आज रात का स्वप्न - मुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य और प्रधानमंत्री राहुल गांधी ?? (लघु व्यंग)



आज स्वप्न में अपने राहुल भैया और दिग्विजय चाचा की चर्चा नजर आई | 

राहुल जी फरमा रहे थे – अमां गुरू जिसे देखो वो सलाह फेंक रिया है कि अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनानी है तो ज्योतिरादित्य को पहले मुख्यमंत्री घोषित करो | अगर मध्यप्रदेश में कांग्रेस जीत गई तो २०१९ में देश भी जीत सकते हैं और फिर मेरे प्रधान मंत्री बनने का रास्ता भी साफ़ |

दिग्विजय थोडा मुस्कुराये और फिर कानाफूसी के अंदाज में राहुल भैया से फुसफुसाए – जे बताओ पहले कि कांग्रेस का भला चाहते हो या खुद का ?

सवाल ऐसा था कि राहुल भैया एकदम से अकबकाय गए, फिर थोडा सोचकर और संभलकर दिग्विजय चाचा की आँखों में आँखें डालकर बोले – दोनों का |

अब तो दिग्विजय जी ठठा कर हंस पड़े, जिसके लिए वे सदा से मशहूर रहे हैं, फिर बोले – एकदम झूठी बात | अगर कांग्रेस का भला चाहते तो कबके कांग्रेस से विदा ले लिए होते | इत्ते चुनाव हरवाय दिए, और अभी भी कह रहे हो कांग्रेस का भला चाहते हो | 

थोडा झेंपे से राहुल बोले – तो ज्योतिरादित्य का क्या करें, जे तो बताओ ?

दिग्विजय ने गूढ़स्वर में मानो सूत्र वाक्य उच्चारा – मान लो ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद कांग्रेस मध्यप्रदेश में जीत भी गई, तो आपको क्या लाभ होगा ? मध्यप्रदेश के पहले कर्णाटक में सूपड़ा साफ़ हो ही चुका होगा | दक्षिण में केरल, तमिलनाडु, आंध्र, तेलंगाना, सब जगह पहले से ही शून्य बटा सन्नाटा है कांग्रेस | पूर्व में बंगाल, उडीसा, असम में तीसरे चौथे स्थान पर आकर कांग्रेस केंडीडेट जमानते जब्त करवाते हैं | 

कित्ती भी बढ़ जाए, अपनी दम पर तो लोकसभा में पूर्ण बहुमत का २७२ का आंकड़ा छूने से रही | ऐसे में गोरे चिट्टे फ़िल्मी हीरो जैसे ज्योतिरादित्य को और आगे कर दो, तो भैय्ये तुम्हें कौन घांस डालेगा ? 

मिली जुली सरकार बनी भी तो सर्वमान्य के नाम पर जैसे पहले हरदनहल्ली दुंडेगौडा देवेगौडा प्रधान मंत्री बन गए, इस बार ज्योतिरादित्य बन गए तो ? 

बैसे भी बंगालन ममता या मराठा सर्द पंवार से उनके सम्बन्ध जगजाहिर हैं और पंजाब के अमरिंदर तो सगे संबंधी ही हैं सिंधिया के |

सवाल सुनते ही मानो राहुल जी के सारे पित्ते पानी हो गए | बोले अब इत्ता भी पप्पू नहीं हूँ मैं, जो अपने लिए खुद ही गड्ढा खोदूं ? कौन ज्योतिरादित्य ? कहाँ का ज्योतिरादित्य ? मेरे तो जो कुछ हैं आप और अजयसिंह ही हो, कमसेकम मेरे से आगे जाने की कोशिश तो नहीं करोगे | 

सरकार बने या न बने मुख्य बात है - अपने राम का बने रहना |

और फिर मेरी नींद खुल गई | 

तो मुझे लगता है और कुछ हो न हो, मुख्यमंत्री बनाना तो दूर की बात है, ज्योतिरादित्य के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव भी नहीं लडेगी कांग्रेस | 

कांग्रेस में कोई त्यागी तपस्वी थोड़े ही बैठे हैं, जो राजमाता विजयाराजे सिंधिया की तरह दूसरों को बनाएं और खुद को आजीवन पीछे रखें |

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