हिन्दू संगठन का उद्देश्य - समाज को बुराईयों से मुक्त करना तथा अन्याय से कमजोरों का रक्षण : आरएसएस सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी



आगामी वर्ष 25 फरवरी को मेरठ में एक बड़ा कार्यक्रम “राष्ट्रोदय” होने जा रहा है, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 2.5 लाख से अधिक स्वयंसेवक सम्मिलित होंगे | इस भव्य समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत की विशेष उपस्थिति रहेगी | विगत रविवार को मेरठ के जागृति विहार में 15,000 से अधिक स्वयंसेवकों की उपस्थिति में इस अनूठे आयोजन हेतु भूमि पुजन समारोह संपन्न हुआ और एक प्रकार से 25 फरवरी के कार्यक्रम की तैयारी प्रारम्भ हो गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, आरएसएस के सर कार्यवाह श्री सुरेश भैय्याजी जोशी ने कहा कि संगठन का उद्देश्य सामाजिक परिवर्तन की क्रांति को आगे बढ़ाने का है। किन्तु इसके साथ ही हम पूरी दुनिया को यह भी कहना चाहते हैं कि सशक्त हिंदू समाज को संदेह या भय से नहीं देखा जाना चाहिए। इस हिंदू एकता से उत्पन्न दिव्य शक्ति का एकमेव लक्ष्य कमजोरों की रक्षा करना है । इस शक्ति का उद्देश्य है अन्यायी और दुष्ट लोगों का सामना करना। बुराई की शक्ति स्वचालित रूप से एकजुट हो जाती है, जबकि समाज में अच्छे लोगों को संगठित करने के लिए प्रयास करने पड़ते हैं । आरएसएस सभी बुराइयों से हिंदू समाज को मुक्त करना चाहता है, और हम समाज में इस बदलाव को लाने के लिए चल रहे आंदोलन का हिस्सा हैं।
उक्त समारोह में 15,000 स्वयंसेवकों के अतिरिक्त आध्यात्मिक संत विवेकानंद सरस्वती, आरएसएस के क्षेत्रीय अधिकारी दर्शन लाल और सूर्य प्रकाश, और मेरठ क्षेत्र के कई अन्य आरएसएस पदाधिकारी उपस्थित थे । जिस स्थान “जागृति विहार” पर अगले वर्ष 25 फरवरी को यह अनूठा समागम होने जा रहा है, वहां वैदिक मंत्रों के साथ भूमि पूजन संपन्न हुआ ।
संगठन का गणवेश पहने हजारों स्वयंसेवकों को मुख्य मंच के सामने बैठाया गया था | इस अवसर पर उन शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया गया, जो संघ शाखों में दैनिक गतिविधि का अंग होते हैं। ये स्वयंसेवकों रविवार को सुबह सुबह स्थल पर पहुंचने लगीं।
मेरठ क्षेत्र को 10,000 से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में विभाजित किया गया है और यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि प्रत्येक गांव से न्यूनतम पांच स्वयंसेवकों की उपस्थिति 25 फरवरी को समारोह में अवश्य रहे । कार्यक्रम स्थल पर आने जाने के लिए बसों की व्यवस्था तथा भोजन आदि की व्यवस्था सम्बन्धी दायित्व भी बाँट दिए गए हैं । जैसा कि संघ के इन कार्यक्रमों में अमूमन होता है प्रत्येक स्थानीय स्वयंसेवक तीन अन्य लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने वाले हैं ।


मुख्य आयोजन में 2.5 लाख स्वयंसेवकों की उपस्थित सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू हो गया है, जिसे संगठन के इतिहास में सबसे बड़ा करार दिया जा रहा है। व्यक्तिगत संपर्क के अतिरिक्त सोशल मीडिया के माध्यम से भी स्वयंसेवक सक्रिय हो गए हैं ।

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