सिक्यूलर बनने की दिशा में केवल सुषमा जी या समूची भाजपा ? एक विचारणीय प्रश्न !



23 फरवरी 2018 को समाचार पत्रों में एक समाचार छपा, जिसमें सेना प्रमुख श्री बिपिन रावत ने बांगलादेशी घुसपैठियों की सबसे बड़ी पैरोकार, आसाम की कुख्यात पार्टी AIUDF का उल्लेख करते हुए कहा कि कितने हैरत की बात है कि जनसंघ जैसी पुरानी पार्टी को आसाम में दो सांसद जिताने में वर्षों लग गए, जबकि यह पार्टी देखते ही देखते इस लक्ष्य को पा गई | 

उल्लेखनीय है कि 2004 में बदरुद्दीन अजमल ने इस राजनैतिक दल का गठन किया | आसाम के बड़े इलाके में इन साहब को “हुजूर” कहकर ही सम्मानित किया जाता है | बांग्लादेश से सटे हुए गोलपारा, धुबरी, बोरपेटा और बोंगईगाँव इस पार्टी के गढ़ माने जाते हैं | 

पूर्वी पाकिस्तान से बांगलादेश बनने से पूर्व ही इन इलाकों में घुसपैठ की समस्या पैदा हो गई थी | आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की शक्ति का मूल आधार ये घुसपैठिये ही हैं | 2011 की जनगणना के अनुसार बदरुद्दीन धुबरी से ही सांसद चुने जाते हैं, जहाँ की लगभग 80 प्रतिशत आबादी बांगला भाषी मुस्लिम हो चुकी है और मूल असमिया भाषी अल्पसंख्यक बन गए हैं | सेना प्रमुख इसी जनसँख्या असंतुलन को चिंताजनक बता रहे थे | 

खैर बांगलादेशी घुसपैठियों का विषय तो बहुत लम्बे समय से चर्चित रहा है, और उस आधार पर ही आज भाजपा आसाम में सत्तारूढ़ भी है | विगत चुनाव में एक प्रकार से जनमत संग्रह हुआ था, जिसमें आसाम की जनता ने खुलकर घुसपैठ के खिलाफ मतदान किया था | किन्तु चिंताजनक तो अब यह है कि भाजपा अपना रुख बदलती दिखाई दे रही है | 

दिसंबर 2017 में बदरुद्दीन अजमल ने एक ट्वीट कर भारत सरकार को इस बात के लिए वधाई दी कि उसने संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका के उस प्रस्ताव के विरोध में वोट किया, जिसमें येरुसलम को इजराईल की राजधानी के रूप में मान्यता दी गई थी | 



भारत सरकार ने इजराईल का विरोध क्यूं किया, इसको इस लेख का विषय नहीं बनाते | चिंताजनक है भारत सरकार की विदेशमंत्री द्वारा बदरुद्दीन अजमल के उक्त ट्वीट पर की गई प्रतिक्रिया | जानते हैं 22 दिसंबर 2017 को सुषमा जी ने क्या प्रतिक्रिया दी ? सुषमा जी ने लिखा कि – थैंक यू अजमल साहेब, नाउ यू वोट फॉर अस | धन्यवाद अजमल साहब अब आप हमें वोट करें | 

क्या यह सामान्य बात है ? 

क्या होगा घुसपैठ की समस्या का ? 

जनरल रावत जिस पार्टी को देश की सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं, आप उसी पार्टी से वोट की भीख मांग रहे हैं | 

काश यह सुषमा जी की व्यक्तिगत दिशा हो और भाजपा इस राह पर न चले !
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