शिवपुरी के माधव चौक पर घटित वह घटना जो पैदा कर गयी तमाम सवाल ।


गोवर्धन पूजा वाले दिन शिवपुरी के पुराने बस स्टैंड क्षेत्र में एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने कई लोगों की जान को सांसत में डाल दिया, जिसमे कोई जान माल कि हानि तो नही हुई परंतु घटना कई सवालों को जन्म दे गई ।

जब पूरा शहर दीपोत्सव पर्व के दोरान गोवर्धन पूजा में व्यस्त था उसी दौरान पुराने बस स्टैंड के होटल राज पैलेस के समीप काफी लंबे समय से जर्जर अवस्था मे झूलता बिजली का खम्बा किसी बस की टक्कर से गिर गया । जब खम्बा गिरा उस समय उससे लटकते तारों में विद्युत प्रवाहित हो रही थी । ईश्वर की कृपा रही कि बस की टक्कर से विद्युत प्रवाह युक्त तारों के बस पर ही गिर जाने के बावजूद बस में आगजनी जैसी घटना घटित नही हुई नहीं तो त्योहारों के दौरान शहर के बीचों बीच का नजारा क्या होता इसकी कल्पना मात्र से ही रूह कांप उठती है ।

घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना घटने के बाद बस ड्राइवर ने अपने कुछ साथियों को सूचित किया जिसके बाद उन्होंने निकट ही स्थित चाबिघर पर सम्पर्क साधा परंतु त्योहार होने का बहाना बनाते हुए किसी भी तकनीशियन का चाबिघर पर उपलब्ध न होने के कारण असमर्थता चाबिघर पर उपस्थित कर्मचारियों ने जताई । इसके बाद बस ड्राइवर ने अपने साथियों के साथ ही विद्युत प्रवाह युक्त तारों से झूलते खंबे के नीचे मात्र दबी बस की चिंता करते हुए खंबे के नीचे से बस को जैसे तैसे निकाला । बस के निकलते ही खम्बा और विद्युत प्रवाह युक्त तार जमीन पर पड़े रहे, जिनके आसपास से लोग एवं पशु निकलते रहे जो नीचे पड़े नग्न तारों की चपेट में आकर किसी अनहोनी का शिकार हो सकते थे । ऐसी स्थिति में जागरूक नागरिकों के द्वारा घटना को विद्युत विभाग के टोल फ्री नंबर पर बताया जिसके तुरंत बाद ही शिवपुरी का विद्युत विभाग हलचल में आया एवं उसके कर्मचारी घटना स्थल पर पहुंचे । सूचना लिखे जाने तक तारों एवं खंबे को दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है ।

घटना घटित होने के बाद कई सवाल मन मे उठते है । सर्वप्रथम जो सवाल मन मे आता है कि जब शहर के अंदर भारी वाहन का प्रवेश निषेध है तो बस शहर के मुख्य हृदय केंद्र तक कैसे पहुच गयी ? क्या जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों को इसकी कोई सूचना प्राप्त नही हुई या जानकारी होने के बावजूद भी कोई कार्यवाही जानबूझ कर नही की गई ? दूसरा सवाल यह उठता है कि जिस क्षेत्र में यह घटना घटित हुई है वहां अभी कुछ दिनों पूर्व तक जिले का आर टी ओ कार्यालय संचालित होता था जो अभी कुछ दिन पूर्व ही अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट हुआ है, जब शहर के बीचों बीच यातायात के नियमों का पालन नही किया जा रहा और नियमों को तोड़ने वालों पर कार्यवाही नही की जा रही है तो सोचिये कि पूरे जिले का क्या हाल होगा ? अगला सवाल यह उठता है कि जब दीपोत्सव पर्व के दौरान शहर के व्यस्ततम मार्ग पर शाम 7 बजे घटित घटना को टोल फ्री नंबर पर कॉल किये बिना स्थानीय विद्युत विभाग कर्मी बहाना बना कर टालने जैसा कृत्य कर सकते है जिसमे बड़ी संख्या में जान माल की हानि होने की संभावना थी तब अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम दिनों में यह कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन किस प्रकार करते होंगे और जनता को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता होगा ?

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें