद वत्स ने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में वह कंप्यूटर चला नहीं सकते थे ! इस वजह से वह 100-100 रुपये के 40 नोटों का बंडल बनाकर रख रहे हैं, जिससे कि कैश देने वाले कर्मचारियों को नोट बदलवाने आने वाले व्यक्ति को रुपये देने में आसानी हो ! उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा हूं काया, चित और वाणी से लोगों की सेवा करता रहूंगा !

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