शिवराज जी और ज्योतिरादित्य जी की जन्म कुण्डली - हरिहर शर्मा


भाजपा में शिवराज जी और कांग्रेस में ज्योतिरादित्य जी, दोनों ही सर्वोपरि हैं, उनके दल में उनसे अधिक जनप्रिय नेता और कोई नहीं है | 

लेकिन लेकिन लेकिन ...... 

अपने अपने दल में दोनों के ही विरोधियों की भी कमी नहीं है | भाजपा में अनेक नेता इस इंतज़ार में हैं कि कब शिवराज जी को खो मिले और उनके भाग्य से छींका टूटे | वहीँ कांग्रेस में तो ज्योतिरादित्य जी की टांग खिंचाई करने को तत्पर रहने वाली बड़ी टीम है ही | 

28 नवम्बर को होने जा रहे विधान सभा चुनावों में कौन जीतेगा, कौन नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में हैं, तब तक ज्योतिष प्रेमी सुधी मित्र दोनों महानुभावों की जन्मकुंडलियों पर ही नजर दौड़ा लें कि क्या कहती है, इनकी गृहदशा ! 

तो शुरूआत शिवराज जी से करते हैं – 



12 मई 2017 से शिवराज जी की शनि महादशा में बुध की अन्तर्दशा प्रारम्भ हुई है, जो 21 जनवरी 2020 तक चलेगी | शिवराज जी ने 2013 का पिछला चुनाव गुरू महादशा में राहू की अन्तर्दशा के दौरान जीता था | जबकि राहू उनकी जन्मकुण्डली के पंचम भाव में स्थित है और परम्परागत ज्योतिष के अनुसार विचार करें तो यह पूर्व पूण्य के क्षय का द्योतक और अपयश कारक होना चाहिए था, किन्तु ऐसा तो हुआ नहीं | अब इसका कारण कृष्णमूर्ति पद्धति में ढूँढते हैं | राहू चंदमा के नक्षत्र पर है तथा सब लार्ड है बुध | चन्द्रमा पराक्रमेश होकर भाग्य भाव में स्थित है तथा बुध पंचमेश होकर लाभ भाव में | स्वाभाविक ही यह स्थिति भाग्योदय कारक और यशबर्धक सिद्ध हुई | 

अब वर्तमान गृहदशा शनि में बुध का विचार करें तो बुध का नक्षत्र लार्ड है शनि तथा सब लार्ड भी पुनः 2013 के ही समान बुध ही है | शनि राज्येश होकर स्थित तो अष्टम भाव में है, किन्तु राज्य भाव को देख भी रहा है | और सब लार्ड बुध भी पंचमेश होकर लाभ में स्थित है ही | अतः मोटे तौर पर गृह स्थिति संघर्षपूर्ण अनुकूलता की द्योतक है | 

अब नजर दौडाते हैं ताजिक पद्धति से शिवराज जी की वर्ष कुण्डली पर – 



यहाँ लग्नेश चन्द्र और भाग्येश गुरू चतुर्थ भाव में गजकेशरी योग निर्मित कर रहे हैं तथा राज्येश मंगल स्वराशिस्थ होकर यश भाव में है | और सबसे प्रमुख बात मुन्था - राज्य भाव में है | तो कहा जा सकता है कि 5 मार्च 2018 से प्रारम्भ होने वाला वर्ष राजनैतिक रूप से पूर्णतः अनुकूल ही रहेगा | 

अब चलते हैं ज्योतिरादित्य जी की कुण्डली की ओर – 



26 जून 2018 से ज्योतिरादित्य जी का शनि में राहू का अंतर प्रारम्भ हो रहा है | पारंपरिक ज्योतिष के अनुसार नीच का शनि और द्वितीय भाव में राहू, किसी प्रकार के राजनैतिक अभ्युदय नहीं दर्शाता | कृष्णमूर्ति पद्धती के अनुसार राहू मंगल के नक्षत्र पर है तथा सब लार्ड है बुध | मंगल लाभेश होकर राज्य भाव में स्थित है तथा बुध षष्टेश तथा भाग्येश होकर व्यय भाव में | अब यह स्थिति कितनी सफलता देगी और वह भी शिवराज जी की प्रबल गृहस्थिति के सम्मुख ? 

ज्योतिरादित्य जी की वर्षकुण्डली पर भी विचार करते हैं – 



1 जनवरी 2018 से प्रारभ हुए वर्ष में मुन्था लाभ भाव में है तथा राज्येश मगल भाग्य भाव में | किन्तु राज्य भाव में पंचमेश तथा अष्टमेश बुध की उपस्थिति मिश्रित फल देगी | 

अब आप इसे मेरा पूर्वाग्रह मानें अथवा ज्योतिष के सामान्य ज्ञान की न्यूनता, किन्तु मेरे मत में तो तुलनात्मक रूप से ज्योतिषीय दृष्टि से शिवराज जी की सफलता के अधिक संकेत हैं | रहा सवाल कमलनाथ जी का, तो उस पर चर्चा फिर कभी !