कोलारस उपचुनाव की संभावनाएं और जमीनी हकीकत !


आज कोलारस विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्यासी देवेन्द्र जैन पत्ते वालों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया | इसके पूर्व कि हम चुनावी संभावना का अनुमान लगाएं, कुछ भूतकाल पर भी नजर डाल लें | राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी के आगमन के पूर्व कोलारस से लगातार कांग्रेस प्रत्यासी ही सफल होते रहे | किन्तु इसके बाद जनसंघ काल में जगदीश वर्मा, तो भाजपा बनने के कामता प्रसाद बेमटे, ओम प्रकाश खटीक और देवेन्द्र जैन भी भाजपा प्रत्यासी के रूप में चुनाव में विजई हुए हैं | बीच में केवल दो बार कांग्रेस सफल हुई है | अतः कहा जा सकता है कि भाजपा की संगठनात्मक जड़ें कोलारस में गहरी हैं | किन्तु साथ ही सिंधिया राजपरिवार के प्रभाव को भी नकारा नहीं जा सकता |

निश्चित रूप से इसी स्थिति को भांपकर भाजपा संगठन ने टिकिट वितरण में यशोधरा राजे जी के मन को भी ध्यान में रखा | उनकी पसंद को भले ही नहीं माना गया हो, किन्तु क्यों नहीं माना जा रहा, इसका पूरा कारण उन्हें बताकर संतुष्ट अवश्य किया गया | उनके सम्मान का पूरा ध्यान रखते हुए उनके विरोध में कांग्रेस टिकिट पर चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक श्री वीरेन्द्र रघुवंशी को दर किनार कर श्री देवेन्द्र जैन पत्ते वालों को टिकिट उनकी सहमति के बाद ही दिया गया | हालांकि इसके लिए देवेंद्र जी की कुशलता को श्रेय दिया जा सकता है | वे यशोधरा जी से मिले और उन्हें भाजपा प्रत्यासी के रूप में स्वयं के समर्थन के लिए मनाया |

स्मरणीय है कि श्री देवेन्द्र जैन का राजनैतिक जीवन यशोधरा राजे जी के समर्थन से ही प्रारम्भ हुआ था | किन्तु जब उनके स्थान पर स्वयं यशोधरा जी शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ीं, तब दोनों के बीच दूरी बढ़ गईं | राजे जी का स्वभाव है कि जो एक बार उनका सहयोगी रहा, उनके मन में किसी कोने में हमेशा उसके लिए स्थान रहा | इसका मुझे व्यक्तिगत अनुभव है | एक प्रसंग साझा कर रहा हूँ |

एक शासकीय कर्मचारी उनके अत्यंत निकट रहने के बाद उनका धुर विरोधी हो गया | उसी समय मध्यप्रदेश का विभाजन होकर छत्तीसगढ़ अलग हुआ | कुछ कार्यकर्ताओं ने सलाह दी कि उस कर्मचारी को छत्तीसगढ़ ट्रांसफर कर दिया जाए | राजे साहब का उत्तर था – यह संभव नहीं, क्योंकि यह उसके परिवार के साथ भी अन्याय होगा | मैं उसके किये की सजा पूरे परिवार को नहीं दे सकती | और आज भले ही वह मेरे साथ न हो, किन्तु उसके फोटो मेरे पूरे परिवार के साथ हैं, मैं उसका बुरा नहीं कर सकती | और इसके बाद वह शासकीय कर्मचारी आज भी ठाठ से शासकीय सेवा कर रहा है |

यही वह बिंदु है, जहाँ से कोलारस की चुनावी लय ताल नए दौर में पहुँच गई है | आमजन को कैसे प्रभावित किया जाता है, इसमें यशोधरा जी अत्यंत ही कुशल हैं | आज देवेन्द्र जी का नामांकन दाखिल करवाने वे एक मोटर साईकिल पर सवार होकर पहुँचीं | 

दो दिन पूर्व ग्रहण वाले दिन कांग्रेस प्रत्यासी ने भी अपना नामांकन भरा था | उनके साथ कांग्रेस की एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए सभी दिग्गज नेता भी थे | लेकिन सवाल उठता है कि उनमें से जमीनी पकड़ कितनों की ? जीवंत जनसंपर्क कितनों का ? कोलारस जैसे ग्रामीण अंचल में अजय सिंह जी राहुल भैया, सुरेश पचौरी या कमलनाथ जी से किसी को क्या लेनादेना ? बेशक ज्योतिरादित्य जी का चुम्बकीय प्रभाव है, किन्तु उसके पीछे भी उनका सिंधिया कुल ही है | 

विगत चुनाव में देवेन्द्र जैन जी के चनाव अभियान से यशोधरा राजे जी नदारद थीं और नतीजा सबके सामने है | वे २५ हजार वोटों से पिछड़ गए थे | इस बार जबकि आज उनके चुनाव अभियान का श्रीगणेश स्वयं शिवराज सिंह चौहान, यशोधरा राजे जी, उमा भारती जी के भतीजे राहुल, मंत्रीमंडल के तमाम सदस्य और प्रभात झा कर रहे हैं, तो जातीय संतुलन और प्रभाव दोनों मिलकर, भाजपा के पक्ष में सकारात्मक समीकरण बन गया है | 

हम कितना ही इनकार करें, किन्तु राजनीति में सामाजिक जातिगत समीकरण चलते ही हैं | जिस सहानुभूति लहर की आशा पर टिकिट पूर्व विधायक स्व. रामसिंह जी के सुपुत्र को कांग्रेस ने दिया था, वह तो इलाके में दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रही और दुर्भाग्य से यह चुनाव यादव विरूद्ध धाकड़, लोदी, वैश्य और और और और हो गया है | 

एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य जो भाजपा की बढ़त दर्शाता है, वह है संगठनात्मक संरचना | कांग्रेस के जिलाध्यक्ष स्वयं कोलारस के स्वर्गीय विधायक रामसिंह यादव ही थे, उनके देहांत के बाद विगत १४ वर्षों से लगातार विपक्ष में रह रही कमजोर कांग्रेस संगठनात्मक रूप से और भी अस्त व्यस्त हो गई है | यहाँ तक कि आज कोई घोषित जिलाध्यक्ष भी नहीं है | जबकि सभी जानते हैं भाजपा की संगठनात्मक संरचना अत्यंत ही मजबूत है | एक ओर केवल बाहरी नेताओं की दम पर चुनाव अभियान में उतरी कांग्रेस है, तो दूसरी ओर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव पटु प्रदेश के नेता | इबारत दीवार पर साफ़ लिखी दिखाई दे रही है | कोई भी पढ़ सकता है | कांग्रेस की कोलारस सीट भाजपा के खाते में जाती दिखाई दे रही है |

यह चुनाव केवल तब ही कांग्रेस के पक्ष में थोडा बहुत झुक सकता है, यदि कांग्रेस चुनाव पूर्व ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को भावी मुख्यमंत्री प्रत्यासी घोषित कर दे ! 

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