देखना है कि क्या बाबूलाल गौर मुंह खोलेंगे ? और खोला तो कितने सिंहासन डोलेंगे ?
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आज इंडियन एक्सप्रेस ने एक समाचार प्रकाशित किया है ! समाचार के अनुसार वयोवृद्ध भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने आज सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे नेताओं, नौकरशाहों और उद्योगपतियों की 'बेनामी' संपत्ति के बारे में जानकारी इकट्ठा करें और उसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ साझा करें।
उन्होंने कहा कि मैं मैं चाहता हूँ कि सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को 'बेनामी' संपत्ति या अवैध लेनदेन से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी से प्रधानमंत्री कार्यालय को अवगत कराना चाहिए, यह हम सबका सामूहिक उत्तरदायित्व है ।
इसके आगे श्री गौर ने यह भी कहा कि वे खुद भी इस तरह की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, और शीघ्र ही इसे प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साझा करेंगे !
यहाँ तक तो ठीक है, किन्तु उसके आगे उन्होंने जो कुछ कहा, उसके अनेकों अर्थ निकाले जा सकते हैं !
श्री गौर ने कहा - उनका मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध किसी भी विशिष्ट पार्टी के खिलाफ नहीं है, यह काले धन की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ है। अगर भाजपा कार्यकर्ताओं के पास भाजपा नेताओं की बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी है, तो उसे भी वे बेहिचक प्रधान मंत्री कार्यालय को बताएं ! इसमें भाजपा, कांग्रेस या दूसरों के बारे में भेद करने की जरूरत नहीं है ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को नौकरशाहों, ठेकेदारों, नेताओं और अन्य लोगों के बारे में इस तरह की जानकारी को सार्वजनिक करना चाहिए और इस तरह के लोगों को बेनकाब करना चाहिए ।
स्मरणीय है कि 86 वर्षीय श्री गौर को आयु के आधार पर विगत जून मास में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। उनके इस ताजा बयान ने सत्ता शीर्ष पर बैठे अनेक दिग्गजों के पेट में मरोड़ पैदा कर दिए हैं ! क्योंकि बैसे भी गौर साहब को मध्यप्रदेश में बुलडोजर मंत्री कहा जाता रहा है ! अतः स्वाभाविक ही अब लोगों की निगाह उनकी आगामी अतिक्रमण विरोधी मुहीम पर है ! देखना है कि किस किस का बेनामी अतिक्रमण टूटता है, अथवा यह बयान महज बयान ही रहता है ????
साभार आधार - http://indianexpress.com/article/india/will-share-information-with-pmo-about-benami-properties-held-by-politicians-babulal-gaur-4445765/
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अखबारों की कतरन
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