हिन्दू आतंकवाद- फरीदा खानम



जे एन यु से लापता नसीब के बारे में आप लगभग रोज ही सुनते होगें , आईये आज आपको हमारे शहर इंदौर से 2008 से लापता एक नहीं तीन हिन्दू नजीब की दास्तां बताई जाए !! यह लोग कोई छात्र राजनीति के शिकार नहीं हुए बल्कि इनकी गुमशुदगी के पीछे तो खुद लोगों को आतंकवाद से बचाने वाली संस्था ATS थी , जो हर हाल में समझौता एक्सप्रेस , मालेगांव ब्लास्ट , को असीमानंद से जोडना चाहता थी , असीमानंद इन दलित युवकों के साथ मिलकर आदिवासी इलाकों में धर्मान्तरण को रुकवाने का प्रयास कर रहा था ! 

दिलीप पाटीदार - गांव में किराए से रहने वाला 1 महिने की मांसुम बच्ची का पिता ( पाटीदार समाज), संदीप डांगे , रामचंद्र कालसंगरा - मामुली कृषक (दलित) यह तीनों को सन 2008 में इंदौर खजराना पुलिस के नाम से आये कुछ लोगों ने मालेगांव , समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के आरोप में पूछताछ के लिए उठा लिया गया ! अगले दिन जब उनके अच्छे चाल चलन वाकिफ़ ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप खजराना थाने में प्रदर्शन किया तब खजराना पुलिस ने उन्हें जानकारी दी की उन लोगों को ATS ने असीमानंद और RSS के संपर्क मात्र से रहने के कारण पकड़ कर मुम्बई ले जाया गया है !!!

गरीब ग्रामीण परिजन गांव वालों से आर्थिक मदद ले कर जैसे तैसे मुम्बई ATS के कार्यालय पहुंचे जहां ATS ने उन्हें मालेगांव ब्लास्ट और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट का आरोपी बता किसी भी तरह की सूचना देने या मिलने से इंकार कर दिया , कई कई हफ्तों तक ATS के द्वारा आरोपियों की कोई सूचना नहीं पाने परिजनों वापस इंदौर आ कर सांसद एवं वर्तमान स्पीकर सुमित्रा महाजन से मदद की गुहार लगाई !! जब सांसद ने उस वक्त की कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक दबाव बनाया तब वह ATS ने जो कई कई हफ्तों से मौन थी , उसने जुबां खोली और बयान जारी कर दिया वह तो उन्हें गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद ही गवाह बना छोड़ चुकी जबकी उन तीनों का कहीं कोई अता-पता नहीं था और न रिहाई के कोई कागजात पेश किये गये !!!

चूंकि ATS ने मामला पूरा संदिग्ध बना दिया था अतः सारे इंदौर से विरोध के स्वर आंदोलन के रूप में उठने लगे !! लेकिन ATS ने नई चाल चलते हुए आरोपियों को भगौडा घोषित कर दो लाख रुपये का उन पर इनाम रख दिया ! धीरे धीरे आंदोलन ठंडे पड गये !! लेकिन दिलीप पाटीदार के परिवार ने हार नहीं मानी और अदालत की शरण ली !! जहाँ दिलीप पाटीदार की बीबी ने दिलीप को गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों को पहचान उनके उपर केस दायर किया लेकिन संबंधित अधिकारियों ने 5 सालों तक उपस्थिति नहीं दी ! अंततः अदालत ने छह समन के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किये और उनकी संपत्ति की जब्ती के आदेश दिये !!

हाल ही में ATS से सस्पेंड अधिकारी महबूब मुहावरा (मुस्लिम) ने बयान दर्ज करवाया है कि रामजी कालसंगरा और संदीप डांगरे ने ATS के टार्चर रुम में ही अपना दम तोड़ दिया था और मुम्बई हमले में उनकी लाशों को रेल्वे पटरियों पर फेंक , अज्ञात हताहतों में जला भी दिया गया !! 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने हाल ही में दिलीप पाटीदार के परिजनों से मुलाकात कर महबूब मुहावरा के बयान पर नये सिरे से जांच कराने की बात की है !!

मामले को लेकर लेकर हर सामाजिक संगठन , न्यूज एजेंसी लगभग खामोश हैं , वर्तमान में कांग्रेस की जुबान पर पाटीदार, दलित प्रेम है और अतीत में इन्ही समाज के मासूम युवकों के ` हिंदू आतंकवाद ' के नाम पर बहाए खून के छींटों से रंगे उसके वस्त्र हैं ! !

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