डॉ. प्रवीण तोगडिया की गुमशुदगी और अहमदाबाद का आत्माराम धोती काण्ड |



दस वर्ष पुराने धारा १४४ उल्लंघन के एक मामले में विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तौगडिया को गिरफ्तार करने मुंह अँधेरे राजस्थान पुलिस अहमदावाद कार्यालय जा धमकी | 

उसके बाद से प्रवीण भाई अभी तक लापता हैं |

हैरत तो इस बात की कि उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है और राजस्थान पुलिस किसी गिरफ्तारी से भी इनकार कर रही है |

स्वाभाविक ही वीएचपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है और किसी अनहोनी की आशंका भी है |

स्मरणीय है कि इसके पूर्व विगत ४ जनवरी को अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने ३८ अन्य लोगों के साथ प्रवीण तोगड़िया व वर्तमान भाजपा विधायक बाबू जमनादास पटेल के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था | उन पर १९९६ में हत्या के प्रयासों सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज हुआ था | इन लोगों को ३० जनवरी को अदालत के समक्ष उपस्थित करने के लिए यह गैर जमानती वारंट जारी हुए थे ।

20 मई, 1 99 6 को अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम में तत्कालीन वरिष्ठ भाजपा नेता, आत्माराम पटेल और उनके समर्थकों तथा केशुभाई पटेल के वफादारों में संघर्ष हुआ था, जिसमें कथित तौर पर आत्माराम पटेल व शंकरसिंह वाघेला को जान बचाने के लिए भागना पड़ा था | कहा जाता है कि उग्र कार्यकर्ताओं ने आत्माराम को लगभग अर्द्ध नग्न कर दिया था, उनकी धोती खींच ली गई थी | तब से इस घटना को चटखारे लेकर "आत्माराम धोती कांड" के नाम से जाना जाता है | इसके बाद ही भाजपा का आंतरिक संघर्ष बढ़ा व अंततः वाघेला ने भाजपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी का गठन किया।

उस समय आत्माराम पटेल ने इस संबंध में एक शिकायत नारायणपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों में प्रकरण दर्ज किया था, जिनमें हत्या का प्रयत्न और दंगा फसाद की धाराएं सम्मिलित थीं । मामले की जांच को अहमदाबाद की अपराध शाखा (डीसीबी) सौंप दिया गया था।

हालांकि कहा यह जा रहा है कि इस प्रकरण में कोई राजनीति नहीं है | "सर्वोच्च न्यायालय ने देश की सभी अदालतों को निर्देशित किया है कि 10 साल से अधिक समय से लंबित मामलों का फैसला शीघ्र किया जाए । 

लेकिन श्री प्रवीन तोगड़िया के खिलाफ एक साथ दो मामलों में गैर जमानती वारंट जारी होने से माहौल गरमा गया है तथा मोदी जी और तोगड़िया जी के मतभेद की कहानियाँ फिजा में तैर रही हैं | 

एक ओर तो पुलिस का कथन कि तोगडिया जी की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, वे अपने आप एक रिक्शे में बैठकर कहीं चले गए, किन्तु दूसरी ओर उनकी जेड प्लस सुरक्षा | उनके साथ अंगरक्षक क्यों नहीं गए ? सुबह से उनका मोवाईल भी कवरेज क्षेत्र से बाहर है | जब तक वे मिल नहीं जाते, संशय का कुहासा छाया ही रहेगा |



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