सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा धमाका - अयोध्या विवाद की दिन प्रतिदिन सुनवाई !


आज का दिन एक बार फिर सुब्रमण्यम स्वामी का रहा, जब अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए लगाई गई उनकी दिन प्रति दिन सुनवाई की याचिका पर विचारार्थ सर्वोच्च न्यायालय ने सहमति जता दी ।

चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति ए आर दवे की पीठ ने अगले सप्ताह याचिका को सूचीबद्ध किया है और अयोध्या विवाद पर तत्काल सुनवाई की मांग स्वीकार कर ली है ।
स्वामी ने कहा कि चूंकि राम मंदिर भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का एक हिस्सा था, अतः उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता । उन्होंने कहा कि इस वायदे को जन आकांक्षाओं के अनुरूप पूरा करना पार्टी का प्राथमिक कर्तव्य है । स्वामी ने स्वीकार किया कि इस मामले का निराकरण जबरदस्ती करके संभव नहीं है, अतः उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि विगत छः वर्ष से लंबित इस मामले को दिन-प्रतिदिन के आधार पर सुना जाना चाहिए।
स्मरणीय है कि गत फरवरी में स्वामी ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच के सम्मुख 1992 में अयोध्या में ढहाए गए विवादित ढांचे के स्थान पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की थी ।
इस याचिका में उन्होंने दावा किया था कि इस्लामी देशों में प्रचलित प्रथाओं के तहत, सड़क निर्माण जैसे सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए एक मस्जिद को किसी अन्य जगह पर, स्थानांतरित किया जा सकता है, जबकि एक बार निर्माण के बाद मंदिर को नहीं हटाया जा सकता ।


उन्होंने 30 सितंबर, 2010 को अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के तीन विभाजन किये जाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं के निराकरण में भी शीघ्रता करने की मांग सर्वोच्च न्यायालय से की है ।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें