मोदी जी ने लिया अपनों से भी पंगा - क्या होगा अंजाम ?



समाचार छोटा है, लेकिन उसका महत्व बड़ा है ! आज मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी भाजपा सांसदों और विधायकों को निर्देश जारी किये, जिनके अनुसार अब सभी सांसदों और विधायकों को अपने 8 नवम्बर से 31 दिसंबर तक के बैंक ट्रांजेक्शन के रिकोर्ड 1 जनवरी तक पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सोंपने होंगे !

अब देखना होगा कि इस निर्देश का परिणाम क्या होता है, प्रतिक्रिया क्या होती है ? विरोधी प्रतिक्रियाओं का तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है ! वे इसे मोदी की तानाशाही ही बताने वाले हैं ! वे भाजपा सांसदों का मजाक भी बनाएं तो कोई बड़ी बात नहीं ! वे यह मांग भी उठा सकते हैं कि रिकोर्ड पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को सोंपने के स्थान पर सार्वजनिक किये जाएँ !

लेकिन जन सामान्य की प्रतिक्रिया अनुकूल ही होगी ! मोदी जी की लौह पुरुष वाली छवि और अधिक प्रखर और उज्वल होगी ! जनता इसे पार्टी के अन्दर का सर्जिकल स्ट्राईक मानेगी ! जन आकांक्षा होगी कि भाजपा में अगर कोई भ्रष्टाचार के काले समुन्दर की गंदी मछली है, तो अमित शाह भले ही उसे बेनकाब न करें, किन्तु उसे प्रभावशून्य बनाया जाए, किनारे किया जाए ! भक्तों को अवसर मिलेगा कि वे अन्य दलों पर निशाना साधें, उनसे कहें कि मोदी के अलावा किस दल में इतनी हिम्मत है, अपने सांसदों से आय व्यय का लेखा जोखा लेने का !

इन प्रतिक्रियाओं से इतर सबसे महत्वपूर्ण है पार्टी सांसदों की प्रतिक्रिया ! वह कैसी होगी ? यह तो कोई अंधभक्त भी नहीं मान सकता कि भाजपा में सब दूध के धुले हैं ! ऐसे में वे खलीफा क्या गुलगपाड़ा नहीं मचाएंगे ? वे किस हद तक जायेंगे ? मोदी जी ने शायद अपने विरोधियों से ही नहीं अपनों से भी पंगा ले लिया है !

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