प्रादेशिक भाषायी साहित्य पुरस्कारों के लिये आवेदन 9 जुलाई तक आमंत्रित

साहित्य अकादमी द्वारा 6 प्रादेशिक बोलियों पर आधारित साहित्य के लिये पुरस्कारों हेतु 9 जुलाई तक आवेदन पत्र मांगे गये हैं। एक जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2017 तक प्रकाशित श्रेष्ठ कृतियों पर ही आवेदन किये जा सकेंगे। आवेदन के साथ कृति की 5 प्रतियाँ जमा कराना होगी।
मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा मध्यप्रदेश की 6 प्रादेशिक बोलियों मालवी भाषा के लिये संत चीपा पुरस्कार, निमाड़ी के लिये संत सिंगाजी स्मृति पुरस्कार, बघेली के लिये भी विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार, बुन्देली भाषा के लिये श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार, भीली भाषा के लिये टंटया भील स्मृति पुरस्कार और गोंडी भाषा के लिये रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार, निबंध कहानी, उपन्यास या कविता में से किसी एक-एक कृति पर 51 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।
यह पुरस्कार केवल प्रादेशिक बोलियों के रचनाकारों के लिये ही दिया जायेगा। ऐसे रचनाकार जो खड़ी बोली या अन्य भाषाओं पर रचना करते है या उनकी कृति प्रकाशित एवं पुरस्कृत है, उनके आवेदन मान्य नहीं किये जायेंगे।
एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें