केरल में संघ कार्यकर्ताओं के नरसंहार के विरोध में शिवपुरी में धरना



राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा, विद्यार्थी परिषद एवं राष्ट्रवादी विचारधारा के कार्यकर्ताओं पर केरल में मार्क्सवादियों द्वारा वहां की सरकार के समर्थन एवं सहयोग से की जा रही हत्याओं के विरोध में शिवपुरी के माधव चौक स्थित HDFC बैंक के बाहर महाधरना दिया ! सर्वविदित है कि केरल में मई 2016 में मुख्यमंत्री विजयन की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा सरकार सत्ता में आने के बाद से ही संघ एवं अन्य हिन्दू संगठनों के कार्यकत्ताओं का सुनियोजित तरीके प्रायोजित नरसंहार कर रही है । केरल में 1942 में संघ का कार्य प्रारम्भ होने के बाद से ही प्रदेश में संघ कार्य के विस्तार और समाज में राष्ट्रवादी संगठनों की बढती लोकप्रियता और प्रभाव से वामपंथी हताश है। उनके द्वारा संघ शाखाओं, कार्यकर्त्ताओं पर हमले किये जा रहे है। राष्ट्रीय कार्य में लगे संगठनों को समाप्त करने का भरसक प्रयास माकपा द्वारा पिछले कुछ समय से किया जा रहा है। किन्तु माकपा के सरकार में आने के बाद राजनैतिक विरोधियो के खिलाफ हिंसा की ऐसी लहर चला दी गयी है कि चारों ओर डर भय का वातावरण निर्माण हुआ है ! आज आयोजित इस धरने का उद्धेश्य यह था कि हिंसा तथा आतंक की राजनीति करने वाली कम्युनिस्ट पार्टियों के विरूद्ध राष्ट्र के समस्त हिन्दू संगठन एक हो और केरल में लोकतंत्र, मानवाधिकार तथा सामाजिक सौहार्द की पुनःस्थापना हो सके।


आज शिवपुरी में आयोजित इस धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने केरल में मौजूदा हालात पर एवं मार्क्सवादी कम्युनिष्ट विचारधारा के लोगों के द्वारा किये जा रहे देश विरोधी कार्यों पर प्रकाश डाला ! इसी विचारधारा के चलते पालघाट में हुए हमले में विमला देवी की मौत हुई ! यह पहली बार हुआ जब किसी महिला को भी इन हमलों में नहीं छोड़ा गया ! इन हमलों में अधिकतर अत्यंत निर्धन परिवारों, मजदूर, अनुसूचित जाति एवं ओबीसी के लोग हिंसा के शिकार बने ! मार्क्सवादी कम्युनिष्ट विचारधारा के द्वारा देश विरोधी गतिविधियों का एक उदाहरण दिल्ली के जेएनयु विश्वविद्यालय के अन्दर लगाए जाने वाले देश विरोधी नारे है ! इस विचारधारा का मुख्य उद्धेश्य राष्ट्र को तोडना है ! केरल में मार्क्सवादी विरोधी विचारधारा के लोगों की हत्या करने वालों को सरकार का खुला संरक्षण है ! केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के गृह जिले कन्नोर में सबसे ज्यादा हमले व आक्रामक घटनाएं हुई है ! मई २०१६ से अब तक लगभग ७० संघ के कार्यकर्ताओं की वहां हत्याएं हो चुकी है ! वहीँ दूसरी और पुलिस अधिकारियों की पक्षपातपूर्ण कार्यवाही के कारण वहां स्थिति और गंभीर होती जा रही है ! वामपंथी गुंडों के द्वारा निर्दोष नागरिकों पर मुकदमे दर्ज किये जा रहे है, जबकि पुलिस उन वामपंथी कार्यकर्ताओं पर कोई कार्यवाही नहीं करती जो हमले करवाते है ! राज्य में क़ानून व्यवस्था बनाने का कार्य सरकार पर है जो वह नहीं कर रही है !


संघ के बारे में मंच से बताते हुए पुरुषोत्तम गौतम जी ने कहा कि संघ तो निश्प्रियता के भाव से सदा समाजसेवा का कार्य करता है, इस भारतीय हिन्दू राष्ट्र को संगठित, जागृत करने का कार्य एवं इस राष्ट्र को परम वैभव के शिखर पर ले जाने का कार्य संघ के द्वारा किया जाता है ! कभी भी संघ ने इस प्रकार के प्रदर्शन नहीं किये ! उन्होंने केरल की वर्तमान स्थिति के सन्दर्भ में यह कहा कि वर्तमान में संघ के राष्ट्रभक्त कार्यकर्ताओं को केरल में मौत के घाट उतारा जा रहा है, २३ वर्षों से केरल में जहाँ भी कम्युनिष्टों की सरकार रहीं वहां भी संघ के कार्यकर्ताओं की इसी प्रकार हत्याएं की गयी ! इससे पहले भी जो सरकार केरल में प्रगतिशील गठबंधन के नाम से बनी थी जिसमे कांग्रेस, कम्युनिष्ट और मुस्लीम लीग भी शामिल थी ! मुस्लिम लीग, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नाम से अलग से क्षद्म रूप से आज प्रस्तुत है यह वही लीग है जिसने देश का विभाजन करवाया था, उसी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन कर केरल में सरकार बनाई ! आज पुनः केरल में उसी प्रकार की सरकार बनी है जो संघ कार्यकर्ताओं पर हमले करवा रही है ! कम्युनिष्ट केवल हिंसा में ही विश्वास करते है ! यह किसी धर्म, देश और मात्रभूमि को नहीं मानते ! इनका गोड फादर था कार्ल मार्क्स जो जर्मन का विचारक था उसने लिखा था कि व्यक्ति को अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करना चाहिए, बड़े लोगों को मारने के लिए संगठित हो अतः हिंसा ही इनका मूल उद्धेश्य है ! यह लोग उपयोग करो और फैकों की विचारधारा का समर्थन करते है, यह लोग अपने माता पिता को भी उनकी उपयोगिता समाप्त होने के बाद वृधाश्रम में भेजना शुरू कर दिया है ! हमारे देश में कभी वृधाश्रम की प्रथा नहीं थी इन्ही के द्वारा हमारे समाज में विघठन प्रारंभ हुआ ! गौहत्या के विरोध में जब इस देश में आन्दोलन हुआ और संसद में उसकी गूँज उठी एवं तमाम साधू-संत, धर्माचार्यों ने जब प्रदर्शन किया तब उन पर गोली चलाई गयी उन्हें मौत के घाट उतारा गया और जब इस विषय पर संसद पर चर्चा हुई तब नेहरु ने कहा कि जिन गाय और बैल की उपयोगिता नहीं है वह देश पर भार है, यदि उनका मांस निर्यात करके देश को आमदनी होती है तो करना चाहिए ! 


संघ के विभाग प्रचारक ब्रजकान्त चतुर्वेदी जी ने जन समुदाय को संबोधित करते हुए कम्युनिष्टों के चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जब 7 दिन तक 25 फीट बर्फ में दबे हुए जिन्दगी और मौत से जूझ रहे वीर सैनिक हनुमंतथप्पा को बर्फ से निकाल कर अस्पताल लेकर आया गया तब जैसे ही उसके कानों में भारत के टुकड़े होने की गूँज पड़ी तब उन्होंने इस संसार को अलविदा कह दिया ! वह सोचते होंगे कि में कैसे देश के लिए अपने प्राणों को कुर्बान कर रहा हूँ ? यह हालात किनके कारण है ? यह सब इन कम्युनिष्टों के कारण है ! यह हमसे पूछते है कि सर्जिकल स्ट्राइक हुई इसका प्रमाण दो, क्योँ ? दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक तो हो गयी पर इनको यश प्राप्त नहीं हो पाया ! यदि इनको यश मिला होता तो यह कुछ नहीं कहते ! यदि इनको पैसा मिला होता बोफोर्स दलाली का, अगस्ता वेस्टलैंड का तो यह कभी कुछ नहीं कहते ! 



इस धरना प्रदर्शन में मंच पर साधू संत समाज के प्रमुख आसीन थे जिन्होंने भी अपना वक्तव्य धरना स्थल पर मौजूद जिले भर से शामिल हुए कई संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच रखा । कार्यक्रम का सफल एवं जोशीला संचालन आशुतोष शर्मा ने किया ! कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के मयंक दीक्षित, अमित दुबे सहित तमाम बुद्धिजीवियों ने भी अपनी बात को जनमानस तक पहुंचाया ! इसके बाद धरना स्थल से कलेक्ट्रेट तक विशाल रैली निकाली गयी एवं ज्ञापन सौपां गया !



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