नरकपुरी शिवपुरी में अचानक पधारे नए नवेले आजादी के दीवाने

हमारी शिवपुरी विचित्र है, यहाँ की राजनीति भी विचित्र है ! यहाँ कोई मामला सीधा सादा नहीं होता, सीधा दिखता है पर होता है बेहद पेचीदा ! अब देखिये न दो दिन पहले कुछ युवाओं ने शहर की सडकों की दुर्दशा को लेकर कलेक्टर महोदय से पंगा लिया, कुछ समय के लिए उन्हें निरुद्ध किया गया और फिर छोड़ भी दिया गया ! किन्तु पूरे मामले को ऐसे प्रचारित किया गया मानो वे युवा शिवपुरी के तारणहार हों, जिन्होंने शिवपुरी के हित में अपनी कुर्बानी दी, वे हीरो हैं, शिवपुरी की गूंगी जनता की आवाज बनकर अवतरित हुए हैं ! अब सवाल उठता है कि आखिर ये क्रांतिवीर थे कौन ? कहाँ से आये थे ? इनकी पृष्ठभूमि क्या थी ? और सबसे प्राथमिक सवाल कि इनका उद्देश्य क्या था ? 

कुछ समय पूर्व एक समूह बनाया गया, उसे नाम दिया गया - 'Zenith-Feel the Change' ! इसमें जो सम्मिलित हैं, वे सब सोशल मीडिया पर उपस्थिति दर्ज कराने वाले आधुनिक युग के नौजवान हैं ! भले ही आज वे देश के विभिन्न भागों में रहते हों, किन्तु उनका मूल सम्बन्ध शिवपुरी से रहा है ! सबसे प्रमुख बात कि ज्यादातर शिवपुरी के हैप्पीडेज स्कूल के छात्र रहे हैं ! वही हैप्पी डेज स्कूल जिसके संचालक सिंधिया राजवंश के अत्यंत नजदीक माने जाते हैं ! इतना ही नहीं इनमें से एक बच्ची के पिताश्री तो राजपरिवार के एकदम खासुल ख़ास हैं ! इसके बाद भी इन नौजवानों ने अपने आन्दोलन के दौरान नारा लगाया – हमें चाहिए आजादी – राजवंश से आजादी ! अब हो गया न मामला जलेबी जैसा सीधा ? 

पिछले दिनों केन्द्रीय सूचना आयुक्त श्री श्रीधर आचार्यलु दिल्ली से चलकर शिवपुरी पधारे और उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि वे 'Zenith-Feel the Change' के नौजवानों के आग्रह पर शिवपुरी आये हैं ! आयुक्त महोदय ने इन नौजवानों की उपस्थिति में ही जिले के आला अधिकारियों की बैठक भी ली ! अब सवाल उठता है कि जब ये नौजवान इतने रसूख वाले हैं, तो फिर कलेक्टर महोदय ने जानबूझकर इन्हें निरुद्ध क्यों करवाया ? शिवपुरी के बासिन्दे राज परिवार की राजनैतिक मिली जुली कुश्ती का लुत्फ़ वर्षों से उठाते आ रहे हैं ! कहीं यह किसी और नए नाटक की शुरूआत तो नहीं है ? यह संभावना इसलिए भी दिखाई दे रही है, क्योंकि आनन फानन में स्थानीय कांग्रेसी नेता तो अविलम्ब अपना समर्थन जताने निरुद्ध युवाओं के पास पहुंचे ही थी, अब उनके आका हुजूर अर्थात स्वयंभू श्रीमंत ज्योतिरादित्य जी भी मैदान में कूद चुके हैं ! उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि जिन अधिकारियों ने उनके द्वारा प्रस्तावित भावी जन नायकों को निरोध में लेने का दुस्साहस किया है, उन्हें दण्डित किया जाये !

मामला कुछ कुछ समझ में आने लगा है ! पब्लिक पार्लियामेंट और अनेक सामजिक संगठन लगातार शिवपुरी की दुर्दशा को लेकर आन्दोलन करते रहे हैं, उन स्थानीय संगठनों के नीचे बड़ी लाईन खींचने की यह उच्च स्तरीय सांठगाँठ प्रतीत होती है ? यह आशंका इसलिए भी सर उठा रही है, क्योंकि 'Zenith-Feel the Change' के कर्ताधर्ताओं में से कोई उडीसा में तो कोई बिहार में तो कोई पटियाला में अपने जौहर दिखा रहा है ! कोई नर्मदा बचाओ आन्दोलन का अतिवादी है ! 

आज शिवपुरी वासी देख भी रहे हैं और भुगत भी रहे हैं कि प्रदेश के दोनों राजनैतिक दलों को योजनाबद्ध ढंग से मुट्ठी में लेकर राजवंश किस प्रकार मिली जुली कुश्ती द्वारा अपना प्रभुत्व कायम रखे हुए है ! राजवंश समझ चूका है कि उनकी रणनीति अब जनता समझने लगी है, जिसके चलते महल समर्थक व महल विरोधी दो ध्रुव तेजी से बढ़ने लगे हैं, जो देर सबेर उनके राजपाट को चुनौती बन सकते हैं ! इसलिए बहुत संभव है कि पुराने पैटर्न पर यह नई रणनीति बनाई गई हो - महल समर्थक तो उनके हैही, महल विरोधियों का नेतृत्व भी उनके अपने लोग ही करें ! 

एक और तथ्य ध्यान देने योग्य है, वह यह कि एनजीओ ने ही अरविंद केजरीवाल को जन्म दिया है, जिन्हें द्दिल्ली भुगत रही है ! कहीं धूल धूसरित शिवपुरी की फिजा में आयातित जहर भी ना घुल जाए! यह सावधानी तो रखनी ही होगी ! शिवपुरी शहर में पराजित हुए सिंधिया शिवपुरी की जनता से बदला लेने पर आमादा हैं ! इसलिए जागते रहो जगाते रहो ! 

एक मित्र ने सही ही लिखा था कि - बिचार कीजिये शिवपुरी की सड़कों की दुर्दशा के लिए, पानी की लाइन डालने में आ रहे व्यबधान के लिए कौन जिम्मेदार हैं । शिवपुरी नगर पालिका किसके आधीन है । अगर यह लोग धन्यवाद नगर पालिका के सत्ताधारियों का कर रहे हैं तो फिर आज़ादी क्या माननीय विधायक से ही मांग रहे हैं । या फिर सड़कों को बिना खोदे हवा में ही बनाने की कोई तकनीक इज़ाद कर ली है इन लोगों ने । बैसे सोचने वाली बात ये है कि शिवपुरी के प्रथम पुरुष मुन्ना लाल कुशवाह जी हैं । शिवपुरी शहर की हर छोटी बड़ी जिम्मेदारी के लिए वही उत्तरदायी हैं । अगर ये तथाकथित गैर राजनैतिक छात्र मुन्ना लाल जी ब उनके सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं तो आज़ादी क्या शिवपुरी की जनता से मांग रहे हैं । कलेक्टर साहब व एसपी की बात करें तो दोनों ही महीना भर पहले ही आये हैं क्या ये दोनों जिम्मेदार हैं, जो इन दोनों से आज़ादी मांगी जा रही है ?

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