कांग्रेस के गरीब दलित नेता मल्लिकार्जुन खडगे - महज पचास हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक


कांग्रेस के दिग्गज नेता मल्लिकार्जुन खर्गे का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है | वे पिछले 45 वर्षों से कांग्रेस के सांसद और कई बार विधायक रहे हैं | ख़ास बात यह है कि दलित होने के नाते उन्होंने हमेशा कर्नाटक से आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से ही चुनावी सफलता अर्जित की और वर्तमान में लोकसभा के मुख्य विपक्षी नेता माने जाते हैं । 

19 दिसंबर 2014 को नागपुर टुडे में एक समाचार प्रकाशित हुआ था, जिसके अनुसार, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर, नागपुर समेत देश के कई शहरों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में लोकायुक्त जांच की तलवार लटक गई थी | आरोप था कि श्री खडगे की पुणे, मुंबई, गोवा, दिल्ली, मैसूर, गुलबर्गा और चेन्नई में स्वयं के अलाव बेटों, बेटियों, दामाद और पत्नी के नाम पर संपत्तियां हैं | 

बेंगलूर की एक संस्था समाज परिवर्तन समिति के जनरल सेक्रेटरी बी राथकर ने खर्गे के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक धन अर्जित किया और इसलिए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत यह शिकायत दर्ज की गई थी। 

शिकायत में यह भी आरोप था कि अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह धन इकट्ठा किया गया था, विशेषकर एससी बैकलॉग रिक्तियों को भरने के लिए सहायक इंजीनियरों के 1,427 पदों और कनिष्ठ इंजीनियरों की अवैध नियुक्तियां की गई थी। वर्ष 1980 से राज्य के राजस्व मंत्री के रूप में, उन्होंने बहुत धन अर्जित किया और कुल मिलाकर यह 50,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई । 

श्रीमान खडगे के पास 500 करोड़ रुपये मूल्य का बन्नरघट्टा में एक विशाल परिसर है, 1,000 करोड़ रुपये का चिकमगलूर में 300 एकड़ का विशाल कॉफी बागान है, 50 करोड़ रुपये का एक मकान, 40 एकड़ का केनेरी फार्महाउस, 25 करोड़ रुपये का बेंगलुरु में एमएस रामाय्या कॉलेज के पास एक आलीशान इमारत , आरटी नगर का एक घर, बेल्लारी रोड पर 17 एकड़ भूमि, इंदिरा नगर में तीन मंजिला इमारत, सदाशिवनगर में दो घर हैं। इसके अलावा, उन्हें कई समाजों का नेतृत्व करने का आरोप है और उनके लिए अनुदान प्राप्त हुआ है। शिकायत के अनुसार "उन्होंने अपने चुनाव शपथ पत्र में भी झूठी जानकारी दी है " । 

उनकी बेटी जयश्री खड़गे एक डॉक्टर हैं जो अनुसूचित जाति के लिए मिलने वाले आरक्षण का लाभ लेकर एमबीबीएस और एमडी कर चुकी हैं | 

उनकी बेटी प्रियदर्शिनी खड़गे भी डॉक्टर हैं और वे भी अनुसूचित जाति के लिए प्रदत्त आरक्षण सुविधा का उपयोग कर एमबीबीएस एमडी कर चुकी हैं | 

उनके बेटे राहुल खड़गे, अनुसूचित जाति की आरक्षण सुविधा के माध्यम से यूवीसीई, बेंगलुरू से इंजीनियरिंग करने के बाद बैंगलोर में एक आईटी कंपनी के मालिक है | 

उनके दूसरे बेटे प्रियांक खड़गे, वर्तमान कर्नाटक सरकार में आईटी मंत्री हैं और स्वाभाविक ही कर्नाटक के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से ही जीते थे। 

उनके एक और सुपुत्र हैं मिलिंद खड़गे, आखिर मल्लिकार्जुन जी के सुपुत्र हैं, तो विधायक भी हैं और मंत्री भी और यह तो कोई भी समझ सकता है कि वे भी कर्नाटक के अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से ही जीते हैं। 

परिवार की कई आईटी कंपनियां, अस्पताल, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां हैं | 

कितने समझदार है हमारे दलित बन्धु जो अपने लिए कुछ नहीं चाहते, अपने नेताओं को करोड़पति से अरबपति, अरबपति से ख़रबपति बनते देखना चाहते हैं | पता नहीं ये कब समझेंगे कि इनके तथाकथित नेता, इनके हिस्से के लाभ लेकर अपनी सात पुश्तों का भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं | आपका नहीं | फिर चाहे मल्लिकार्जुन खडगे हों या मायावती | 

अरे भाई अगर सचमुच असमानता दूर करनी है, सबको समान स्तर पर लाना है, तो क्रीमी लेयर को आरक्षण की सुविधा से बंचित करना ही पडेगा | अन्यथा तो हजारों वर्षों तक आरक्षण देते रहो, कोई परिवर्तन होने वाला नहीं है |

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